कानपुर में जहरीली हुई हवा, छाया स्मॉग:सीजन में न्यूनतम पारा सबसे कम 13.4 डिग्री दर्ज; धूल की मोटी चादर से सांस लेना मुश्किल

कानपुर में बदले मौसम के मिजाज ने प्रदूषण की पोल खोलकर रख दी है। मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को न्यूनतम तापमान जहां सीजन में सबसे कम 13.4 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं कानपुर में अब तापमान लगातार गिरता जाएगा। पहाड़ों पर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते निचले पहाड़ों पर बर्फबारी हुई तो तापमान तेजी से गिरेगी। कानपुर में फैली प्रदूषण की मोटी चादर मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि कानपुर के ऊपर आज कोहरा नहीं बल्कि प्रदूषण की मोटी चादर छाई हुई है। जिसे स्मॉग कहा जाता है। न्यूनतम तापमान नीचे आते ही धूल के कण की मोटी चादर बन गई है। वहीं कानपुर में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को AQI मॉडरेट 186 दर्ज की गई। अब समझिए कोहरा और स्मॉग में क्या अंतर है डा. पांडेय के मुताबिक जब आर्द्र हवा ऊपर उठकर ठंडी होती है तब जलवाष्प संघनित होकर जल की सूक्ष्म बूंदें बनाती है। कभी-कभी अनुकूल परिस्थितियों में हवा के बिना ऊपर उठे ही जलवाष्प जल की नन्हीं बूंदों में बदल जाती है तब हम इसे कोहरा कहते हैं। तकनीकी रूप से बूंदों के रूप में संघनित जलवाष्प के बादल को कोहरा कहा जाता है। यह वायुमंडल में जमीन की सतह के थोड़ा ऊपर ही फैला रहता है। किसी घने कोहरे में दृश्यता एक किमी से भी कम हो जाती है। इससे अधिक दूरी पर स्थिति चीजें धुंधली दिखाई पड़ने लगती हैं। क्या होता है धुंध या स्मॉग जब कोहरे का धुएं के साथ मिश्रण होता है तो उसे धुंध (स्‍मॉग) कहते हैं। कुहासा या धुंध भी एक तरह का कोहरा ही होता है बस दृश्‍यता का अंतर होता है। यदि दृश्‍यता की सीमा एक किमी या इससे कम हो तो उसे कुहासा या धुंध कहते हैं। कोहरा और कुहासा में अंतर भी समझिए कोहरा और कुहासा दोनों हवा के निलंबित कणों पर जल की सूक्ष्म बूंदों से बने होते हैं। इनमें जल की सूक्ष्म बूंदों के घनत्व के कारण अंतर होता है। कुहासे की तुलना में कोहरे में जल की सूक्ष्म बूंदें अधिक होती हैं। कोहरे की एक परिभाषा के अनुसार कोहरे में दृश्यता सीमा 1,000 मीटर से कम रह जाती है। यह सीमा हवाई यातायात व्यवस्था के लिए उचित है लेकिन आम जनता और वाहनों के लिए दृश्यता की 200 मीटर अधिकतम सीमा अधिक महत्वपूर्ण है। दृश्यता के 50 मीटर के कम हो जाने पर यातायात संबंधी अनेक अवरोध उत्पन्न होते हैं। धुंध से बनता है पतला कोहरा वहीं धुंध, हवा में निलंबित पानी की छोटी-छोटी बूंदों का एक पतला कोहरा होता है। धुंध बनने के लिए, हवा में गर्म पानी तेजी से ठंडा होना जरूरी है। धुंध और कोहरे में अंतर यह है कि धुंध में दृश्यता एक किलोमीटर से ज्याद, लेकिन दो किलोमीटर से कम होती है। वहीं, कोहरे में दृश्यता एक किलोमीटर से कम हो जाती है। शहरों में इस वजह से बनती है धुंध मानव निर्मित धुंध, कोयले के दहन, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन, औद्योगिक उत्सर्जन, जंगल और कृषि की आग से पैदा होती है।

Nov 14, 2024 - 14:30
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कानपुर में जहरीली हुई हवा, छाया स्मॉग:सीजन में न्यूनतम पारा सबसे कम 13.4 डिग्री दर्ज; धूल की मोटी चादर से सांस लेना मुश्किल
कानपुर में बदले मौसम के मिजाज ने प्रदूषण की पोल खोलकर रख दी है। मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को न्यूनतम तापमान जहां सीजन में सबसे कम 13.4 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं कानपुर में अब तापमान लगातार गिरता जाएगा। पहाड़ों पर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते निचले पहाड़ों पर बर्फबारी हुई तो तापमान तेजी से गिरेगी। कानपुर में फैली प्रदूषण की मोटी चादर मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि कानपुर के ऊपर आज कोहरा नहीं बल्कि प्रदूषण की मोटी चादर छाई हुई है। जिसे स्मॉग कहा जाता है। न्यूनतम तापमान नीचे आते ही धूल के कण की मोटी चादर बन गई है। वहीं कानपुर में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को AQI मॉडरेट 186 दर्ज की गई। अब समझिए कोहरा और स्मॉग में क्या अंतर है डा. पांडेय के मुताबिक जब आर्द्र हवा ऊपर उठकर ठंडी होती है तब जलवाष्प संघनित होकर जल की सूक्ष्म बूंदें बनाती है। कभी-कभी अनुकूल परिस्थितियों में हवा के बिना ऊपर उठे ही जलवाष्प जल की नन्हीं बूंदों में बदल जाती है तब हम इसे कोहरा कहते हैं। तकनीकी रूप से बूंदों के रूप में संघनित जलवाष्प के बादल को कोहरा कहा जाता है। यह वायुमंडल में जमीन की सतह के थोड़ा ऊपर ही फैला रहता है। किसी घने कोहरे में दृश्यता एक किमी से भी कम हो जाती है। इससे अधिक दूरी पर स्थिति चीजें धुंधली दिखाई पड़ने लगती हैं। क्या होता है धुंध या स्मॉग जब कोहरे का धुएं के साथ मिश्रण होता है तो उसे धुंध (स्‍मॉग) कहते हैं। कुहासा या धुंध भी एक तरह का कोहरा ही होता है बस दृश्‍यता का अंतर होता है। यदि दृश्‍यता की सीमा एक किमी या इससे कम हो तो उसे कुहासा या धुंध कहते हैं। कोहरा और कुहासा में अंतर भी समझिए कोहरा और कुहासा दोनों हवा के निलंबित कणों पर जल की सूक्ष्म बूंदों से बने होते हैं। इनमें जल की सूक्ष्म बूंदों के घनत्व के कारण अंतर होता है। कुहासे की तुलना में कोहरे में जल की सूक्ष्म बूंदें अधिक होती हैं। कोहरे की एक परिभाषा के अनुसार कोहरे में दृश्यता सीमा 1,000 मीटर से कम रह जाती है। यह सीमा हवाई यातायात व्यवस्था के लिए उचित है लेकिन आम जनता और वाहनों के लिए दृश्यता की 200 मीटर अधिकतम सीमा अधिक महत्वपूर्ण है। दृश्यता के 50 मीटर के कम हो जाने पर यातायात संबंधी अनेक अवरोध उत्पन्न होते हैं। धुंध से बनता है पतला कोहरा वहीं धुंध, हवा में निलंबित पानी की छोटी-छोटी बूंदों का एक पतला कोहरा होता है। धुंध बनने के लिए, हवा में गर्म पानी तेजी से ठंडा होना जरूरी है। धुंध और कोहरे में अंतर यह है कि धुंध में दृश्यता एक किलोमीटर से ज्याद, लेकिन दो किलोमीटर से कम होती है। वहीं, कोहरे में दृश्यता एक किलोमीटर से कम हो जाती है। शहरों में इस वजह से बनती है धुंध मानव निर्मित धुंध, कोयले के दहन, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन, औद्योगिक उत्सर्जन, जंगल और कृषि की आग से पैदा होती है।

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