एम्स निदेशक ने BHU अस्पताल की खामियां नोट की:आयुर्वेद वार्ड का मोबाइल से बनाया वीडियो, BHU के डाक्टरों से की वार्ता

BHU-IMS के साथ एम्स नई दिल्ली,शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से हुए अनुबंध के बाद पहली बार सुविधाओं का आंकलन करने पहुंचे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के निदेशक डा.एम.श्रीनिवास ने पूरे अस्पताल का भ्रमण किया। उन्होंने सभी सुविधाओं और कमियों को नोट किया। अस्पताल और विभाग भ्रमण करने के बाद देर शाम उन्होंने केएन उडुप्पा सभागार में डाक्टरों से संवाद भी किया। जिसमें डाक्टरों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं। डाक्टरों की समस्याओं को सुनकर निदेशक बोले - सब ठीक होगा डाक्टरों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा - बीएचयू अस्पताल का पूरा सिस्टम दरक चुका है। विभाग समस्याओं से घिरे हैं। मरीजों का उपचार और शोध कार्य मुश्किल से होता है। यहां से डाक्टर छोड़कर दूसरे संस्थान चले जाते हैं। कुछ दिन पहले ही 25 से अधिक फैकल्टी डाक्टरों ने संस्थान ज्वाइन ही नहीं किया। कुछ ऐसा करिए कि कोई फैकल्टी डाक्टर आइएमएस छोड़कर नहीं जाए। आयोजित बैठक के दौरान डाक्टरों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं। इस सभी प्रश्नों और समस्याओं को सुनने के बाद निदेशक ने कहा कि सबकी समस्याएं दूर होंगी। संसाधन भी बढ़ेंगे लेकिन इस पर अंतिम निर्णय मंत्रालय को लेना है। सुविधाओं के आदान-प्रदान से बेहतर होगा शोध कार्य : निदेशक निदेशक डा.एम.श्रीनिवास ने कहा - एम्स नई दिल्ली और आइएमएस बीएचयू को मिलकर आगे बढऩा है। एम्स में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है,जो यहां नहीं हैं लेकिन आइएमएस की लाइब्रेरी के जरिए एम्स के डाक्टर बहुत कुछ सीख सकते हैं। दोनों संस्थानों के डाक्टर संसाधनों का आदान - प्रदान करें तो चिकित्सा व शोध में कई उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। दोनों संस्थानों को एक्सचेंज कार्यक्रमों पर ध्यान देना चाहिए। यहां से शिक्षक और विद्यार्थी उनके संस्थान में आएं और बहुत कुछ नया सीख सकते हैं। दोनों संस्थानों के बीच हुए एमओयू के मुताबिक चिकित्सा और शोध कार्य में मिलकर आगे बढ़ा जा सकता है। इमरजेंसी में जांच की सुविधा देख हुए प्रभावित बैठक के पहले निदेशक सर सुंदरलाल अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी की सुविधा देखने के लिए निकले। सुपर स्पेशिएलिटी बिल्डिंग में इंडोक्रोनोलाजी , गैस्ट्रोइंट्रोलाजी , नेफ्रोलाजी , आंकोलाजी व कार्डियोथोरैसिक विभाग की ओपीडी में मरीजों का हाल देखा। डाक्टरों से समस्याएं भी पूछी इमरजेंसी वार्ड में उपचार के साथ मिल रही जांच की सुविधा से प्रभावित दिखे,बोले कि ऐसी व्यवस्था एम्स में प्रभावी की जानी चाहिए। यहां के बाद वह ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किए। आश्वस्त किया कि यहां की सुविधाओं को और बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा। एसी बंद मिली तो निदेशक ने फोटो खींची एम्स निदेशक डॉक्टर एम श्रीनिवास ने बीएचयू अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर का दौरा कर सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान आयुर्वेद संकाय के वार्ड में पहुंचने पर यहां एसी बंद मिला तो निदेशक ने इसका कारण मौके पर मौजूद हॉस्पिटल के एमएस से पूछा। उन्होंने मरीजों की सेहत का हवाला देते हुए एसी बंद करने का कारण बताया। इस पर एम्स के निदेशक ने अपने मोबाइल से फोटो खींची और वीडियो भी बनाया। आइएमएस की गवर्निंग बाडी की मीटिंग उठाना चाहिए मुद्दा केएन उडुप्पा सभागार में डाक्टरों ने एम्स निदेशक से कहा कि आइएमएस निदेशक को पूरी शक्ति मिलनी चाहिए। विभागों की तरफ से भेजे जाने वाले प्रस्ताव को विश्वविद्यालय में लंबे समय तक लंबित रखना ठीक नहीं हैं, इससे काम प्रभावित होता है। निदेशक को पूरी पावर मिलेगी तो ही विभागों की समस्याओं का निदान हो सकेगा। आइएमएस में गवर्निंग बाडी और पालिसी प्लानिंग कमेटी की बैठक लंबे समय से नहीं हो सकी है। सभी विभागाध्यक्ष कमेटी में शामिल हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि संस्थान की तरफ से क्या निर्णय लिया जा रहा है।

Nov 28, 2024 - 07:05
 0  9.4k
एम्स निदेशक ने BHU अस्पताल की खामियां नोट की:आयुर्वेद वार्ड का मोबाइल से बनाया वीडियो, BHU के डाक्टरों से की वार्ता
BHU-IMS के साथ एम्स नई दिल्ली,शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से हुए अनुबंध के बाद पहली बार सुविधाओं का आंकलन करने पहुंचे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के निदेशक डा.एम.श्रीनिवास ने पूरे अस्पताल का भ्रमण किया। उन्होंने सभी सुविधाओं और कमियों को नोट किया। अस्पताल और विभाग भ्रमण करने के बाद देर शाम उन्होंने केएन उडुप्पा सभागार में डाक्टरों से संवाद भी किया। जिसमें डाक्टरों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं। डाक्टरों की समस्याओं को सुनकर निदेशक बोले - सब ठीक होगा डाक्टरों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा - बीएचयू अस्पताल का पूरा सिस्टम दरक चुका है। विभाग समस्याओं से घिरे हैं। मरीजों का उपचार और शोध कार्य मुश्किल से होता है। यहां से डाक्टर छोड़कर दूसरे संस्थान चले जाते हैं। कुछ दिन पहले ही 25 से अधिक फैकल्टी डाक्टरों ने संस्थान ज्वाइन ही नहीं किया। कुछ ऐसा करिए कि कोई फैकल्टी डाक्टर आइएमएस छोड़कर नहीं जाए। आयोजित बैठक के दौरान डाक्टरों ने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं। इस सभी प्रश्नों और समस्याओं को सुनने के बाद निदेशक ने कहा कि सबकी समस्याएं दूर होंगी। संसाधन भी बढ़ेंगे लेकिन इस पर अंतिम निर्णय मंत्रालय को लेना है। सुविधाओं के आदान-प्रदान से बेहतर होगा शोध कार्य : निदेशक निदेशक डा.एम.श्रीनिवास ने कहा - एम्स नई दिल्ली और आइएमएस बीएचयू को मिलकर आगे बढऩा है। एम्स में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है,जो यहां नहीं हैं लेकिन आइएमएस की लाइब्रेरी के जरिए एम्स के डाक्टर बहुत कुछ सीख सकते हैं। दोनों संस्थानों के डाक्टर संसाधनों का आदान - प्रदान करें तो चिकित्सा व शोध में कई उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। दोनों संस्थानों को एक्सचेंज कार्यक्रमों पर ध्यान देना चाहिए। यहां से शिक्षक और विद्यार्थी उनके संस्थान में आएं और बहुत कुछ नया सीख सकते हैं। दोनों संस्थानों के बीच हुए एमओयू के मुताबिक चिकित्सा और शोध कार्य में मिलकर आगे बढ़ा जा सकता है। इमरजेंसी में जांच की सुविधा देख हुए प्रभावित बैठक के पहले निदेशक सर सुंदरलाल अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी की सुविधा देखने के लिए निकले। सुपर स्पेशिएलिटी बिल्डिंग में इंडोक्रोनोलाजी , गैस्ट्रोइंट्रोलाजी , नेफ्रोलाजी , आंकोलाजी व कार्डियोथोरैसिक विभाग की ओपीडी में मरीजों का हाल देखा। डाक्टरों से समस्याएं भी पूछी इमरजेंसी वार्ड में उपचार के साथ मिल रही जांच की सुविधा से प्रभावित दिखे,बोले कि ऐसी व्यवस्था एम्स में प्रभावी की जानी चाहिए। यहां के बाद वह ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किए। आश्वस्त किया कि यहां की सुविधाओं को और बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा। एसी बंद मिली तो निदेशक ने फोटो खींची एम्स निदेशक डॉक्टर एम श्रीनिवास ने बीएचयू अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर का दौरा कर सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान आयुर्वेद संकाय के वार्ड में पहुंचने पर यहां एसी बंद मिला तो निदेशक ने इसका कारण मौके पर मौजूद हॉस्पिटल के एमएस से पूछा। उन्होंने मरीजों की सेहत का हवाला देते हुए एसी बंद करने का कारण बताया। इस पर एम्स के निदेशक ने अपने मोबाइल से फोटो खींची और वीडियो भी बनाया। आइएमएस की गवर्निंग बाडी की मीटिंग उठाना चाहिए मुद्दा केएन उडुप्पा सभागार में डाक्टरों ने एम्स निदेशक से कहा कि आइएमएस निदेशक को पूरी शक्ति मिलनी चाहिए। विभागों की तरफ से भेजे जाने वाले प्रस्ताव को विश्वविद्यालय में लंबे समय तक लंबित रखना ठीक नहीं हैं, इससे काम प्रभावित होता है। निदेशक को पूरी पावर मिलेगी तो ही विभागों की समस्याओं का निदान हो सकेगा। आइएमएस में गवर्निंग बाडी और पालिसी प्लानिंग कमेटी की बैठक लंबे समय से नहीं हो सकी है। सभी विभागाध्यक्ष कमेटी में शामिल हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि संस्थान की तरफ से क्या निर्णय लिया जा रहा है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow