ट्रम्प की हत्या की तीसरी कोशिश का खुलासा:‘ईरानी एसेट’ पर हत्या की साजिश रचने का आरोप; पिछले 6 महीने में चौथी साजिश

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बंपर जीत दर्ज करने वाले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या की एक और साजिश का खुलासा हुआ है। मामले में अमेरिकी खुफिया विभाग ने फरहाद शकेरी नाम के ईरानी नागरिक पर आरोप लगाए हैं। FBI के मुताबिक फरहाद शकेरी एक ‘ईरानी एसेट’ है और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉप्स (IRGC) का मेम्बर है । फरहाद को 7 अक्टूबर को ईरान सरकार ने ट्रम्प की हत्या प्लान बनाने का काम सौंपा था। FBI का कहना है कि इसके लिए IRGC ने समयसीमा भी तय की थी। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक बी गारलैंड का कहना है, "न्याय विभाग ने ईरानी सरकार के एक एसेट को गिरफ्तार किया है, इस एसेट को ट्रम्प सहित कई अमेरिकी नेताओं की हत्या करवाने के लिए एक आपराधिक नेटवर्क चलाने का काम सौंपा गया था।" एफबीआई के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे का कहना है कि ईरान लगातार अमेरिकी नागरिक, नेताओं और सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है। IRGC ने अपराधियों के साथ मिलकर हमारे लोगों पर हमले की साजिश रची है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अमेरिका ने IRGC को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। उधर, ईरान ने ट्रम्प की हत्या की साजिश के इन आरोपों को झूठा बताया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने कहा, "ईरान वर्तमान या किसी भी पूर्व अमेरिकी अधिकारी को निशाना बनाने के आरोपों को सिरे से खारिज करता है।" कौन है ‘ईरानी एसेट शकेरी’ ? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फरहाद शकेरी बचपन में अमेरिका आया था और 2008 में डकैती के एक मामले में सजा के बाद निर्वासित कर दिया गया था। फिलहाल वह ईरान में है। इसके अलावा शकेरी पर न्यूयॉर्क में ईरान सरकार का विरोध करने वाले एक ईरानी नागरिक की हत्या करने का भी आरोप है। 2019 में शकेरी को हेरोइन तस्करी के आरोप में श्रीलंका में हिरासत में लिया गया था। शकेरी पर कई आतंकी संगठनों की मदद करने का भी आरोप है। ट्रम्प की सुरक्षा कड़ी चुनौती ट्रम्प पर पिछले 6 महीने में दो जानलेवा हमले हो चुके हैं। जुलाई में चुनाव प्रचार के दौरान पेंसिलवेनिया में एक रैली में भी ट्रम्प पर गोली चली थी। गोली उनके कान को छूकर निकल गई थी। गोली चलाने वाले व्यक्ति को सीक्रेट सर्विस ने वहीं मार गिराया था। इसके दो दिन बाद ही 16 जुलाई को अमेरिका के मिलवॉकी शहर में उनकी रिपब्लिकन पार्टी के कन्वेंशन के बाहर पुलिस ने 21 साल के एक युवक को AK-47 के साथ गिरफ्तार किया था। फिर दो महीने बाद ही उन पर दूसरा जानलेवा हमला हुआ था। इसमें भी ट्रम्प की जान बाल-बाल बची थी। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। ऐसे में उनके खिलाफ इस तीसरी बड़ी साजिश का खुलासा होने के बाद अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के लिए ट्रम्प की सुरक्षा पहली प्राथमिकता बन गई है। फ्लोरिडा स्थित ट्रम्प के घर में गश्त के लिए रोबोटिक कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

Nov 9, 2024 - 22:00
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ट्रम्प की हत्या की तीसरी कोशिश का खुलासा:‘ईरानी एसेट’ पर हत्या की साजिश रचने का आरोप; पिछले 6 महीने में चौथी साजिश
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बंपर जीत दर्ज करने वाले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या की एक और साजिश का खुलासा हुआ है। मामले में अमेरिकी खुफिया विभाग ने फरहाद शकेरी नाम के ईरानी नागरिक पर आरोप लगाए हैं। FBI के मुताबिक फरहाद शकेरी एक ‘ईरानी एसेट’ है और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉप्स (IRGC) का मेम्बर है । फरहाद को 7 अक्टूबर को ईरान सरकार ने ट्रम्प की हत्या प्लान बनाने का काम सौंपा था। FBI का कहना है कि इसके लिए IRGC ने समयसीमा भी तय की थी। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक बी गारलैंड का कहना है, "न्याय विभाग ने ईरानी सरकार के एक एसेट को गिरफ्तार किया है, इस एसेट को ट्रम्प सहित कई अमेरिकी नेताओं की हत्या करवाने के लिए एक आपराधिक नेटवर्क चलाने का काम सौंपा गया था।" एफबीआई के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे का कहना है कि ईरान लगातार अमेरिकी नागरिक, नेताओं और सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है। IRGC ने अपराधियों के साथ मिलकर हमारे लोगों पर हमले की साजिश रची है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अमेरिका ने IRGC को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। उधर, ईरान ने ट्रम्प की हत्या की साजिश के इन आरोपों को झूठा बताया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने कहा, "ईरान वर्तमान या किसी भी पूर्व अमेरिकी अधिकारी को निशाना बनाने के आरोपों को सिरे से खारिज करता है।" कौन है ‘ईरानी एसेट शकेरी’ ? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फरहाद शकेरी बचपन में अमेरिका आया था और 2008 में डकैती के एक मामले में सजा के बाद निर्वासित कर दिया गया था। फिलहाल वह ईरान में है। इसके अलावा शकेरी पर न्यूयॉर्क में ईरान सरकार का विरोध करने वाले एक ईरानी नागरिक की हत्या करने का भी आरोप है। 2019 में शकेरी को हेरोइन तस्करी के आरोप में श्रीलंका में हिरासत में लिया गया था। शकेरी पर कई आतंकी संगठनों की मदद करने का भी आरोप है। ट्रम्प की सुरक्षा कड़ी चुनौती ट्रम्प पर पिछले 6 महीने में दो जानलेवा हमले हो चुके हैं। जुलाई में चुनाव प्रचार के दौरान पेंसिलवेनिया में एक रैली में भी ट्रम्प पर गोली चली थी। गोली उनके कान को छूकर निकल गई थी। गोली चलाने वाले व्यक्ति को सीक्रेट सर्विस ने वहीं मार गिराया था। इसके दो दिन बाद ही 16 जुलाई को अमेरिका के मिलवॉकी शहर में उनकी रिपब्लिकन पार्टी के कन्वेंशन के बाहर पुलिस ने 21 साल के एक युवक को AK-47 के साथ गिरफ्तार किया था। फिर दो महीने बाद ही उन पर दूसरा जानलेवा हमला हुआ था। इसमें भी ट्रम्प की जान बाल-बाल बची थी। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। ऐसे में उनके खिलाफ इस तीसरी बड़ी साजिश का खुलासा होने के बाद अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के लिए ट्रम्प की सुरक्षा पहली प्राथमिकता बन गई है। फ्लोरिडा स्थित ट्रम्प के घर में गश्त के लिए रोबोटिक कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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