अमेठी में आशा बहुओं का प्रशिक्षण संपन्न:5 दिन चला प्रशिक्षण, जामो सीएचसी में दिए गए प्रमाण पत्र

अमेठी के जामों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सोमवार से शुरू हुआ एचबीएनसी (गृह आधारित नवजात शिशु और महिला देखभाल) विषय पर माड्यूल का तीसरे चरण का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुक्रवार को समाप्त हो गया। इस दौरान सभी आशा बहुओं को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। भारत सरकार द्वारा शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और प्रजनन दर में कमी लाने के उद्देश्य से गृह आधारित नवजात शिशु और महिला देखभाल के लिए एचबीएनसी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत आशा बहुओं को नवजात शिशुओं और महिलाओं की देखभाल से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है। आशाओं को क्षेत्र भ्रमण के दौरान नवजात शिशुओं के घरों का 7 अलग-अलग दिनों में भ्रमण करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इन दिनों में 1, 3, 7, 14, 21, 28 और 42वें दिन नवजात शिशुओं और महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी की जाती है, ताकि गंभीर संक्रमण की पहचान कर उसका निदान किया जा सके और असमय शिशु मृत्यु को कम किया जा सके। कुपोषण के बारे में विस्तार से बताया इस प्रशिक्षण में आशा बहुओं को सुरक्षित गर्भपात, परिवार नियोजन, सेप्सिस, टीवी, मलेरिया, कुपोषण जैसे गंभीर बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया गया। इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण में 30 आशा बहुओं को 11 नवंबर से 15 नवंबर तक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के समापन पर आशा बहुओं को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर सीएचसी अधीक्षक डॉ. शैलेश गुप्ता, बीसीपीएम राम केवल गौतम, हरि बक्स सिंह, आलोक कुमार तिवारी और अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।

Nov 15, 2024 - 14:30
 0  345.9k
अमेठी में आशा बहुओं का प्रशिक्षण संपन्न:5 दिन चला प्रशिक्षण, जामो सीएचसी में दिए गए प्रमाण पत्र
अमेठी के जामों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सोमवार से शुरू हुआ एचबीएनसी (गृह आधारित नवजात शिशु और महिला देखभाल) विषय पर माड्यूल का तीसरे चरण का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुक्रवार को समाप्त हो गया। इस दौरान सभी आशा बहुओं को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। भारत सरकार द्वारा शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और प्रजनन दर में कमी लाने के उद्देश्य से गृह आधारित नवजात शिशु और महिला देखभाल के लिए एचबीएनसी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत आशा बहुओं को नवजात शिशुओं और महिलाओं की देखभाल से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है। आशाओं को क्षेत्र भ्रमण के दौरान नवजात शिशुओं के घरों का 7 अलग-अलग दिनों में भ्रमण करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इन दिनों में 1, 3, 7, 14, 21, 28 और 42वें दिन नवजात शिशुओं और महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी की जाती है, ताकि गंभीर संक्रमण की पहचान कर उसका निदान किया जा सके और असमय शिशु मृत्यु को कम किया जा सके। कुपोषण के बारे में विस्तार से बताया इस प्रशिक्षण में आशा बहुओं को सुरक्षित गर्भपात, परिवार नियोजन, सेप्सिस, टीवी, मलेरिया, कुपोषण जैसे गंभीर बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया गया। इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण में 30 आशा बहुओं को 11 नवंबर से 15 नवंबर तक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के समापन पर आशा बहुओं को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर सीएचसी अधीक्षक डॉ. शैलेश गुप्ता, बीसीपीएम राम केवल गौतम, हरि बक्स सिंह, आलोक कुमार तिवारी और अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow