गोंडा में मानव तस्करी पर कार्रवाई नहीं:स्टेशन पर मिले थे 16 नाबालिग, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने दर्ज कराया था FIR

गोंडा में 29 जुलाई को गोंडा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर बरामद हुए 16 नाबालिगों के मामले में मानव तस्करी का मामला निकलकर सामने आया था। जिसको लेकर बीते 31 जुलाई को बचपन बचाओ आंदोलन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर देशराज सिंह द्वारा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाने में स्मार्ट वैल्यू नामक संस्था, खुशबू रानी और रोशनी के खिलाफ मानव तस्करी को लेकर के मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद गोंडा नगर कोतवाली पुलिस को पूरे मामले की जांच सौंप गई थी। लेकिन 3 माह बीत जाने के बावजूद अभी तक मानव तस्करी को लेकर के स्मार्ट वैल्यू नामक संस्था और नामजद आरोपियों के खिलाफ गोंडा की पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कार्रवाई न होने से पुलिस पर उठ रहे सवाल मानव तस्करी जैसे गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद संस्था के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने से अब सवाल भी उठने लगे हैं। कि आखिर मारपीट जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज करके पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर देती है। लेकिन मानव तस्करी जैसे धाराओं में मुकदमा दर्ज करके अभी तक पुलिस संस्था और नामजद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर पाई। कार्रवाई न होने से बेखौफ होकर स्मार्ट वैल्यू नामक संस्था द्वारा कल एक इंटर कॉलेज में नौकरी का झांसा देकर के 100 से अधिक लोगों से ठगी की गई है। 29 जुलाई को बरामद हुई थी नाबालिग लड़कियां दरअसल बीते 29 जुलाई को आरपीएफ औऱ सीआईबी की टीम ने जब इन 15 नाबालिगों लड़कियों, एक नाबालिग लड़के से पूछताछ की तो इन लोगों द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया था। जिसके बाद इन सभी 16 नाबालिगों का रेस्क्यू करके चाइल्ड लाइन गोंडा के सुपुर्द कर पूरे मामले में जांच शुरू कर दी गई थी। चाइल्ड लाइन गोंडा द्वारा जब इन सभी नाबालिगों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो इन सभी नाबालिगों ने स्मार्ट वैल्यू शॉप लिमिटेड कंपनी में ट्रेनिंग और नौकरी दिलाने के नाम पर 3 महिलाओं रानी, खुशुब, रोशनी द्वारा बिहार ले जाने की बात बताई थी। जांच में मानव तस्करी निकल कर आया था सामने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट गोंडा के जांच के दौरान मानव तस्करी से जुड़ा मामला पाया गया था। जिसको लेकर के गोंडा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में मानव तस्करी को लेकर के गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। माना जा रहा था कि अब आरोपियों के खिलाफ गोंडा पुलिस द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट गोंडा द्वारा पूरे मामले की जांच करके रिपोर्ट भी गोंडा नगर कोतवाली पुलिस और शासन को भेज दिया गया था। प्रभारी कोतवाली बोले- पुलिस कर रही जांच वहीं जब पूरी मामले को लेकर के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी से बात की गई। तो उन्होंने बताया कि मुकदमा हमारे थाने में दर्ज हुआ था, लेकिन नगर कोतवाली पुलिस को जांच दे दी गई थी। नगर कोतवाली पुलिस ही जांच कर रही है। वहीं लोग कुछ बता पाएंगे कि आखिर इस मामले में अभी तक क्या हुआ है। हम लोगों ने जब जांच किया था, तो मानव तस्करी का मामला निकालकर के सामने आया था।

Nov 11, 2024 - 10:05
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गोंडा में मानव तस्करी पर कार्रवाई नहीं:स्टेशन पर मिले थे 16 नाबालिग, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने दर्ज कराया था FIR
गोंडा में 29 जुलाई को गोंडा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर बरामद हुए 16 नाबालिगों के मामले में मानव तस्करी का मामला निकलकर सामने आया था। जिसको लेकर बीते 31 जुलाई को बचपन बचाओ आंदोलन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर देशराज सिंह द्वारा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाने में स्मार्ट वैल्यू नामक संस्था, खुशबू रानी और रोशनी के खिलाफ मानव तस्करी को लेकर के मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद गोंडा नगर कोतवाली पुलिस को पूरे मामले की जांच सौंप गई थी। लेकिन 3 माह बीत जाने के बावजूद अभी तक मानव तस्करी को लेकर के स्मार्ट वैल्यू नामक संस्था और नामजद आरोपियों के खिलाफ गोंडा की पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कार्रवाई न होने से पुलिस पर उठ रहे सवाल मानव तस्करी जैसे गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद संस्था के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने से अब सवाल भी उठने लगे हैं। कि आखिर मारपीट जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज करके पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर देती है। लेकिन मानव तस्करी जैसे धाराओं में मुकदमा दर्ज करके अभी तक पुलिस संस्था और नामजद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर पाई। कार्रवाई न होने से बेखौफ होकर स्मार्ट वैल्यू नामक संस्था द्वारा कल एक इंटर कॉलेज में नौकरी का झांसा देकर के 100 से अधिक लोगों से ठगी की गई है। 29 जुलाई को बरामद हुई थी नाबालिग लड़कियां दरअसल बीते 29 जुलाई को आरपीएफ औऱ सीआईबी की टीम ने जब इन 15 नाबालिगों लड़कियों, एक नाबालिग लड़के से पूछताछ की तो इन लोगों द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया था। जिसके बाद इन सभी 16 नाबालिगों का रेस्क्यू करके चाइल्ड लाइन गोंडा के सुपुर्द कर पूरे मामले में जांच शुरू कर दी गई थी। चाइल्ड लाइन गोंडा द्वारा जब इन सभी नाबालिगों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो इन सभी नाबालिगों ने स्मार्ट वैल्यू शॉप लिमिटेड कंपनी में ट्रेनिंग और नौकरी दिलाने के नाम पर 3 महिलाओं रानी, खुशुब, रोशनी द्वारा बिहार ले जाने की बात बताई थी। जांच में मानव तस्करी निकल कर आया था सामने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट गोंडा के जांच के दौरान मानव तस्करी से जुड़ा मामला पाया गया था। जिसको लेकर के गोंडा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में मानव तस्करी को लेकर के गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। माना जा रहा था कि अब आरोपियों के खिलाफ गोंडा पुलिस द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट गोंडा द्वारा पूरे मामले की जांच करके रिपोर्ट भी गोंडा नगर कोतवाली पुलिस और शासन को भेज दिया गया था। प्रभारी कोतवाली बोले- पुलिस कर रही जांच वहीं जब पूरी मामले को लेकर के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी से बात की गई। तो उन्होंने बताया कि मुकदमा हमारे थाने में दर्ज हुआ था, लेकिन नगर कोतवाली पुलिस को जांच दे दी गई थी। नगर कोतवाली पुलिस ही जांच कर रही है। वहीं लोग कुछ बता पाएंगे कि आखिर इस मामले में अभी तक क्या हुआ है। हम लोगों ने जब जांच किया था, तो मानव तस्करी का मामला निकालकर के सामने आया था।

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