जौनपुर की पूर्वांचल विवि को 7.13 करोड़ का शोध अनुदान:डीएसटी परियोजना पर्स के तहत मिला, ऊर्जा के क्षेत्र में होगा रिसर्च

जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रतिष्ठित प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस (PURSUE) अनुदान से नवाजा है। यह अनुदान ऊर्जा के क्षेत्र में उन्नत शोध के लिए प्रदान किया गया है, और इस वर्ष प्रदेश का यह इकलौता विश्वविद्यालय है जिसे इस प्रतिष्ठित अनुदान का सम्मान मिला है। कुलपति ने इसे विश्वविद्यालय की बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय का इस पर्स परियोजना में चयन उसकी शैक्षणिक उत्कृष्टता और शोध के प्रति समर्पण का प्रमाण है। इस परियोजना के तहत सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा और उन्नत बैटरी प्रौद्योगिकी जैसे आधुनिक ऊर्जा संसाधनों पर गहन शोध किया जाएगा, जिससे न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश को लाभ मिलेगा। ऐतिहासिक सम्मान की कड़ी में शामिल हुआ पूर्वांचल विश्वविद्यालय इससे पहले प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालय जैसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय को यह सम्मान प्राप्त हुआ था। इस वर्ष पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने अपनी उत्कृष्टता साबित करते हुए इस उपलब्धि को हासिल किया है। 2024 में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के डॉ. धीरेंद्र चौधरी, डॉ. काजल डे और प्रो. गिरिधर मिश्र को नई दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में पर्स परियोजना प्रबंधन बोर्ड के समक्ष अपने शोध प्रस्ताव की प्रस्तुति देने के लिए बुलाया गया था। इस विशेष उपलब्धि के लिए कुलपति ने परियोजना समन्वयक डॉ. धीरेंद्र चौधरी, उप समन्वयक डॉ. काजल डे और उनकी पूरी परियोजना टीम को बधाई दी। इस मौके पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर और प्रो. मनोज मिश्र सहित विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।

Oct 27, 2024 - 11:20
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जौनपुर की पूर्वांचल विवि को 7.13 करोड़ का शोध अनुदान:डीएसटी परियोजना पर्स के तहत मिला, ऊर्जा के क्षेत्र में होगा रिसर्च
जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रतिष्ठित प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस (PURSUE) अनुदान से नवाजा है। यह अनुदान ऊर्जा के क्षेत्र में उन्नत शोध के लिए प्रदान किया गया है, और इस वर्ष प्रदेश का यह इकलौता विश्वविद्यालय है जिसे इस प्रतिष्ठित अनुदान का सम्मान मिला है। कुलपति ने इसे विश्वविद्यालय की बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय का इस पर्स परियोजना में चयन उसकी शैक्षणिक उत्कृष्टता और शोध के प्रति समर्पण का प्रमाण है। इस परियोजना के तहत सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा और उन्नत बैटरी प्रौद्योगिकी जैसे आधुनिक ऊर्जा संसाधनों पर गहन शोध किया जाएगा, जिससे न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश को लाभ मिलेगा। ऐतिहासिक सम्मान की कड़ी में शामिल हुआ पूर्वांचल विश्वविद्यालय इससे पहले प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालय जैसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय को यह सम्मान प्राप्त हुआ था। इस वर्ष पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने अपनी उत्कृष्टता साबित करते हुए इस उपलब्धि को हासिल किया है। 2024 में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के डॉ. धीरेंद्र चौधरी, डॉ. काजल डे और प्रो. गिरिधर मिश्र को नई दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में पर्स परियोजना प्रबंधन बोर्ड के समक्ष अपने शोध प्रस्ताव की प्रस्तुति देने के लिए बुलाया गया था। इस विशेष उपलब्धि के लिए कुलपति ने परियोजना समन्वयक डॉ. धीरेंद्र चौधरी, उप समन्वयक डॉ. काजल डे और उनकी पूरी परियोजना टीम को बधाई दी। इस मौके पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर और प्रो. मनोज मिश्र सहित विश्वविद्यालय के अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।

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