जौनपुर के पूर्वाचल विवि में पाठ्यक्रमों के विस्तार की प्रक्रिया-शुरू:नए महाविद्यालयों की स्थापना पर सरकार ने पारदर्शिता और गुणवता पर दिया विशेष बल
उत्तर पदेश सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में वर्ष 2025-26 के शैक्षिक सत्र के लिए नए महाविद्यालयों, संस्थानों को स्थापना व मौजूदा महाविद्यालयों में नए पाठ्यक्रमों के विस्तार के लिए विस्तृत समय सारिणी जारी की है। संबद्धता प्रदान करने की अंतिम तिथि 20 अप्रैल, 2025 निर्धारित की गई है। प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल को और जारी निर्देश में बीएड पाठ्यक्रम को छोड़कर अन्य सभी स्नातक व स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए मानक प्रक्रिया तय की गई है। इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा में गुणवत्ता व पारदर्शिता को सुदुद करना है। इसके तहत विश्वविद्यालयों में नए पाठ्यक्रमों के लिए अनापत्ति प्रस्ताव आनलाइन जमा करने की प्रक्रिया 10 अक्टूबर, 2024 से शुरू होकर 15 दिसंबर तक चलेगी। इसके साथ ही प्रस्तावों के भूमि अभिलेखों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा 16 दिसंबर से 20 जनवरी, 2025 तक किया जाएगा। इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा सत्यापन रिपोर्ट एक माह के भीतर संबंधित विश्वविद्यालय को आनलाइन प्रेषित की जाएगी विश्वविद्यालयों द्वारा अनापत्ति आदेश 31 जनवरी तक आनलाइन जारी किए जाएंगे। इसके विरुद्ध अपील करने की अंतिम तिथि 10 फरवरी और अपील निस्तारण को अंतिम तिथि 20 फरवरी निर्धारित की गई है। इसके बाद निरीक्षण प्रक्रिया की तैयारी के लिए संस्थान 28 फरवरी तक आवेदन करेंगे। इसके बाद विश्वविद्यालय पांच मार्च तक निरीक्षण मंडल का गठन करेगा। निरीक्षण मंडल पांच अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। संबद्धता प्रदान करने की अंतिम तिथि 20 अप्रैल तय की गई है। इसके खिलाफ अपील दस मई तक की जा सकती है । और इसका निस्तारण 31 मई तक पूरा किया जाएगा। गुणवता व पारदर्शिता के लिए विशेष निर्देश सरकार ने इस प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। सत्यापन के दौरान खतौनी, संयुक्तता प्रमाण पत्र, और स्थल निरीक्षण के सभी चरणों की अनिवार्य बनाया गया है। निरीक्षण के लिए एक पैनल तैयार किया जाएगा। जिसमें विषय विशेषज्ञों के साथ एक सदस्य सचिव होंगे, जिनका दायित्व निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करना होगा। निरीक्षण तिथि के लिए दो विकल्प प्रस्तुत किए जाएंगे। इनमें पैनल के सभी सदस्यों को उपस्थिति अनिवार्य होगी। अनुपस्थित सदस्यों पर कड़ी कार्रवाई का प्रविधान है। शुचिता व निष्पक्षता के लिए शासन स्तर पर पुनः सत्यापन की आवश्यकता पड़ने पर व्यवस्था की गई है।
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