जालौन का न्यू पीएल कमला हॉस्पिटल सील:लापरवाही से बिगड़ी थी जच्चा-बच्चा की हालत, जांच में पाया गया दोषी

जालौन के उरई के पुलिस क्लब के सामने स्थित न्यू पीएल कमला हॉस्पिटल को स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार देर शाम मजिस्ट्रेट और पुलिस की मौजूदगी में सील कर दिया। इस अस्पताल पर सिजेरियन ऑपरेशन में लापरवाही बरतने के आरोप थे। जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच में दोषी पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई। सिजेरियन में लापरवाही, बच्चेदानी हटानी पड़ी मोहल्ला चिमन दुबे के निवासी शोएब सिद्दीकी ने शिकायत की थी कि उनकी पत्नी अजरा सिद्दीकी को 7 जुलाई 2024 को प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सिजेरियन ऑपरेशन के बाद अजरा ने बच्ची को जन्म दिया, लेकिन लापरवाही के कारण उनकी हालत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने उन्हें झांसी रेफर कर दिया, जहां बच्चेदानी में समस्या बताई गई। जान बचाने के लिए बच्चेदानी को हटाना पड़ा। दो माह चली जांच, दोषी पाया गया अस्पताल शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की। नगर मजिस्ट्रेट अजीत कुमार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नेहा ब्याडवाल, और एसीएमओ डॉ. अरविंद भूषण की टीम ने दो महीने जांच की। अस्पताल को दोषी पाया गया, जिसके बाद 9 नवंबर को स्वास्थ्य सेवाओं पर रोक लगाई गई थी। अस्पताल संचालक हुआ फरार, पुलिस की मौजूदगी में सीलिंग सीलिंग के दौरान अस्पताल संचालक और कर्मचारी मौके से फरार हो गए। पुलिस की मौजूदगी में टीम ने ताले खुलवाए और पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया। ऑपरेशन थिएटर, प्राइवेट वार्ड और सभी कमरों की जांच के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया। अधिकारियों का बयान सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने कहा, "अस्पताल को भरपूर समय दिया गया था, लेकिन वे व्यवस्था सुधारने में असफल रहे। इसलिए इसे सील करना पड़ा।" स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से क्षेत्र में चर्चा का माहौल है। वहीं, पीड़ित परिवार ने न्याय की दिशा में एक कदम बढ़ने पर संतोष जताया है।

Nov 19, 2024 - 21:35
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जालौन का न्यू पीएल कमला हॉस्पिटल सील:लापरवाही से बिगड़ी थी जच्चा-बच्चा की हालत, जांच में पाया गया दोषी
जालौन के उरई के पुलिस क्लब के सामने स्थित न्यू पीएल कमला हॉस्पिटल को स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार देर शाम मजिस्ट्रेट और पुलिस की मौजूदगी में सील कर दिया। इस अस्पताल पर सिजेरियन ऑपरेशन में लापरवाही बरतने के आरोप थे। जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच में दोषी पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई। सिजेरियन में लापरवाही, बच्चेदानी हटानी पड़ी मोहल्ला चिमन दुबे के निवासी शोएब सिद्दीकी ने शिकायत की थी कि उनकी पत्नी अजरा सिद्दीकी को 7 जुलाई 2024 को प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सिजेरियन ऑपरेशन के बाद अजरा ने बच्ची को जन्म दिया, लेकिन लापरवाही के कारण उनकी हालत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने उन्हें झांसी रेफर कर दिया, जहां बच्चेदानी में समस्या बताई गई। जान बचाने के लिए बच्चेदानी को हटाना पड़ा। दो माह चली जांच, दोषी पाया गया अस्पताल शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की। नगर मजिस्ट्रेट अजीत कुमार, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नेहा ब्याडवाल, और एसीएमओ डॉ. अरविंद भूषण की टीम ने दो महीने जांच की। अस्पताल को दोषी पाया गया, जिसके बाद 9 नवंबर को स्वास्थ्य सेवाओं पर रोक लगाई गई थी। अस्पताल संचालक हुआ फरार, पुलिस की मौजूदगी में सीलिंग सीलिंग के दौरान अस्पताल संचालक और कर्मचारी मौके से फरार हो गए। पुलिस की मौजूदगी में टीम ने ताले खुलवाए और पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया। ऑपरेशन थिएटर, प्राइवेट वार्ड और सभी कमरों की जांच के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया। अधिकारियों का बयान सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने कहा, "अस्पताल को भरपूर समय दिया गया था, लेकिन वे व्यवस्था सुधारने में असफल रहे। इसलिए इसे सील करना पड़ा।" स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से क्षेत्र में चर्चा का माहौल है। वहीं, पीड़ित परिवार ने न्याय की दिशा में एक कदम बढ़ने पर संतोष जताया है।

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