कांग्रेस नेता बोले- मूर्ति के ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ बयान से असहमत:कहा- घर-बच्चे संभालना भी जीवन का हिस्सा, महिलाएं वर्क और लाइफ अलग नहीं कर सकतीं

इंफोसिस को-फाउंडर नारायण मूर्ति के वर्क-लाइफ बैलेंस वाले बयान पर फिर से बहस शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार को नारायण मूर्ति के 'ओवरवर्क कल्चर' यानी ज्यादा काम करने के पक्ष में दिए गए बयान से असहमति जताई। उन्होंने X पोस्ट में कहा कि वर्क-लाइफ बैंलेस महिलाओं के लिए मुश्किल है। पारंपरिक तौर से काम करने वाली महिलाओं के पास काम और जिंदगी को अलग करने का भी विकल्प नहीं होता है। यह सुविधा पारंपरिक तौर पर पुरुषों को ही मिली है और अब समय है आधुनिक समय में वे इसे त्याग दें। दरअसल, पिछले साल 2023 में नारायण मूर्ति ने देश के युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था- 'पीएम मोदी हफ्ते में 100 घंटे काम कर सकते है तो हम क्यों नहीं। 1986 में जब भारत 6 डे वर्क वीक से 5 डे वर्क वीक पर शिफ्ट हुआ तो मुझे बहुत दुख हुआ था।' गोगोई बोले- परिवार की देखभाल करना भी काम का हिस्सा गोगोई ने नारायण मूर्ति के वर्क-लाइफ बैलेंस को एक मिथक के रूप में पेश करने की आलोचना की। उन्होंने कहा पारंपरिक रूप से पुरुष और महिलाओं के बीच घर के काम का बंटवारा असमान है। जीवन केवल पेशेवर काम तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें घर की जिम्मेदारियां भी शामिल हैं। ये सभी काम पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से करने चाहिए। गोगोई ने कहा कि आजकल पुरुषों और महिलाओं दोनों को काम और जीवन की जिम्मेदारियों को समान रूप से साझा करना पड़ता है। वर्क-लाइफ बैलेंस की अवधारणा सभी के लिए चुनौतीपूर्ण है, सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं। आलोचना के बाद भी बयान पर कायम रहे मूर्ति हफ्ते में 70 घंटे तक काम करने की सलाह देने वाले बयान को लेकर नारायण मूर्ति की काफी आलोचना हुई। बाद में मूर्ति ने अपने इस बयान का बचाव भी किया था। उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति के लिए कड़ी मेहनत बहुत जरूरी है। 15 नवंबर को CNBC ग्लोबल लीडरशिप समिट में मूर्ति ने कहा- मुझे खेद है, मैंने अपना दृष्टिकोण नहीं बदला है। मैं इसे अपने साथ कब्र तक ले जाऊंगा। ....................... नारायण मूर्ति से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… नारायण मूर्ति की फिर 70 घंटे काम करने की सलाह:बोले- खेद है कि मैंने अपना दृष्टिकोण नहीं बदला, मैं इसे अपने साथ कब्र तक ले जाऊंगा इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम करने वाले अपने विवादास्पद बयान का बचाव किया था। उन्होंने कहा था कि भारत की प्रगति के लिए कड़ी मेहनत बहुत जरूरी है। CNBC ग्लोबल लीडरशिप समिट में मूर्ति ने कहा था - मुझे खेद है, मैंने अपना दृष्टिकोण नहीं बदला है। मैं इसे अपने साथ कब्र तक ले जाऊंगा। पूरी खबर पढ़ें…

Dec 4, 2024 - 16:20
 0  28.8k
कांग्रेस नेता बोले- मूर्ति के ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ बयान से असहमत:कहा- घर-बच्चे संभालना भी जीवन का हिस्सा, महिलाएं वर्क और लाइफ अलग नहीं कर सकतीं
इंफोसिस को-फाउंडर नारायण मूर्ति के वर्क-लाइफ बैलेंस वाले बयान पर फिर से बहस शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार को नारायण मूर्ति के 'ओवरवर्क कल्चर' यानी ज्यादा काम करने के पक्ष में दिए गए बयान से असहमति जताई। उन्होंने X पोस्ट में कहा कि वर्क-लाइफ बैंलेस महिलाओं के लिए मुश्किल है। पारंपरिक तौर से काम करने वाली महिलाओं के पास काम और जिंदगी को अलग करने का भी विकल्प नहीं होता है। यह सुविधा पारंपरिक तौर पर पुरुषों को ही मिली है और अब समय है आधुनिक समय में वे इसे त्याग दें। दरअसल, पिछले साल 2023 में नारायण मूर्ति ने देश के युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था- 'पीएम मोदी हफ्ते में 100 घंटे काम कर सकते है तो हम क्यों नहीं। 1986 में जब भारत 6 डे वर्क वीक से 5 डे वर्क वीक पर शिफ्ट हुआ तो मुझे बहुत दुख हुआ था।' गोगोई बोले- परिवार की देखभाल करना भी काम का हिस्सा गोगोई ने नारायण मूर्ति के वर्क-लाइफ बैलेंस को एक मिथक के रूप में पेश करने की आलोचना की। उन्होंने कहा पारंपरिक रूप से पुरुष और महिलाओं के बीच घर के काम का बंटवारा असमान है। जीवन केवल पेशेवर काम तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें घर की जिम्मेदारियां भी शामिल हैं। ये सभी काम पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से करने चाहिए। गोगोई ने कहा कि आजकल पुरुषों और महिलाओं दोनों को काम और जीवन की जिम्मेदारियों को समान रूप से साझा करना पड़ता है। वर्क-लाइफ बैलेंस की अवधारणा सभी के लिए चुनौतीपूर्ण है, सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं। आलोचना के बाद भी बयान पर कायम रहे मूर्ति हफ्ते में 70 घंटे तक काम करने की सलाह देने वाले बयान को लेकर नारायण मूर्ति की काफी आलोचना हुई। बाद में मूर्ति ने अपने इस बयान का बचाव भी किया था। उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति के लिए कड़ी मेहनत बहुत जरूरी है। 15 नवंबर को CNBC ग्लोबल लीडरशिप समिट में मूर्ति ने कहा- मुझे खेद है, मैंने अपना दृष्टिकोण नहीं बदला है। मैं इसे अपने साथ कब्र तक ले जाऊंगा। ....................... नारायण मूर्ति से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… नारायण मूर्ति की फिर 70 घंटे काम करने की सलाह:बोले- खेद है कि मैंने अपना दृष्टिकोण नहीं बदला, मैं इसे अपने साथ कब्र तक ले जाऊंगा इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम करने वाले अपने विवादास्पद बयान का बचाव किया था। उन्होंने कहा था कि भारत की प्रगति के लिए कड़ी मेहनत बहुत जरूरी है। CNBC ग्लोबल लीडरशिप समिट में मूर्ति ने कहा था - मुझे खेद है, मैंने अपना दृष्टिकोण नहीं बदला है। मैं इसे अपने साथ कब्र तक ले जाऊंगा। पूरी खबर पढ़ें…

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow