गृह मंत्रालय का NGO को नोटिस:कहा- धर्म परिवर्तन, विकास विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर FCRA रजिस्ट्रेशन रद्द होगा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि ऐसे गैर-सरकारी संगठन (NGO) जो विकास विरोधी गतिविधियों, धर्म परिवर्तन, दुर्भावनापूर्ण इरादे से विरोध प्रदर्शन भड़काने, आतंकवादी या कट्टरपंथी संगठनों से संबंध रखते हैं, उनका फॉरेन कॉन्ट्रिब्युशन रेग्युलेशन एक्ट (FCRA) रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिस जारी किया है। मंत्रालय ने कहा कि अगर कोई NGO अपने मोटिव और टारगेट के मुताबिक विदेशी फंडिंग का उपयोग नहीं कर रहा है या उसने एनुअल रिटर्न अपलोड नहीं करता है तो उसका भी FCRA रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा। कानून के मुताबिक विदेश फंडिंग पाने वाले सभी NGO को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ऐसा न करने पर उन्हें विदेशी फंडिंग पाने की परमिशन नहीं है। इन स्थिति में भी रद्द किया जाता है FCRA रजिस्ट्रेशन मिनिमम 15 लाख रुपए खर्च नहीं करना भी रिजस्ट्रेशन रद्द निमयों में शामिल NGO के मोटिव और टारगेट के मुताबिक प्रोजेक्ट्स के लिए विदेशी फंडिंग का उपयोग नहीं करना, बीते 6 फाइनेंशियल ईयर का एनुअल रिटर्न साइट पर अपलोड नहीं करना, पिछले 3 फाइनेंशियल ईयर के दौरान समाज के कल्याण के लिए मिनिमम 15 लाख रुपए खर्च की लिमिट को पूरा नहीं करना FCRA रिजस्ट्रेशन रद्द करने के कारणों में शामिल है। क्या है एफसीआरए रजिस्ट्रेशन? फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) 1976 में बनाया गया था। लेकिन बाद में इसके नियमों में कुछ संशोधन किया गया। FCRA के जरिए विदेशों से मिलने वाले दान को नियंत्रित किया जाता है, ताकि इससे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए किसी तरह की चुनौती पैदा न हो सके। यह एक्ट विदेशी से चंदे लेने वाले सभी संगठनों, समूहों और गैर-सरकारी संस्थाओं पर लागू होता है। FCRA में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कई नियम होते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद कई सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों के लिए संस्थाएं विदेशों से चंदे ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें आयकर रिटर्न भरना, समय पर रिन्यू कराना आदि कराना पड़ता है। एफसीआरए का काम किसी भी विदेशी फंड पर निगरानी रखता है, देश के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों पर नजर रखना, एवं सुरक्षा संबंधी जानकारी रखना होता है।
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