तसलीमा नसरीन ने अमित शाह से मदद मांगी:कहा- भारतीय रजिडेंस परमिट एक्सपायर होने से परेशान हूं, भारत मेरा दूसरा घर है

बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर गृह मंत्री अमित शाह से मदद मांगी है। उन्होंने कहा कि उनका भारतीय रजिडेंस परमिट जुलाई में एक्सपायर हो गया है और गृह-मंत्रालय उसे रिन्यू नहीं कर रहा है। तसलीमा ने कहा कि भारत उनका दूसरा घर है और 22 जुलाई के बाद से परमिट रिन्यू न होने से वे परेशान हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उन्हें भारत में रहने देगी, तो वे शुक्रगुजार होंगी। बांग्लादेश इस वक्त गंभीर सत्ता संघर्ष से जूझ रहा है। कुछ महीने पहले पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से स्थिति अस्थिर है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार इस वक्त लोकतांत्रिक संस्थाओं को फिर से बहाल करने की चुनौती का सामना कर रही है। 2011 से भारत में रह रही हैं नसरीन नसरीन 2011 से भारत में रह रही हैं और उनके पास स्वीडन की नागरिकता है। इसके पहले भी कई बार वे अपने रेजिडेंस परमिट के स्टेटस को लेकर भारत सरकार के अधिकारियों से कोई जानकारी न मिलने पर चिंता जता चुकी हैं। पिछले महीने उन्होंने कहा था कि वे नियमित रूप से अपने आवेदन का स्टेटस ऑनलाइन चेक करती हैं, लेकिन यह अब भी 'अपडेटिंग' दिखा रहा है, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ है। उन्होंने ये भी कहा था कि उन्हें बांग्लादेश और वहां की पॉलिटिक्स से कोई मतलब नहीं है। 1994 में बांग्लादेश ने तसलीमा के खिलाफ फतवा जारी किया था तसलीमा के लेखन के चलते 1994 में बांग्लादेश में उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया था। उसके बाद से नसरीन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने भारत में शरण ली, लेकिन यहां भी बार-बार उन्हें अपनी जगह बदलनी पड़ी। वह पहले कोलकाता और जयपुर में रहीं, फिर दिल्ली में स्थायी निवास परमिट के तहत बस गईं।

Oct 22, 2024 - 06:55
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तसलीमा नसरीन ने अमित शाह से मदद मांगी:कहा- भारतीय रजिडेंस परमिट एक्सपायर होने से परेशान हूं, भारत मेरा दूसरा घर है
बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर गृह मंत्री अमित शाह से मदद मांगी है। उन्होंने कहा कि उनका भारतीय रजिडेंस परमिट जुलाई में एक्सपायर हो गया है और गृह-मंत्रालय उसे रिन्यू नहीं कर रहा है। तसलीमा ने कहा कि भारत उनका दूसरा घर है और 22 जुलाई के बाद से परमिट रिन्यू न होने से वे परेशान हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उन्हें भारत में रहने देगी, तो वे शुक्रगुजार होंगी। बांग्लादेश इस वक्त गंभीर सत्ता संघर्ष से जूझ रहा है। कुछ महीने पहले पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से स्थिति अस्थिर है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार इस वक्त लोकतांत्रिक संस्थाओं को फिर से बहाल करने की चुनौती का सामना कर रही है। 2011 से भारत में रह रही हैं नसरीन नसरीन 2011 से भारत में रह रही हैं और उनके पास स्वीडन की नागरिकता है। इसके पहले भी कई बार वे अपने रेजिडेंस परमिट के स्टेटस को लेकर भारत सरकार के अधिकारियों से कोई जानकारी न मिलने पर चिंता जता चुकी हैं। पिछले महीने उन्होंने कहा था कि वे नियमित रूप से अपने आवेदन का स्टेटस ऑनलाइन चेक करती हैं, लेकिन यह अब भी 'अपडेटिंग' दिखा रहा है, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ है। उन्होंने ये भी कहा था कि उन्हें बांग्लादेश और वहां की पॉलिटिक्स से कोई मतलब नहीं है। 1994 में बांग्लादेश ने तसलीमा के खिलाफ फतवा जारी किया था तसलीमा के लेखन के चलते 1994 में बांग्लादेश में उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया था। उसके बाद से नसरीन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने भारत में शरण ली, लेकिन यहां भी बार-बार उन्हें अपनी जगह बदलनी पड़ी। वह पहले कोलकाता और जयपुर में रहीं, फिर दिल्ली में स्थायी निवास परमिट के तहत बस गईं।

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