कुंदरकी में भाजपा 'रामपुर मॉडल' चला रही:बर्क के पोते की सीट पर रामवीर मजबूत, मुस्लिम वोट नहीं बंटा, तो सपा फायदे में

रामपुर में जैसा इलेक्शन हुआ, वैसा ही कुंदरकी में हो रहा है। सौ बात की एक बात...यहां 60% मुस्लिम हैं। लेकिन, रामवीर का नाम चल रहा है। यह कहना है कुंदरकी के लालपुर गांव में रहने वाले मो. रियासत ने कहा। कुंदरकी उपचुनाव से 6 दिन पहले यहां का हर चौथा आदमी ऐसी ही प्रतिक्रिया दे रहा है। मुस्लिम बहुल इस सीट पर मुकाबला सपा और भाजपा के बीच है। सीएम योगी के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव यहां चुनावी जनसभा कर चुके हैं। भाजपा ने ठाकुर रामवीर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। सपा ने तीन बार विधायक रहे चुके हाजी रिजवान पर भरोसा जताया है। इस सीट पर 3 दशक से तुर्क नेताओं का कब्जा रहा है। सपा के अलावा बसपा और AIMIM ने यहां तुर्क कैंडिडेट उतारे हैं। तमाम सियासी समीकरण मौजूदा समय में भाजपा की स्थिति मजबूत बता रहे हैं। लेकिन, चुनाव के अंतिम दिन तक स्थिति बदल सकती है। तुर्कों के सबसे बड़े लीडर माने जाने वाले डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क की कर्मभूमि रही कुंदरकी को सपा अपनी मजबूत सीट मानती है। अगर वह अपने कोर वोटर को एकजुट कर लेती है। बसपा और ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी कुछ खास प्रभाव नहीं डालते, तो सपा को फायदा हो सकता है। कुंदरकी सीट पर क्या राजनीतिक समीकरण बन रहे? क्या यहां बड़ा उलट-फेर होगा? अभी हवा का रुख क्या है? यह जानने दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड पर पहुंची... सबसे पहले कुंदरकी का सियासी समीकरण… ​​​​​​ कुंदरकी में 31 साल पहले भाजपा जीती थी। इसके बाद यहां सपा और बसपा का कब्जा रहा। सपा लगातार तीन बार चुनाव जीत चुकी है। वह भी तब, जब मोदी और योगी लहर चल रही थी। 2022 में डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियाउर रहमान बर्क रिकॉर्ड 43 हजार 162 वोटों से जीते। इससे पहले सपा का जीत का मार्जिन घटता नजर आया। 2017 चुनाव में हाजी रिजवान ने भाजपा के रामवीर सिंह को 10 हजार 821 वोटों से हराया, जबकि 2012 में यह अंतर 17,201 वोट था। अब 7 साल बाद फिर से हाजी रिजवान और रामवीर सिंह के बीच मुकाबला है। यह चुनाव दोनों का पॉलिटिकल करियर भी तय करेगा। अब एक नजर कुंदरकी में चल रहे प्रचार पर दिवाली के बाद यहां चुनाव प्रचार ने तेजी पकड़ी। भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह लगातार मुस्लिम बहुल इलाकों में गए। इससे पहले वह हिंदू बहुल इलाकों में एक्टिव थे। मुस्लिम कम्युनिटी के इवेंट में रामवीर सिंह ने जालीदार टोपी पहनकर यूपी की सियासत गर्म कर दी। सपा की तरफ से हाजी रिजवान लगातार भाजपा पर माइक्रो मैनेजमेंट का आरोप लगा रहे हैं। तुर्क बिरादरी के वोटर को साधने के लिए असली-नकली जैसा बयान दे रहे हैं। इसके अलावा अखिलेश यादव के PDA फॉर्मूले के साथ डोर-टू-डोर कैंपेनिंग कर रहे हैं। अब बात वोटर्स की... जिला मुख्यालय से करीब 17 किमी दूर स्थित कुंदरकी ग्रामीण इलाका है। लोगों का मुख्य पेशा खेती और पशुपालन है। यहां हम अलग-अलग इलाकों में गए। करीब 150 लोगों से बात की। लालपुर के रहने वाले किसान रियासत ने कहा- यहां प्रशासन की दबिश में चुनाव हो रहा है। हम छोटे आदमी हैं, बड़ी बातें क्यों करें? अभी रामवीर सिंह के पक्ष में हवा दिखाई दे रही है। यहां रामपुर की तरह इलेक्शन हो रहा है। लोगों के पहचान पत्र तक लिए जा रहे हैं। यही प्रशासन की दबिश है। लालपुर हमीर के रहने वाले किसान यूनुस पहलवान ने कहा- इस बार बदलाव हो रहा है। हमारे मिलने वाले, यार दोस्त भी रामवीर के नाम की चर्चा कर रहे हैं। हम हिंदू-मुस्लिम नहीं जानते। हम सिर्फ इंसानियत को जानते हैं। जो काम करेगा, वोट उसी को देंगे। रामवीर सिंह को हम पहले से जानते हैं। रौनक अली कहते हैं- बगैर मुस्लिमों के रामवीर नहीं जीत सकते, यह बात तो तय है। सरकार की बहुत सख्ती है। इस बार रामवीर जीत रहे हैं। कुंदरकी मार्केट में हमारी मुलाकात ईश्वर पाल यादव से हुई। उन्होंने कहा- यहां सपा जीत रही है। हम किसी के विरोधी नहीं हैं। लेकिन, युवाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या नौकरी की है। 2020 के बाद 2024 में पुलिस की नौकरी के लिए एग्जाम हुआ। इससे पहले पेपर लीक हुए। नौकरी निकल ही नहीं रही। सपा की सरकार में कम से कम नौकरी तो निकलती थीं। मूंढापांडे इलाके के रहने वाले किसान खोपचंद ने कहा- हवा तो भाजपा की चल रही है। योगी की रैली में भी मुस्लिम लोग दिखाई दिए। वही जीतते दिखाई दे रहे हैं। इसी तरह बस्तौर के किसान सतीश कुमार ने कहा- भाजपा का ही माहौल है। लंबे समय से पार्टी नहीं जीती है। इस बार उनकी सरकार है। फरीदपुर के किसान बांके ने कहा- यहां रामवीर सिंह का माहौल है। वह अच्छे आदमी हैं। उन्हीं को लोग जिता रहे हैं। मुस्लिम वोटर भी भाजपा की तरफ हैं। वह 2017 में जीतने से चूक गए थे, लेकिन इस बार जीत सकते हैं। वह भाजपा के मजबूत कैंडिडेट हैं। कुंदरकी में हम मूंढापांडे, लालपुर, लानपुर सीकरी, चक कोलकू, हीरापुर, गदईखेड़ा, रनियाठेर, जगर, रौंडा, गतौरा, गणेशपुर, शहरिया, मानपुर पट्‌टी, नऊवा नगला, भजनपुरी, दौलारी, भदासना, शिवपुरी, समदा रामसहाय गांव में गए। यहां भाजपा मजबूत स्थिति में है। कुंदरकी, डोमघर, भीकनपुर, दलपतपुर, वीरपुर थान, सरकड़ा खास, मुनीमपुर, सलेमपुर, बरवाला खास, खरबरिया भूड़, खाईखेड़ा, विनावाला, नियामतपुर, सिकंदरपुर, पट्‌टी, चमरौआ, खानपुर लक्की, दौलरा, याकबूपुर छप्परा गांव में लोगों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी। अब पॉलिटिकल एक्सपर्ट की बात... ढाई साल भाजपा को देने का मन बना चुके वोटर कुंदरकी की राजनीति को करीब से जानने वाले सीनियर जर्नलिस्ट सुनील सिंह ने कहा- कुंदरकी चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा मुखिया अखिलेश यादव की जनसभा के बाद धीरे-धीरे पोलराइजेशन शुरू होने लगा है। माहौल ऐसा है कि अधिकतर मतदाता अगले ढाई साल तक सत्ता के साथ जाने का मन बना रहे हैं। ऐसे में लग रहा है कि उपचुनाव में भाजपा को बढ़त मिल सकती है। सुनील सिंह ने कहा- इसके पीछे की वजह यह कि वोटर को लग रहा है कि इस चुनाव से सरकार न बननी है और न बिगड़नी है। इसलिए सत्ता के साथ रहा जाए। इससे उनके क्षेत्र में विकास के कुछ काम हो जाएंगे। अगर

Nov 15, 2024 - 05:55
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कुंदरकी में भाजपा 'रामपुर मॉडल' चला रही:बर्क के पोते की सीट पर रामवीर मजबूत, मुस्लिम वोट नहीं बंटा, तो सपा फायदे में
रामपुर में जैसा इलेक्शन हुआ, वैसा ही कुंदरकी में हो रहा है। सौ बात की एक बात...यहां 60% मुस्लिम हैं। लेकिन, रामवीर का नाम चल रहा है। यह कहना है कुंदरकी के लालपुर गांव में रहने वाले मो. रियासत ने कहा। कुंदरकी उपचुनाव से 6 दिन पहले यहां का हर चौथा आदमी ऐसी ही प्रतिक्रिया दे रहा है। मुस्लिम बहुल इस सीट पर मुकाबला सपा और भाजपा के बीच है। सीएम योगी के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव यहां चुनावी जनसभा कर चुके हैं। भाजपा ने ठाकुर रामवीर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। सपा ने तीन बार विधायक रहे चुके हाजी रिजवान पर भरोसा जताया है। इस सीट पर 3 दशक से तुर्क नेताओं का कब्जा रहा है। सपा के अलावा बसपा और AIMIM ने यहां तुर्क कैंडिडेट उतारे हैं। तमाम सियासी समीकरण मौजूदा समय में भाजपा की स्थिति मजबूत बता रहे हैं। लेकिन, चुनाव के अंतिम दिन तक स्थिति बदल सकती है। तुर्कों के सबसे बड़े लीडर माने जाने वाले डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क की कर्मभूमि रही कुंदरकी को सपा अपनी मजबूत सीट मानती है। अगर वह अपने कोर वोटर को एकजुट कर लेती है। बसपा और ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशी कुछ खास प्रभाव नहीं डालते, तो सपा को फायदा हो सकता है। कुंदरकी सीट पर क्या राजनीतिक समीकरण बन रहे? क्या यहां बड़ा उलट-फेर होगा? अभी हवा का रुख क्या है? यह जानने दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड पर पहुंची... सबसे पहले कुंदरकी का सियासी समीकरण… ​​​​​​ कुंदरकी में 31 साल पहले भाजपा जीती थी। इसके बाद यहां सपा और बसपा का कब्जा रहा। सपा लगातार तीन बार चुनाव जीत चुकी है। वह भी तब, जब मोदी और योगी लहर चल रही थी। 2022 में डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियाउर रहमान बर्क रिकॉर्ड 43 हजार 162 वोटों से जीते। इससे पहले सपा का जीत का मार्जिन घटता नजर आया। 2017 चुनाव में हाजी रिजवान ने भाजपा के रामवीर सिंह को 10 हजार 821 वोटों से हराया, जबकि 2012 में यह अंतर 17,201 वोट था। अब 7 साल बाद फिर से हाजी रिजवान और रामवीर सिंह के बीच मुकाबला है। यह चुनाव दोनों का पॉलिटिकल करियर भी तय करेगा। अब एक नजर कुंदरकी में चल रहे प्रचार पर दिवाली के बाद यहां चुनाव प्रचार ने तेजी पकड़ी। भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह लगातार मुस्लिम बहुल इलाकों में गए। इससे पहले वह हिंदू बहुल इलाकों में एक्टिव थे। मुस्लिम कम्युनिटी के इवेंट में रामवीर सिंह ने जालीदार टोपी पहनकर यूपी की सियासत गर्म कर दी। सपा की तरफ से हाजी रिजवान लगातार भाजपा पर माइक्रो मैनेजमेंट का आरोप लगा रहे हैं। तुर्क बिरादरी के वोटर को साधने के लिए असली-नकली जैसा बयान दे रहे हैं। इसके अलावा अखिलेश यादव के PDA फॉर्मूले के साथ डोर-टू-डोर कैंपेनिंग कर रहे हैं। अब बात वोटर्स की... जिला मुख्यालय से करीब 17 किमी दूर स्थित कुंदरकी ग्रामीण इलाका है। लोगों का मुख्य पेशा खेती और पशुपालन है। यहां हम अलग-अलग इलाकों में गए। करीब 150 लोगों से बात की। लालपुर के रहने वाले किसान रियासत ने कहा- यहां प्रशासन की दबिश में चुनाव हो रहा है। हम छोटे आदमी हैं, बड़ी बातें क्यों करें? अभी रामवीर सिंह के पक्ष में हवा दिखाई दे रही है। यहां रामपुर की तरह इलेक्शन हो रहा है। लोगों के पहचान पत्र तक लिए जा रहे हैं। यही प्रशासन की दबिश है। लालपुर हमीर के रहने वाले किसान यूनुस पहलवान ने कहा- इस बार बदलाव हो रहा है। हमारे मिलने वाले, यार दोस्त भी रामवीर के नाम की चर्चा कर रहे हैं। हम हिंदू-मुस्लिम नहीं जानते। हम सिर्फ इंसानियत को जानते हैं। जो काम करेगा, वोट उसी को देंगे। रामवीर सिंह को हम पहले से जानते हैं। रौनक अली कहते हैं- बगैर मुस्लिमों के रामवीर नहीं जीत सकते, यह बात तो तय है। सरकार की बहुत सख्ती है। इस बार रामवीर जीत रहे हैं। कुंदरकी मार्केट में हमारी मुलाकात ईश्वर पाल यादव से हुई। उन्होंने कहा- यहां सपा जीत रही है। हम किसी के विरोधी नहीं हैं। लेकिन, युवाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या नौकरी की है। 2020 के बाद 2024 में पुलिस की नौकरी के लिए एग्जाम हुआ। इससे पहले पेपर लीक हुए। नौकरी निकल ही नहीं रही। सपा की सरकार में कम से कम नौकरी तो निकलती थीं। मूंढापांडे इलाके के रहने वाले किसान खोपचंद ने कहा- हवा तो भाजपा की चल रही है। योगी की रैली में भी मुस्लिम लोग दिखाई दिए। वही जीतते दिखाई दे रहे हैं। इसी तरह बस्तौर के किसान सतीश कुमार ने कहा- भाजपा का ही माहौल है। लंबे समय से पार्टी नहीं जीती है। इस बार उनकी सरकार है। फरीदपुर के किसान बांके ने कहा- यहां रामवीर सिंह का माहौल है। वह अच्छे आदमी हैं। उन्हीं को लोग जिता रहे हैं। मुस्लिम वोटर भी भाजपा की तरफ हैं। वह 2017 में जीतने से चूक गए थे, लेकिन इस बार जीत सकते हैं। वह भाजपा के मजबूत कैंडिडेट हैं। कुंदरकी में हम मूंढापांडे, लालपुर, लानपुर सीकरी, चक कोलकू, हीरापुर, गदईखेड़ा, रनियाठेर, जगर, रौंडा, गतौरा, गणेशपुर, शहरिया, मानपुर पट्‌टी, नऊवा नगला, भजनपुरी, दौलारी, भदासना, शिवपुरी, समदा रामसहाय गांव में गए। यहां भाजपा मजबूत स्थिति में है। कुंदरकी, डोमघर, भीकनपुर, दलपतपुर, वीरपुर थान, सरकड़ा खास, मुनीमपुर, सलेमपुर, बरवाला खास, खरबरिया भूड़, खाईखेड़ा, विनावाला, नियामतपुर, सिकंदरपुर, पट्‌टी, चमरौआ, खानपुर लक्की, दौलरा, याकबूपुर छप्परा गांव में लोगों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी। अब पॉलिटिकल एक्सपर्ट की बात... ढाई साल भाजपा को देने का मन बना चुके वोटर कुंदरकी की राजनीति को करीब से जानने वाले सीनियर जर्नलिस्ट सुनील सिंह ने कहा- कुंदरकी चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा मुखिया अखिलेश यादव की जनसभा के बाद धीरे-धीरे पोलराइजेशन शुरू होने लगा है। माहौल ऐसा है कि अधिकतर मतदाता अगले ढाई साल तक सत्ता के साथ जाने का मन बना रहे हैं। ऐसे में लग रहा है कि उपचुनाव में भाजपा को बढ़त मिल सकती है। सुनील सिंह ने कहा- इसके पीछे की वजह यह कि वोटर को लग रहा है कि इस चुनाव से सरकार न बननी है और न बिगड़नी है। इसलिए सत्ता के साथ रहा जाए। इससे उनके क्षेत्र में विकास के कुछ काम हो जाएंगे। अगर वो विपक्ष के विधायक को चुनते हैं, तो उनकी सुनने वाला कोई नहीं होगा। उन्हें बाकी के ढाई साल भी उपेक्षित रहना पड़ेगा। ऐसे में मतदाताओं को लग रहा है कि उनका अपना चुना हुआ विधायक सत्ताधारी दल से होगा, तो कम से कम वो उनकी बात सुनेगा। भाजपा का जो मकसद था, उसमें वो कामयाब होती दिख रही है। वोटर को यह समझ में आने लगा है कि फिलहाल सत्ता के साथ रहने में ही उनका फायदा है। अब पॉलिटिकल पार्टी की बात... हमें हर वर्ग का समर्थन, भाजपा जीतेगी उपचुनाव मुरादाबाद के भाजपा जिलाध्यक्ष आकाश पाल ने कहा- पार्टी कुंदरकी उपचुनाव को भारी मतों के साथ जीतेगी। हमें हर जाति और हर एक वर्ग का समर्थन मिल रहा है। सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांत ने भाजपा को हर वर्ग में लोकप्रियता दी है। आकाश पाल ने कहा- भाजपा की योजनाओं और विकास के मुद्दों के चलते कुंदरकी की जनता तय कर चुकी है कि भाजपा को जिताना है। हम कुंदरकी विधानसभा सीट पर नया इतिहास रचने जा रहे हैं। प्रशासन परेशान न करे, तो एकतरफा होगा चुनाव सपा के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने दैनिक भास्कर से कहा- कुंदरकी उपचुनाव में हमारी पार्टी की स्थिति मजबूत है। अगर हमारा वोट पड़ेगा, तो हम 100% जीतेंगे। हमारे कार्यकर्ताओं को बस पुलिस प्रशासन से खतरा है। बाकी कुंदरकी में चुनाव एकतरफा है। जयवीर सिंह ने कहा- यह सपा की सेफ सीट है। पहले भी हम इसे 53 हजार वोटों से जीते हैं। हमें बस प्रशासन से दिक्कत है कि वो हमारे कार्यकर्ताओं को परेशान न करें और वोटर को बूथ तक जाने से न रोकें। अब एक नजर कुंदरकी में हुए पिछले 4 चुनाव के रिजल्ट पर ................................ यह खबर भी पढ़ें गाजियाबाद में अखिलेश का दलित कार्ड कितना असरदार, 20 साल का सूखा खत्म हो पाएगा; BJP प्रत्याशी घर बदलकर पड़ रहे भारी गाजियाबाद की सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। यह चुनाव लाइन पार VS शहर एरिया पर आकर टिक गया है। दरअसल, सदर सीट का 65% वोटर लाइन पार और 35% सिटी में है। पढ़ें पूरी ग्राउंड रिपोर्ट...

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