कस्टमर से मिलकर कंपनी से 80 लाख ठगे:​​​​​​​लखनऊ में फ्ल्पिकार्ट कंपनी के 3 कर्मचारियों ने डिलीवरी ब्वॉय के पहुंचने से पहले ऑर्डर कैंसिल किए, प्रोडक्ट और रुपए दोनों मिले

लखनऊ में फ्लिपकार्ट के कर्मचारियों ने कंपनी से 80 लाख की ठगी की। कुछ ग्राहकों से मिलीभगत कर ढाई महीने में धोखाधड़ी को अंजाम दिया। आरोपी कंपनी के कस्टमर केयर में तैनात थे। उनकी जिम्मेदारी ऑर्डर से जुड़ी जानकारी कस्टमर को देना था, जिसका फायदा उठाकर आरोपियों ने हेरफेर की। कर्मचारियों ने कुछ ग्राहकों को सेट किया। उनसे ऑर्डर कराया। फिर फ्लिपकार्ट के कंसोल सफ्टवेयर में हेरफेर की। इससे डिलीवरी कैंसिल होने के बाद भी ग्राहक को प्रोडक्ट मिल गया और उसका पेमेंट भी रिफंड होकर उनके खातों में चला गया। कस्टमर केयर डिपार्टमेंट के तीन कर्मचारियों पर FIR फ्लिपकार्ट के मैनेजर ने मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई। आरोपी कस्टमर एग्जीक्यूटिव के पद पर तैनात अजमेर, राजस्थान के रहने वाले राहुल जोनवाल पुत्र कमलेश कुमार, रविन्द्र नगर, कुरनूल, आंध्र प्रदेश के रहने वाले शेख अब्दुल खादर जिलानी पुत्र मोहम्मद शरीफ, कुस्टिया मस्जिद, बरी लेन, तिलजला, दक्षिण 24 परगना, पश्चिम बंगाल के रहने वाले तस्सरुन नाजरीन है। तीनों फ्लिपकार्ट कस्टमर केयर डिपार्टमेंट में काम करते हैं। वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे कर्मचारी प्रोडक्ट डिलीवरी का काम एजिस कंपनी को मिला हुआ है। तीनों आरोपियों से वर्क फ्रॉम होम कराया जा रहा है। इनका काम फ्लिपकार्ट के कस्टमरों को दिए गए प्रोडक्ट ऑर्डर की वास्तविक समय और स्थिति की जांच करना था। ऑर्डर पहुंचने से पहले कैंसिल कर देते फ्लिपकार्ट कंसोल सॉफ्टवेयर पर काम करता है। यह सॉफ्टवेयर कर्मचारी को ऑर्डर ट्रैक करने और प्रोडक्ट डिलीवरी की जानकारी के साथ कस्टमर की हेल्फ करने में मदद करता है। जैसे कोई सामान डिलीवरी के लिए निकला। इसके बाद कर्मचारी के पास RTO (Return to origin) का ऑप्शन होता है। कर्मचारियों ने कुछ ग्राहकों को सेट किया। उनसे ऑर्डर कराया। फिर फ्लिपकार्ट के कंसोल सफ्टवेयर में हेरफेर की। जब कस्टमर प्रोडक्ट का ऑर्डर देता। ऑर्डर कंपनी अपने गोदाम से निकालकर डिलीवरी ब्वॉय को दे देती। डिलीवरी ब्वॉय जब ऑर्डर लेकर निकलता तो उसके पहुंचने से पहले रद्द करने या उन्हें आरटीओ के रूप में चिह्नित करने का रिक्वेस्ट करते। टाइमिंग में हेरफेर और साजिश के तहत प्रोडक्ट की डिलीवरी और रिफंड एक साथ हो जाता। ऑर्डर कैंसिल होने की जानकारी सिर्फ ग्राहक को होती ऑर्डर कैंसिल होने की जानकारी सिर्फ उसी ग्राहक को होती जो उनसे मिले होते। डिलीवरी ब्वॉय जैसे ही कॉल करके सामान डिलीवर करने की जानकारी देता। तुंरत हेल्प डेस्क पर कॉल करके बता दिया जाता। सामान डिलीवर होने से पहले कैंसिल कर देते। इसकी जानकारी जब तक डिलीवरी ब्वॉय को होती तब तक प्रोडक्टर डिलीवर हो जाता। कैंसिल होने से रिफंड में चला जाता। इस तरह से कंपनी को आरोपियों ने 2.5 महीने में 79 लाख 83 हजार 36 रुपए का गबन कर लिया। एजिस कंपनी देती है कस्टमर सपोर्ट सुविधा फ्लिपकार्ट कंपनी एजिस कस्टमर सपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से अपना कस्टमर केयर का काम कराती है। अपने ग्राहकों को वायस सपोर्ट, बैक-ऑफिस संचालन, ईमेल और चैट सपोर्ट जैसी कॉन्टैक्ट ऑनलाइन सुविधा देती है। एजिस ने जुलाई 2024 में इस धोखाधड़ी का पता लगाया। जून 5, 2024, जुलाई 2024 और अगस्त 19, 2024 को हुई जालसाजी में आरोपियों ने 79 लाख 83 हजार की चपत लगाई। ........ यह खबर भी पढ़ें KGMU के लारी कॉर्डियोलॉजी की खौफनाक हकीकत:डॉक्टर आधी रात कर देते हैं डिस्चार्ज, ओपीडी में दिखाने के लिए रात भर काउंटर पर सोइए ​​​​​​​KGMU के लारी कार्डियोलॉजी में इलाज कराना आसान नहीं है। सोमवार को मरीज का हाथ जोड़कर इलाज करने के लिए गुहार लगाने का वीडियो सामने आया था, जिसने सबको झकझोर कर रख दिया। यहां मरीजों का सिस्टम की लापरवाही का शिकार होने कोई नई बात नहीं है।​​​​​​​ यहां पढ़ें पूरी खबर​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​

Nov 28, 2024 - 08:25
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कस्टमर से मिलकर कंपनी से 80 लाख ठगे:​​​​​​​लखनऊ में फ्ल्पिकार्ट कंपनी के 3 कर्मचारियों ने डिलीवरी ब्वॉय के पहुंचने से पहले ऑर्डर कैंसिल किए, प्रोडक्ट और रुपए दोनों मिले
लखनऊ में फ्लिपकार्ट के कर्मचारियों ने कंपनी से 80 लाख की ठगी की। कुछ ग्राहकों से मिलीभगत कर ढाई महीने में धोखाधड़ी को अंजाम दिया। आरोपी कंपनी के कस्टमर केयर में तैनात थे। उनकी जिम्मेदारी ऑर्डर से जुड़ी जानकारी कस्टमर को देना था, जिसका फायदा उठाकर आरोपियों ने हेरफेर की। कर्मचारियों ने कुछ ग्राहकों को सेट किया। उनसे ऑर्डर कराया। फिर फ्लिपकार्ट के कंसोल सफ्टवेयर में हेरफेर की। इससे डिलीवरी कैंसिल होने के बाद भी ग्राहक को प्रोडक्ट मिल गया और उसका पेमेंट भी रिफंड होकर उनके खातों में चला गया। कस्टमर केयर डिपार्टमेंट के तीन कर्मचारियों पर FIR फ्लिपकार्ट के मैनेजर ने मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई। आरोपी कस्टमर एग्जीक्यूटिव के पद पर तैनात अजमेर, राजस्थान के रहने वाले राहुल जोनवाल पुत्र कमलेश कुमार, रविन्द्र नगर, कुरनूल, आंध्र प्रदेश के रहने वाले शेख अब्दुल खादर जिलानी पुत्र मोहम्मद शरीफ, कुस्टिया मस्जिद, बरी लेन, तिलजला, दक्षिण 24 परगना, पश्चिम बंगाल के रहने वाले तस्सरुन नाजरीन है। तीनों फ्लिपकार्ट कस्टमर केयर डिपार्टमेंट में काम करते हैं। वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे कर्मचारी प्रोडक्ट डिलीवरी का काम एजिस कंपनी को मिला हुआ है। तीनों आरोपियों से वर्क फ्रॉम होम कराया जा रहा है। इनका काम फ्लिपकार्ट के कस्टमरों को दिए गए प्रोडक्ट ऑर्डर की वास्तविक समय और स्थिति की जांच करना था। ऑर्डर पहुंचने से पहले कैंसिल कर देते फ्लिपकार्ट कंसोल सॉफ्टवेयर पर काम करता है। यह सॉफ्टवेयर कर्मचारी को ऑर्डर ट्रैक करने और प्रोडक्ट डिलीवरी की जानकारी के साथ कस्टमर की हेल्फ करने में मदद करता है। जैसे कोई सामान डिलीवरी के लिए निकला। इसके बाद कर्मचारी के पास RTO (Return to origin) का ऑप्शन होता है। कर्मचारियों ने कुछ ग्राहकों को सेट किया। उनसे ऑर्डर कराया। फिर फ्लिपकार्ट के कंसोल सफ्टवेयर में हेरफेर की। जब कस्टमर प्रोडक्ट का ऑर्डर देता। ऑर्डर कंपनी अपने गोदाम से निकालकर डिलीवरी ब्वॉय को दे देती। डिलीवरी ब्वॉय जब ऑर्डर लेकर निकलता तो उसके पहुंचने से पहले रद्द करने या उन्हें आरटीओ के रूप में चिह्नित करने का रिक्वेस्ट करते। टाइमिंग में हेरफेर और साजिश के तहत प्रोडक्ट की डिलीवरी और रिफंड एक साथ हो जाता। ऑर्डर कैंसिल होने की जानकारी सिर्फ ग्राहक को होती ऑर्डर कैंसिल होने की जानकारी सिर्फ उसी ग्राहक को होती जो उनसे मिले होते। डिलीवरी ब्वॉय जैसे ही कॉल करके सामान डिलीवर करने की जानकारी देता। तुंरत हेल्प डेस्क पर कॉल करके बता दिया जाता। सामान डिलीवर होने से पहले कैंसिल कर देते। इसकी जानकारी जब तक डिलीवरी ब्वॉय को होती तब तक प्रोडक्टर डिलीवर हो जाता। कैंसिल होने से रिफंड में चला जाता। इस तरह से कंपनी को आरोपियों ने 2.5 महीने में 79 लाख 83 हजार 36 रुपए का गबन कर लिया। एजिस कंपनी देती है कस्टमर सपोर्ट सुविधा फ्लिपकार्ट कंपनी एजिस कस्टमर सपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से अपना कस्टमर केयर का काम कराती है। अपने ग्राहकों को वायस सपोर्ट, बैक-ऑफिस संचालन, ईमेल और चैट सपोर्ट जैसी कॉन्टैक्ट ऑनलाइन सुविधा देती है। एजिस ने जुलाई 2024 में इस धोखाधड़ी का पता लगाया। जून 5, 2024, जुलाई 2024 और अगस्त 19, 2024 को हुई जालसाजी में आरोपियों ने 79 लाख 83 हजार की चपत लगाई। ........ यह खबर भी पढ़ें KGMU के लारी कॉर्डियोलॉजी की खौफनाक हकीकत:डॉक्टर आधी रात कर देते हैं डिस्चार्ज, ओपीडी में दिखाने के लिए रात भर काउंटर पर सोइए ​​​​​​​KGMU के लारी कार्डियोलॉजी में इलाज कराना आसान नहीं है। सोमवार को मरीज का हाथ जोड़कर इलाज करने के लिए गुहार लगाने का वीडियो सामने आया था, जिसने सबको झकझोर कर रख दिया। यहां मरीजों का सिस्टम की लापरवाही का शिकार होने कोई नई बात नहीं है।​​​​​​​ यहां पढ़ें पूरी खबर​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​

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