कुंभ में भगवा रंग में नजर आएगी रोडवेज बस:एसी बसों का नहीं बदलेगा कलर, मेला परिसर के लिए QRT सेल का गठन
कुंभ में संचालित होने वाली रोडवेज बस भगवा रंग में नजर आएगी। रोडवेज की तरफ से इसकी तैयारी कर ली गई है। इसमें नई के साथ में पुरानी बस भी शामिल रहेंगी। वहीं, रोडवेज से जुड़े कार्यों के लिए मेला परिसर में खास तौर पर QRT सेल भी काम करेगा। इससे किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सकेगा। दिसंबर तक पूरा होगा काम UPSRTC के प्रवक्ता अजीत सिंह ने कहा कि मेला परिसर में कुल 7 हजार बस संचालित की जा रही है। इसमें सभी तरह की बस को एक ही रंग में रखने का निर्णय लिया गया है। बीएस 6 श्रेणी की बस भी खासतौर पर भगवा रंग में रंगी जा रही हैं। नई 220 इलेक्ट्रिक बस का बेड़ा भी शामिल हो रहा। जो दिसंबर के अंत तक बेड़े में शामिल हो जाएंगी। एसी बसों जनरथ, स्कैनिया के रंग में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। वह बसे उसी रंग में नजर आएंगी। बसों को भगवा कराने की प्रक्रिया चल रही है। 6 स्पेशल QRT टीम रहेगी मेला में रहेगी तैनात आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए क्वीक रिस्पॉस टीम मेला परिसर में मौजूद रहेगी। परिवहन निगम की तरफ से 6 टीम का गठन किया गया है। यह टीम इंटरसेप्टर वाहनों के साथ में प्रवर्तन की कार्रवाई के लिए मौजूद रहेगी। इसके साथ ही क्षेत्रीय और केंद्रीय कंट्रोल रूम प्रयागराज से CCTV और वॉकी टॉकी के माध्यम से बस स्टेशनों पर भीड़ की निगरानी की जाएगी। बेला कछार, झूसी बस स्टेशन, सरस्वती घाट बस स्टेशन, नेहरू पार्क लेप्रसी मिशन बस स्टेशन, ITI कॉलेज बस स्टेशन, जीरो रोड बस स्टेशन और सिविल लाइंस में बसों के मेंटीनेंस के लिए कार्यशाला की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कार्यशाला में तीन फॉर्मेट,तीन फीटर, दो स्टोर कीपर, तीन इलेक्ट्रीशियन,, तीन बॉडी मैकेनिक और तीन टायरमैन तैनात किए जाएंगे। कुंभ में मुख्य स्नान के दिन रहेगा फोकस मुख्य स्नान के दिन 13,14, 29 जनवरी, 3,12 फरवरी और 26 फरवरी 2025 को विशेष जोर दिया जाएगा। ताकि यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। कुंभ में इसी दिन सबसे अधिक संख्या में भक्तों के पहुंचने का अनुमान है। कुंभ मेला 13 जनवरी 2025 से से 27 फरवरी तक आयोजित होगा। MD मासूम अली सरवर ने बताया कि कि कुंभ में कुल 7 हजार बस रोडवेज की तरफ से विभिन्न शहरों से चलाई जाएंगी। इसमें 550 शटल बस भी शामिल रहेंगी। इसके साथ ही 200 सिटी बस और 350 पवन निगम की बस स्थानीय मार्ग पर चलेंगी ।
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