झांकी अग्नि कांड के बाद जगा वाराणसी प्रशासन:शहर के अस्पतालों का फायर ब्रिगेड की टीम ने किया निरीक्षण,BHU अस्पताल में शॉर्ट सर्किट जैसी घटना का खतरा

झांसी जनपद के अस्पताल में आग लगने की वजह से 11 बच्चों की मौत हो गई जिसके बाद अब वाराणसी जिला प्रशासन भी पूरे अलर्ट मोड में है। जिला फायर ब्रिगेड की टीम ने वाराणसी के सरकारी अस्पतालों का भ्रमण किया और वहां पर सुरक्षा मनको की गहनता से जांच की। टीम ने वार्ड एवं फायर उपकरण को चेक किया। उन्होंने सिलेंडर की जांच करते हुए विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली। वहीं दो सिलेंडर खाली मिलने पर तत्काल भरवाने के लिए निर्देशित किया। अस्पताल में फायर मैन नियुक्त करने का दिया आदेश जिला अग्निशमन अधिकारी आंनद सिंह राजपूत ने बताया कि टीम ने अग्निशमन यंत्र, स्मोकिंग अलर्ट, पानी के टैंक सहित अन्य मानक देखे। इसके साथ ही फायर मैन की नियुक्ति, स्मोकिंग अलर्ट, आग लगने पर मरीजों को बाहर निकालने के लिए किए गए इंतजामों को भी परखा। इस दौरान अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। शहर भर के अस्पतालों का चल रहा फायर सेफ्टी ऑडिट मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि बीएचयू अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग और स्वामी विवेकानंद अस्पताल में आग लगने से बचाव के उपायों के जो मानक हैं, वो फेल हैं। दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल, मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा, बीएचयू ट्रॉमा सेंटर, महामना कैंसर संस्थान, जिला महिला अस्पताल कबीरचौरा, शास्त्री अस्पताल रामनगर, ईएसआईसी अस्पताल में सभी मानक पूरे हैं। समय-समय पर निजी और सरकारी अस्पतालों की फायर सेफ्टी ऑडिट कराई जाती रहती है। आइए अब जानते है क्या है बीएचयू के अस्पताल का हाल बीएचयू अस्पताल के पुराने बिल्डिंग में अभी कायाकल्प चल रहा है जिसके चलते अभी बीएचयू प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि करवाई संस्था को या निर्देश दिया गया है जल्द से जल्द फायर सर्विस को दुरुस्त कर दिया जाए और जहां भी तार खुले हुए हैं उसे ठीक किया जाए। वहीं इसमें बच्चों और किशोरों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है। बाल रोग विभाग के पहले तल पर ही पीआईसीयू और एसएनसीयू भी बनाया गया है, इसमें गंभीर बच्चे भर्ती होते हैं। आइए अब बीएचयू अस्पताल के स्थिति के तस्वीर को देखते हैं निदेशक प्रो. एसएन संखवार का कहना है कि अस्पताल में आग से बचाव के जो भी उपकरण हैं, उसकी नए सिरे से मॉनिटरिंग करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया हैं‌। 24 घंटे के अंदर सभी चीजों को ठीक करा दिया जायेगा।

Nov 17, 2024 - 16:35
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झांकी अग्नि कांड के बाद जगा वाराणसी प्रशासन:शहर के अस्पतालों का फायर ब्रिगेड की टीम ने किया निरीक्षण,BHU अस्पताल में शॉर्ट सर्किट जैसी घटना का खतरा
झांसी जनपद के अस्पताल में आग लगने की वजह से 11 बच्चों की मौत हो गई जिसके बाद अब वाराणसी जिला प्रशासन भी पूरे अलर्ट मोड में है। जिला फायर ब्रिगेड की टीम ने वाराणसी के सरकारी अस्पतालों का भ्रमण किया और वहां पर सुरक्षा मनको की गहनता से जांच की। टीम ने वार्ड एवं फायर उपकरण को चेक किया। उन्होंने सिलेंडर की जांच करते हुए विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली। वहीं दो सिलेंडर खाली मिलने पर तत्काल भरवाने के लिए निर्देशित किया। अस्पताल में फायर मैन नियुक्त करने का दिया आदेश जिला अग्निशमन अधिकारी आंनद सिंह राजपूत ने बताया कि टीम ने अग्निशमन यंत्र, स्मोकिंग अलर्ट, पानी के टैंक सहित अन्य मानक देखे। इसके साथ ही फायर मैन की नियुक्ति, स्मोकिंग अलर्ट, आग लगने पर मरीजों को बाहर निकालने के लिए किए गए इंतजामों को भी परखा। इस दौरान अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। शहर भर के अस्पतालों का चल रहा फायर सेफ्टी ऑडिट मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि बीएचयू अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग और स्वामी विवेकानंद अस्पताल में आग लगने से बचाव के उपायों के जो मानक हैं, वो फेल हैं। दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल, मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा, बीएचयू ट्रॉमा सेंटर, महामना कैंसर संस्थान, जिला महिला अस्पताल कबीरचौरा, शास्त्री अस्पताल रामनगर, ईएसआईसी अस्पताल में सभी मानक पूरे हैं। समय-समय पर निजी और सरकारी अस्पतालों की फायर सेफ्टी ऑडिट कराई जाती रहती है। आइए अब जानते है क्या है बीएचयू के अस्पताल का हाल बीएचयू अस्पताल के पुराने बिल्डिंग में अभी कायाकल्प चल रहा है जिसके चलते अभी बीएचयू प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि करवाई संस्था को या निर्देश दिया गया है जल्द से जल्द फायर सर्विस को दुरुस्त कर दिया जाए और जहां भी तार खुले हुए हैं उसे ठीक किया जाए। वहीं इसमें बच्चों और किशोरों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है। बाल रोग विभाग के पहले तल पर ही पीआईसीयू और एसएनसीयू भी बनाया गया है, इसमें गंभीर बच्चे भर्ती होते हैं। आइए अब बीएचयू अस्पताल के स्थिति के तस्वीर को देखते हैं निदेशक प्रो. एसएन संखवार का कहना है कि अस्पताल में आग से बचाव के जो भी उपकरण हैं, उसकी नए सिरे से मॉनिटरिंग करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया हैं‌। 24 घंटे के अंदर सभी चीजों को ठीक करा दिया जायेगा।

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