दीपावली में इस विधि से करें मां लक्ष्मी-गणेश की पूजा:कलश स्थापना और पूजा साम्रगी भी जानें, कृपा बरसाएगीं महालक्ष्मी
दीपावली का त्योहार सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य, वैभव और लक्ष्मी आगमन का पर्व है। लक्ष्मी जी को धन की आराध्य देवी माना गया है। इनकी आराधना और पूजन जीवन का शुभ प्रतीक है। दीपावली के अवसर पर सही मुहूर्त में, सही रूप से, विधि विधान सहित मां महालक्ष्मी का पूजन किया जाए। तो वह साल सभी दृष्टियों से उन्नतिदायक होता है। आइए जानते हैं आज कैसे करें...मां लक्ष्मी और गणेश का पूजन वाराणसी के पंडित विकास ने बताया - दिवाली पर लक्ष्मी पूजन शुरू करने से पहले गणेश-लक्ष्मी के विराजने की जगह पर रंगोली बनाएं। जिस चौकी पर पूजन कर रहे हैं उसके चारों कोने पर एक-एक दीपक जलाएं। इसके बाद प्रतिमा स्थापित करने वाले स्थान पर कच्चे चावल रखें। फिर गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमा को विराजमान करें। लक्ष्मी जी को गणेश जी के दाहिनी ओर रखें। उनके सामने दीपक रखे। दिवाली पूजन के मौके पर कुबेर, सरस्वती और काली माता की पूजा भी की जाती है। इनकी मूर्ति हों तो उन्हें भी पूजा की जगह पर विराजमान कर सकते हैं। दिवाली पूजन की सामग्री कलावा, रोली, सिंदूर, नारियल, अक्षत (चावल), लाल वस्त्र , फूल, 5 सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश के लिए आम का पत्ते, चौकी, समिधा, हवन कुंड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा में बैठने के लिए आसन, हल्दी, अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली, कुशा, चंदन पूजा करने के लिए रखें। पूजन की विधि दिवाली पर लक्ष्मी पूजन शुरू करने से पहले गणेश-लक्ष्मी के विराजने की जगह को अच्छे-से साफ करें। वहां रंगोली बनाएं और गंगा जल छिड़ककर इस मंत्र का जाप करना चाहिए- 'ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्याभ्यतंरं शुचि:'। लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर लक्ष्मी का ध्यान करें और मूर्तियों को चौकी पर आदर और श्रद्धाभाव के साथ बैठाएं।
What's Your Reaction?