गोंडा में मनाया गया पुलिस स्मृति दिवस:पुलिस लाइन में डीआईजी और एसपी ने पुष्प चक्र अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
डा। जिले की पुलिस लाइन में सोमवार को 'पुलिस स्मृति दिवस' के अवसर पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक भावपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डीआईजी देवी पाटन रेंज अमरेंद्र प्रसाद सिंह और गोंडा के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने पुलिस बैंड के साथ अमर शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर सभी पुलिसकर्मियों को डीआईजी द्वारा कर्तव्यनिष्ठा की शपथ भी दिलाई गई। पुलिस स्मृति दिवस की पृष्ठभूमि'पुलिस स्मृति दिवस' हर साल 21 अक्टूबर को उन वीर पुलिसकर्मियों की शहादत को याद करने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। इस दिवस की शुरुआत 21 अक्टूबर 1958 की उस घटना से हुई, जब भारत-तिब्बत सीमा पर चीनी सैनिकों द्वारा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के तीन अधिकारियों को हिरासत में लिया गया था। अगले दिन, उनकी तलाश के दौरान सीआरपीएफ की एक पेट्रोलिंग टीम पर चीनी सैनिकों ने अचानक हमला कर दिया, जिसमें सीआरपीएफ के 10 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना की स्मृति में 'पुलिस स्मृति दिवस' मनाने का निर्णय 1960 में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी के साथ हुई बैठक में लिया गया। डीआईजी और एसपी का संदेश श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान डीआईजी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने अपने संबोधन में कहा, "कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीद पुलिसकर्मियों को नमन किया गया है। इन पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने जीवन की परवाह नहीं की और समाज की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।" उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों को प्रेरित किया कि वे शहीदों के आदर्शों का पालन करें और अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाएं। पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने भी इस अवसर पर शहीद पुलिसकर्मियों के साहस की प्रशंसा की और कहा, "हमारे शहीद पुलिसकर्मियों का बलिदान हमें अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाने की प्रेरणा देता है।" उन्होंने सभी उपस्थित पुलिसकर्मियों से उनके योगदान को हमेशा याद रखने और उनके आदर्शों का पालन करने का आह्वान किया। कार्यक्रम के अंत में शहीद पुलिसकर्मियों की स्मृति में मौन रखा गया और पुष्पांजलि अर्पित की गई।
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