दुष्कर्म के अरोपियो को हुई 20-20 वर्ष के सजा:किशोरी के साथ गाँव के ही दो युवको ने किया था दुष्कर्म

ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत न्याय व्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हुए बरेली जिले में दुष्कर्म के दो दोषियों को कड़ी सजा सुनाई गई है। अदालत ने आरोपियों को 20-20 साल के सश्रम कठोर कारावास के साथ 54,000 रुपये का अर्थदंड लगाया है। इस मामले में अदालत ने महज तीन वर्षों में फैसला सुनाया, जो न्यायिक प्रणाली की तेजी को दर्शाता है। मासूम किशोरी को बनाया गया था शिकार यह मामला जनवरी 2021 का है। बरेली जिले के फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र के एक गांव में 15 वर्षीय किशोरी के साथ गाँव के ही दो युवकों, शाकिर और शाहिद, ने दुष्कर्म किया। इस अमानवीय कृत्य ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश पैदा कर दिया था। घटना के बाद पीड़िता के परिजनों ने फतेहगंज पश्चिमी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मुकदमा दर्ज होते ही सक्रिय हुई पुलिस घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों, शाकिर और शाहिद, को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। घटना स्थल पर सबूत जुटाए गए, और मेडिकल जांच समेत सभी तकनीकी प्रक्रियाएं पूरी की गईं। पुलिस ने पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए मामले की तहकीकात को प्राथमिकता दी। मामले की जांच और सबूत जुटाने की प्रक्रिया जांच के दौरान पुलिस ने वैज्ञानिक तरीकों से सबूत इकट्ठा किए। पीड़िता का बयान दर्ज करने के साथ ही, अपराध स्थल पर मिले सबूत और मेडिकल रिपोर्ट को अभियोजन पक्ष के लिए मजबूत आधार बनाया गया। आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई, जिसमें पुलिस ने आरोपियों को दोषी साबित करने के लिए ठोस प्रमाण प्रस्तुत किए। 9 गवाहों ने रखा मजबूत पक्ष इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष ने 9 गवाह पेश किए। इन गवाहों में पीड़िता, उसके परिवार के सदस्य, जांच अधिकारी और मेडिकल विशेषज्ञ शामिल थे। इन गवाहों के बयानों ने न्यायालय को आरोपियों के खिलाफ मजबूत सबूत प्रदान किए। तेजी से चली न्यायिक प्रक्रिया योगी सरकार के ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत न्याय प्रक्रिया को तेज करने पर विशेष ध्यान दिया गया। इसके अंतर्गत पाक्सो अदालत ने इस मामले में तेजी से सुनवाई की। मंगलवार को न्यायालय पाक्सो कोर्ट-02 ने फैसला सुनाते हुए आरोपियों को दोषी ठहराया। सजा का विवरण, कठोर दंड के साथ जुर्माना भी अदालत ने दोनों दोषियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(3), धारा 506 और पाक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत सजा सुनाई। 1. धारा 376(3) - प्रत्येक आरोपी को 20-20 वर्ष का सश्रम कठोर कारावास। - 10,000-10,000 रुपये का अर्थदंड। - अर्थदंड न भरने पर 6-6 महीने का अतिरिक्त कारावास। 2. धारा 506 - प्रत्येक आरोपी को 3-3 वर्ष का सश्रम कठोर कारावास। - 2,000-2,000 रुपये का अर्थदंड। - अर्थदंड न भरने पर 2-2 महीने का अतिरिक्त कारावास। 3. पाक्सो अधिनियम की धारा 6 - प्रत्येक आरोपी को 20-20 वर्ष का सश्रम कठोर कारावास। - 15,000-15,000 रुपये का अर्थदंड। - अर्थदंड न भरने पर 6-6 महीने का अतिरिक्त कारावास। कुल मिलाकर दोनों दोषियों पर 54,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। पुलिस और न्यायालय की भूमिका सराहनीय इस मामले में पुलिस और न्यायालय की भूमिका सराहनीय रही। पुलिस ने अपनी तेज कार्रवाई से न केवल आरोपियों को गिरफ्तार किया, बल्कि अभियोजन पक्ष को मजबूत सबूत भी प्रदान किए। वहीं, न्यायालय ने त्वरित सुनवाई करते हुए तीन वर्षों के भीतर अपना फैसला सुना दिया।

Dec 3, 2024 - 22:45
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दुष्कर्म के अरोपियो को हुई 20-20 वर्ष के सजा:किशोरी के साथ गाँव के ही दो युवको ने किया था दुष्कर्म
ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत न्याय व्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हुए बरेली जिले में दुष्कर्म के दो दोषियों को कड़ी सजा सुनाई गई है। अदालत ने आरोपियों को 20-20 साल के सश्रम कठोर कारावास के साथ 54,000 रुपये का अर्थदंड लगाया है। इस मामले में अदालत ने महज तीन वर्षों में फैसला सुनाया, जो न्यायिक प्रणाली की तेजी को दर्शाता है। मासूम किशोरी को बनाया गया था शिकार यह मामला जनवरी 2021 का है। बरेली जिले के फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र के एक गांव में 15 वर्षीय किशोरी के साथ गाँव के ही दो युवकों, शाकिर और शाहिद, ने दुष्कर्म किया। इस अमानवीय कृत्य ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश पैदा कर दिया था। घटना के बाद पीड़िता के परिजनों ने फतेहगंज पश्चिमी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मुकदमा दर्ज होते ही सक्रिय हुई पुलिस घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों, शाकिर और शाहिद, को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। घटना स्थल पर सबूत जुटाए गए, और मेडिकल जांच समेत सभी तकनीकी प्रक्रियाएं पूरी की गईं। पुलिस ने पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए मामले की तहकीकात को प्राथमिकता दी। मामले की जांच और सबूत जुटाने की प्रक्रिया जांच के दौरान पुलिस ने वैज्ञानिक तरीकों से सबूत इकट्ठा किए। पीड़िता का बयान दर्ज करने के साथ ही, अपराध स्थल पर मिले सबूत और मेडिकल रिपोर्ट को अभियोजन पक्ष के लिए मजबूत आधार बनाया गया। आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई, जिसमें पुलिस ने आरोपियों को दोषी साबित करने के लिए ठोस प्रमाण प्रस्तुत किए। 9 गवाहों ने रखा मजबूत पक्ष इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष ने 9 गवाह पेश किए। इन गवाहों में पीड़िता, उसके परिवार के सदस्य, जांच अधिकारी और मेडिकल विशेषज्ञ शामिल थे। इन गवाहों के बयानों ने न्यायालय को आरोपियों के खिलाफ मजबूत सबूत प्रदान किए। तेजी से चली न्यायिक प्रक्रिया योगी सरकार के ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत न्याय प्रक्रिया को तेज करने पर विशेष ध्यान दिया गया। इसके अंतर्गत पाक्सो अदालत ने इस मामले में तेजी से सुनवाई की। मंगलवार को न्यायालय पाक्सो कोर्ट-02 ने फैसला सुनाते हुए आरोपियों को दोषी ठहराया। सजा का विवरण, कठोर दंड के साथ जुर्माना भी अदालत ने दोनों दोषियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(3), धारा 506 और पाक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत सजा सुनाई। 1. धारा 376(3) - प्रत्येक आरोपी को 20-20 वर्ष का सश्रम कठोर कारावास। - 10,000-10,000 रुपये का अर्थदंड। - अर्थदंड न भरने पर 6-6 महीने का अतिरिक्त कारावास। 2. धारा 506 - प्रत्येक आरोपी को 3-3 वर्ष का सश्रम कठोर कारावास। - 2,000-2,000 रुपये का अर्थदंड। - अर्थदंड न भरने पर 2-2 महीने का अतिरिक्त कारावास। 3. पाक्सो अधिनियम की धारा 6 - प्रत्येक आरोपी को 20-20 वर्ष का सश्रम कठोर कारावास। - 15,000-15,000 रुपये का अर्थदंड। - अर्थदंड न भरने पर 6-6 महीने का अतिरिक्त कारावास। कुल मिलाकर दोनों दोषियों पर 54,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। पुलिस और न्यायालय की भूमिका सराहनीय इस मामले में पुलिस और न्यायालय की भूमिका सराहनीय रही। पुलिस ने अपनी तेज कार्रवाई से न केवल आरोपियों को गिरफ्तार किया, बल्कि अभियोजन पक्ष को मजबूत सबूत भी प्रदान किए। वहीं, न्यायालय ने त्वरित सुनवाई करते हुए तीन वर्षों के भीतर अपना फैसला सुना दिया।

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