एफसीआई के गोदाम में 145 से ज्यादा बंदरों की मौत:हाथरस में गोदाम में ही करा दिया दफन, हंगामे के बाद पहुंचे अधिकारी

हाथरस में एफसीआई के गोदाम में जहरीला पदार्थ खाकर काफी बंदरों की मौत हो गई। एफसीआई गोदाम के कर्मियों ने बिना प्रशासन को सूचित किए इन बंदरों के शव गोदाम परिसर में ही दफन करा दिए। जब कुछ हिंदूवादी नेताओं को जानकारी हुई तो उन्होंने वहां जाकर हंगामा किया। प्रबंधक का कहना था कि यहां पर सात आठ बंदरों की मौत हुई है और उनकी आत्मा शांति के लिए वह हनुमान चालीसा का पाठ कराएंगे। इस पर कुछ हिंदूवादी नेता तो संतुष्ट हो गए लेकिन कुछ का कहना था कि बंदरों की संख्या गलत बताई जा रही है। इन लोगों ने इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी। एडीएम (जे) शिवनारायण शर्मा, एसडीम सदर, सीओ सिटी काफी पुलिस फोर्स के साथ वहां पहुंच गए। पूछताछ में यह बात निकाल कर आई कि यहां 145 से ज्यादा बंदरों की मौत हुई है और उन्हें दफन कर दिया गया। अधिकारियों ने वहां पूछताछ और जांच पड़ताल शुरू कर दी। 7-8 बंदरों की मौत बताई हाथरस में कलवारी रोड पर एफसीआई का गोदाम है। वहां खाद्यान्न रखा जाता है। खाद्यान्न के साथ-साथ सल्फास की गोलियां भी रखी जाती हैं। पिछले सप्ताह गोदाम में काफी तादाद में बंदर जहरीला पदार्थ खाकर मर गए‌। कर्मचारियों ने इस बात को छिपाए रखा और इन बंदरों के शव गोदाम परिसर में दफन करा दिए। इसकी जानकारी हिंदूवादियों को हुई तो वह आज गोदाम पर पहुंच गए और उन्होंने वहां हंगामा करना शुरू कर दिया। कुछ पदाधिकारियों को तो प्रबंधक ने समझा-बुझाकर शांत कर दिया और उन्हें बताया कि सात या आठ बंदरों की मौत हुई है और उनका विधिवत रूप से अंतिम संस्कार भी करा दिया गया है। आपस में ही भिड़ गए हिंदूवादी नेता इधर, कुछ गौसेवकों का आरोप था कि बंदरों की संख्या काफी ज्यादा है और मैनेजर झूठ बोल रहे हैं। इस पर वहां हिंदूवादियों में ही आपस में ही झड़प हो गई। मैनेजर नीरज शर्मा का कहना था कि सात या आठ बंदरों की मौत हुई है। उनकी आत्मा शांति के लिए वह सुंदरकांड का पाठ भी कराएंगे। प्रशासनिक अधिकारियों ने की जांच पड़ताल इधर, इस बारे में जैसे ही प्रशासन को जानकारी मिली तो एडीएम सदर (जे) एसडीएम सदर, सीओ सिटी पुलिस फोर्स के साथ वहां पहुंच गए। इन अधिकारियों ने जब कर्मचारियों से पूछताछ की तो यह जानकारी मिली कि यहां 145 बंदरों की मौत हुई थी और बिना प्रशासन को सूचित किए इन बंदरों को गोदाम परिसर में ही दफन कर दिया गया। प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुट गए। अधिकारियों का कहना था कि मामले की जांच कराई जा रही है और यदि जरूरत होगी तो उसे स्थान की खुदाई भी कराई जाएगी, जहां बंदरों के शव दफन किए गए हैं।

Nov 20, 2024 - 15:05
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एफसीआई के गोदाम में 145 से ज्यादा बंदरों की मौत:हाथरस में गोदाम में ही करा दिया दफन, हंगामे के बाद पहुंचे अधिकारी
हाथरस में एफसीआई के गोदाम में जहरीला पदार्थ खाकर काफी बंदरों की मौत हो गई। एफसीआई गोदाम के कर्मियों ने बिना प्रशासन को सूचित किए इन बंदरों के शव गोदाम परिसर में ही दफन करा दिए। जब कुछ हिंदूवादी नेताओं को जानकारी हुई तो उन्होंने वहां जाकर हंगामा किया। प्रबंधक का कहना था कि यहां पर सात आठ बंदरों की मौत हुई है और उनकी आत्मा शांति के लिए वह हनुमान चालीसा का पाठ कराएंगे। इस पर कुछ हिंदूवादी नेता तो संतुष्ट हो गए लेकिन कुछ का कहना था कि बंदरों की संख्या गलत बताई जा रही है। इन लोगों ने इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी। एडीएम (जे) शिवनारायण शर्मा, एसडीम सदर, सीओ सिटी काफी पुलिस फोर्स के साथ वहां पहुंच गए। पूछताछ में यह बात निकाल कर आई कि यहां 145 से ज्यादा बंदरों की मौत हुई है और उन्हें दफन कर दिया गया। अधिकारियों ने वहां पूछताछ और जांच पड़ताल शुरू कर दी। 7-8 बंदरों की मौत बताई हाथरस में कलवारी रोड पर एफसीआई का गोदाम है। वहां खाद्यान्न रखा जाता है। खाद्यान्न के साथ-साथ सल्फास की गोलियां भी रखी जाती हैं। पिछले सप्ताह गोदाम में काफी तादाद में बंदर जहरीला पदार्थ खाकर मर गए‌। कर्मचारियों ने इस बात को छिपाए रखा और इन बंदरों के शव गोदाम परिसर में दफन करा दिए। इसकी जानकारी हिंदूवादियों को हुई तो वह आज गोदाम पर पहुंच गए और उन्होंने वहां हंगामा करना शुरू कर दिया। कुछ पदाधिकारियों को तो प्रबंधक ने समझा-बुझाकर शांत कर दिया और उन्हें बताया कि सात या आठ बंदरों की मौत हुई है और उनका विधिवत रूप से अंतिम संस्कार भी करा दिया गया है। आपस में ही भिड़ गए हिंदूवादी नेता इधर, कुछ गौसेवकों का आरोप था कि बंदरों की संख्या काफी ज्यादा है और मैनेजर झूठ बोल रहे हैं। इस पर वहां हिंदूवादियों में ही आपस में ही झड़प हो गई। मैनेजर नीरज शर्मा का कहना था कि सात या आठ बंदरों की मौत हुई है। उनकी आत्मा शांति के लिए वह सुंदरकांड का पाठ भी कराएंगे। प्रशासनिक अधिकारियों ने की जांच पड़ताल इधर, इस बारे में जैसे ही प्रशासन को जानकारी मिली तो एडीएम सदर (जे) एसडीएम सदर, सीओ सिटी पुलिस फोर्स के साथ वहां पहुंच गए। इन अधिकारियों ने जब कर्मचारियों से पूछताछ की तो यह जानकारी मिली कि यहां 145 बंदरों की मौत हुई थी और बिना प्रशासन को सूचित किए इन बंदरों को गोदाम परिसर में ही दफन कर दिया गया। प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुट गए। अधिकारियों का कहना था कि मामले की जांच कराई जा रही है और यदि जरूरत होगी तो उसे स्थान की खुदाई भी कराई जाएगी, जहां बंदरों के शव दफन किए गए हैं।

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