कुल्लू में झूले में झूल रही सैकड़ों लोगों की जिंदगी:2 साल पहले टूटा था पुल, जान पर खेल कर लोग करते हैं नदी पार

कुल्लू जिला में सैंज घाटी के चार गांव के सैकड़ों लोगों की जिंदगी तार स्पेन के झूले में आज भी झूल रही है। 2 सालों से गम्भीरता से इनकी सुध नहीं ली गई। 2022 में न्यूली नदी में बाढ़ आने से पैदल पुल बह गया था। जिसकी वजह से अति दुर्गम गांव शुगाड, शाक्टि, मरौड व‌ कूटला गांव का संपर्क कट गया। ग्राम पंचायत गाड़ा पारली के उक्त गांवों को जोड़ने के लिए चैनगा में झूला तैयार किया गया है।आज 2 सालों में झूले के खस्ताहाल हो गए है। दुर्गम गांव शुगाड, शाक्टि, मरौड व‌ कूटला के गांव के लोग जान जोखिम में डाल कर झूले से नदी पार कर रहे हैं। अन्य विकल्प न होने के कारण लोग अपनी जिंदगी खतरे में डालने को मजबूर हैं। वहीं एकमात्र झूले के होने के कारण स्थानीय लोगों को रोजमर्रा का सामान‌ भी इसी झूले से ले जाना पड़ता है। छात्रों को करना पड़ता है 7 किमी का सफर स्कूली छात्रों को स्कूल जाने के लिए 7 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है। बच्चों पर बस्ते का भार के साथ पैदल लम्बा सफर से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों सहित लोगों को तहसील मुख्यालय सैंज के लिए 7 किलोमीटर तुमरा भौंऊर होकर निहारनी पहुंचने के उपरांत वापस गांव शाक्टि घर के लिए दुरगामी सफर तय करना पड़ रहा है । स्थानीय लोगों की मांग स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन व सरकार से आग्रह करते हुए मांग की है कि जल्द से जल्द चैनगा झुला के पास पूल लगाया जाए। ताकि अगली बरसात से पहले उक्त स्थान पर आवाजाही के लिए परेशानी का सामना ना करना पड़े। साथ ही पुल बनने तक झूले की मरम्मत की जाए ताकि जानमाल का नुकसान न हो सके। वहीं इस मामले में नेशनल पार्क सैंज के डीएफओ सचिव शर्मा से इस बारे में बात की गई, तो उन्होंने कहा कि यहां पर पैदल पुल का पुनः निर्माण करना है। जिसका एस्टीमेट 10 लाख के करीब बनाकर विभाग को भेजा है, यह मामला उपायुक्त कुल्लू के भी ध्यान में लाया गया है।

Nov 29, 2024 - 17:50
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कुल्लू में झूले में झूल रही सैकड़ों लोगों की जिंदगी:2 साल पहले टूटा था पुल, जान पर खेल कर लोग करते हैं नदी पार
कुल्लू जिला में सैंज घाटी के चार गांव के सैकड़ों लोगों की जिंदगी तार स्पेन के झूले में आज भी झूल रही है। 2 सालों से गम्भीरता से इनकी सुध नहीं ली गई। 2022 में न्यूली नदी में बाढ़ आने से पैदल पुल बह गया था। जिसकी वजह से अति दुर्गम गांव शुगाड, शाक्टि, मरौड व‌ कूटला गांव का संपर्क कट गया। ग्राम पंचायत गाड़ा पारली के उक्त गांवों को जोड़ने के लिए चैनगा में झूला तैयार किया गया है।आज 2 सालों में झूले के खस्ताहाल हो गए है। दुर्गम गांव शुगाड, शाक्टि, मरौड व‌ कूटला के गांव के लोग जान जोखिम में डाल कर झूले से नदी पार कर रहे हैं। अन्य विकल्प न होने के कारण लोग अपनी जिंदगी खतरे में डालने को मजबूर हैं। वहीं एकमात्र झूले के होने के कारण स्थानीय लोगों को रोजमर्रा का सामान‌ भी इसी झूले से ले जाना पड़ता है। छात्रों को करना पड़ता है 7 किमी का सफर स्कूली छात्रों को स्कूल जाने के लिए 7 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है। बच्चों पर बस्ते का भार के साथ पैदल लम्बा सफर से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों सहित लोगों को तहसील मुख्यालय सैंज के लिए 7 किलोमीटर तुमरा भौंऊर होकर निहारनी पहुंचने के उपरांत वापस गांव शाक्टि घर के लिए दुरगामी सफर तय करना पड़ रहा है । स्थानीय लोगों की मांग स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन व सरकार से आग्रह करते हुए मांग की है कि जल्द से जल्द चैनगा झुला के पास पूल लगाया जाए। ताकि अगली बरसात से पहले उक्त स्थान पर आवाजाही के लिए परेशानी का सामना ना करना पड़े। साथ ही पुल बनने तक झूले की मरम्मत की जाए ताकि जानमाल का नुकसान न हो सके। वहीं इस मामले में नेशनल पार्क सैंज के डीएफओ सचिव शर्मा से इस बारे में बात की गई, तो उन्होंने कहा कि यहां पर पैदल पुल का पुनः निर्माण करना है। जिसका एस्टीमेट 10 लाख के करीब बनाकर विभाग को भेजा है, यह मामला उपायुक्त कुल्लू के भी ध्यान में लाया गया है।

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