जीजा ने साले को लाइसेंसी पिस्टल से मारी गोली:प्रेमिका को लेकर पत्नी से करता था झगड़ा, विरोध करने पर कर दिया फायर
सुल्तानपुर में 24 घंटे पूर्व जीजा ने साले की लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी। मां की तहरीर पर आरोपी दामाद समेत 5 पर FIR दर्ज हुई। इसी एफआईआर से सनसनीखेज खुलासा हुआ है। एफआईआर में एक नाम हत्यारोपी संतोष अग्रहरि की प्रेमिका सान्या यादव का प्रकाश में आया है। इसी महिला को लेकर रमेश चंद्र की बहन सीमा देवी और उसके जीजा संतोष में विवाद था। जिसको लेकर गुरुवार को कहासुनी के दौरान जीजा ने साले की हत्या कर दी। गुरुवार को धनपतगंज थाना क्षेत्र के नरसड़ा गांव निवासी लखपती देवी बेटे रमेश चंद्र (44) के साथ एक रिलेटिव की बारात में शामिल होने शहर के महुअरिया स्थित धर्मशाला आई थी। लखपति की बेटी सीमा अपने पति संतोष कुमार अग्रहरि के साथ कोतवाली नगर के शास्त्रीनगर स्थित कटहल वाली बाग में किराए के मकान में रहती है। संतोष जयसिंहपुर कोतवाली अंतर्गत पुरुषोत्तमपुर गांव का मूल निवासी है। शादी में शामिल होने से पूर्व बेटे रमेश के साथ बेटी के मकान पर शाम को पहुंची थी। मां-बेटे को घर में देखकर संतोष आग बबूला हो गया। आरोपी संतोष ने पत्नी से बदसलूकी किया जिस पर सीमा का भाई रमेश विरोध करने लगा। तब उसने रमेश को मां की गाली दिया। गोली लगने से फट गया था हार्ट यही पर वाद-विवाद बढ़ गया और संतोष ने रमेश को लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारा और फरार हो गया। रमेश को राजकीय मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने रमेश को मृत घोषित कर दिया। शुक्रवार को हुए पोस्टमार्टम में रमेश को बाई ओर एक गोली लगने की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि उसका हार्ट तक फट गया था। मां लखपती की तहरीर पर संतोष, उसकी प्रेमिका सान्या यादव, सास मालती, देवर राजेश और देवरानी सुमन के खिलाफ केस दर्ज किया है। मां ने इन सब पर बेटी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। आरोपी ने एक माह पूर्व पत्नी पर ताना था पिस्टल लखपति का ये भी आरोप है कि संतोष कुमार का लखनऊ की रहने वाली सान्या यादव अवैध संबंध चल रहा है। जिसको लेकर संतोष व सीमा के बीच अक्सर विवाद होता था। संतोष सीमा को बराबर मारता मारता पीटता था। यही नहीं बल्कि माह भर पूर्व संतोष ने सीमा को मारने के लिए पिस्टल तान दिया था, तब सीमा के पुत्र कुशाग्र अग्रहरि व पुत्री अंशिका (12) ने पकड़ लिया वरना सीमा की जान जा सकती थी। दिल्ली में रहकर कैटरिंग करता था आपको बता दें कि रमेश चंद्र अग्रहरि का शुक्रवार देर शाम पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। उसका एक मकान बैजनाथ कैंप मथुरा रोड, एश्वर नगर, श्रीनिवासपुरी ईस्ट आफ कैलाश फेज-वन, दक्षिण दिल्ली में है। वह अपने मां-बाप का इकलौता पुत्र था और कैटरिंग का काम करता था। उसकी तीन बहने हैं। जिनका विवाह हो चुका है। बेटी बोली जेल और बेल नहीं होनी चाहिए रमेश की तीन बेटिया हैं। बड़ी पुत्री दिल्ली पुलिस में है। दूसरे नंबर पर शिखा और सबसे छोटी बेटी चंचल है। रमेश की मझली पुत्री शिखा ने कहा कि मेरे पापा निर्दोष थे। वह तो केवल बुआ के घर मिलने गए थे। उनके बिना किसी कारण के फूफा ने गोली मार दी। पापा के मर्डर करने वाले को जेल व बेल नहीं होनी चाहिए। हमारे पापा के हत्यारे को सीधे फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
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