आउटसोर्सिंग कर्मियों की सेवा सुरक्षा को लेकर सरकार सख्त:अब मनमाने तरीके से नहीं निकाल पाएंगी एजेंसिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मियों के नियुक्ति और वेतन भुगतान को लेकर सख्त कदम उठाया है। इसके लिए एक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार के आदेश में कहा गया है कि अब आउटसोर्सिंग एजेंसियां कर्मचारियों को मनमाने तरीके से नहीं हटा सकेंगी। किसी भी कर्मचारी को निकालने से पहले संबंधित विभाग से अनुमति लेनी होगी। इस आदेश के बाद कर्मचारियों के साथ अनुशासनहीनता या किसी अन्य कारण से हटाने की प्रक्रिया पारदर्शी रहेगी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस संबंध में संशोधित शासनादेश जारी करते हुए कहा कि अब कोई भी सेवा प्रदाता एजेंसी कर्मचारियों के रख-रखाव के लिए कोई भी धनराशि नहीं ले सकेगी। इसके साथ ही हर माह की तय तारीख पर कर्मियों को उनका मानदेय भुगतान करना होगा। अगर समय पर भुगतान नहीं हुआ तो संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही जेम पोर्टल से खरीदारी और नीलामी अब अनिवार्य कर दी गई है। इसका मतलब है कि अब कबाड़ और अन्य सामग्री की नीलामी भी जेम पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को सेवायोजन पोर्टल से ही नियुक्त करने को अनिवार्य कर दिया है। किसी भी प्रकार की अनियमितता रोकी जा सके। वर्तमान में कार्यरत कर्मियों को प्रभावित नहीं किया जाएगा। लेकिन भविष्य में सभी नए कर्मियों का चयन केवल इस पोर्टल के माध्यम से ही किया जाएगा। इसके साथ ही आउटसोर्सिंग कर्मियों को समय से मानदेय न मिलने पर एजेंसियों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान भी रखा गया है।
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