दैनिक भास्कर कार्यालय पहुंचे उद्यमी:कहा-उद्योग के लिए बिजली, पानी और सड़क की समस्या, दिल्ली में अधिकारी मिल जाते है, लखनऊ में नहीं

लखनऊ शहर के उद्यमी शुक्रवार को दैनिक भास्कर कार्यालय पहुंचे। उद्योगों के विकास पर चर्चा की। इस दौरान बातचीत में निकलकर आया कि उत्तर प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नीतियां तो काफी अच्छी है, लेकिन अफसर उनको ठीक से लागू नहीं करते हैं। दावा किया गया था कि उद्योग से जुड़े सभी लाइसेंस 72 घंटे के अंदर मिल जाएंगे। लाइसेंस मिलना तो दूर 72 घंटे में अधिकारी तक नहीं मिलते है। स्थिति यह है कि दिल्ली में केंद्र के अफ़सर से मिलना आसान है, लेकिन लखनऊ में अधिकारी मिलते ही नहीं है। इस दौरान उद्यमियों ने दैनिक भास्कर की तारीफ की और कहा- आम आदमी से लेकर कारोबारी और उद्यमियों की बातों को सबसे अच्छे तरीके से उठाता है। समाज को सही मायने में आइना दिखाने का काम कर रहा है। किसान जमीन देने को तैयार नहीं सौर ऊर्जा सेक्टर से जुड़े ताहिर हसन नकवी ने कहा- सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। यह काफी अच्छी हैं। एक योजना में किसान की जमीन को 25 साल के लिए लेंगे और वहां प्लांट स्थापित करेंगे। सब्सिडी समय पर नहीं मिलती फूड इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारी अमित अग्रवाल ने कहा- सब्सिडी के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। ऑन लाइन सिस्टम होने के बाद भी दो से तीन साल बाद सब्सिडी मिल रही है। कई लोग तो ऐसे हैं, जिनकी सब्सिडी 6 साल से नहीं मिली है। समाजवादी पार्टी की सरकार के समय की सब्सिडी बकाया है। माइक्रो सेल का गठन करना होगा औद्योगिक संगठन सीमा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा- हम काफी समय से माइक्रो सेल गठन करने की मांग कर रहे हैं। इसमें छोटे उद्योग करने वालों को फायदा होगा। सबसे ज्यादा रोजगार और रेवेन्यू देने का काम हम करते हैं, लेकिन मौजूदा समय सहूलियत तक नहीं मिलती है। NOC लेने के लिए जूझना पड़ा कुर्सी रोड पर पानी का प्लांट शुरू करने वाले शिवांग कालरा ने कहा- नया काम शुरू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। यहां तक की उनके पास कोर्ट का आदेश था। बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पा रहा था। प्रदेश में NOC लेने की व्यवस्था को सरल और पारदर्शी करना होगा। उद्यमियों के लिए अलग कॉलम देना चाहिए उद्यमी धीरज छाबड़ा ने कहा- दैनिक भास्कर में उद्यमियों के लिए अलग से कॉलम देना चाहिए। भास्कर समस्याओं को अच्छे से उठाता है। मौजूदा समय बहुत सी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन उसके प्रचार– प्रसार का अभाव है। दो साल में 10 फीसदी सड़क बनी उद्यमी रितेश श्रीवास्तव ने कहा- दो साल से उद्योग बंधु की बैठक में जा रहे हैं। वहां लगातार समस्याएं उठाने के बाद सरोजनी नगर इंडस्ट्रियल इलाके में महज 10 फीसदी सड़क बन पाई है। आजादी के बाद पहली बार शुरू हुई नील की खेती उद्यमी हमजा ने कहा- स्थिति पहले से बेहतर हुई है। हालांकि यह बात सही है कि उद्योग के विकास के लिए नीतियों को ठीक से लागू कराने में अभी समय लगता है।

Nov 23, 2024 - 13:15
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दैनिक भास्कर कार्यालय पहुंचे उद्यमी:कहा-उद्योग के लिए बिजली, पानी और सड़क की समस्या, दिल्ली में अधिकारी मिल जाते है, लखनऊ में नहीं
लखनऊ शहर के उद्यमी शुक्रवार को दैनिक भास्कर कार्यालय पहुंचे। उद्योगों के विकास पर चर्चा की। इस दौरान बातचीत में निकलकर आया कि उत्तर प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नीतियां तो काफी अच्छी है, लेकिन अफसर उनको ठीक से लागू नहीं करते हैं। दावा किया गया था कि उद्योग से जुड़े सभी लाइसेंस 72 घंटे के अंदर मिल जाएंगे। लाइसेंस मिलना तो दूर 72 घंटे में अधिकारी तक नहीं मिलते है। स्थिति यह है कि दिल्ली में केंद्र के अफ़सर से मिलना आसान है, लेकिन लखनऊ में अधिकारी मिलते ही नहीं है। इस दौरान उद्यमियों ने दैनिक भास्कर की तारीफ की और कहा- आम आदमी से लेकर कारोबारी और उद्यमियों की बातों को सबसे अच्छे तरीके से उठाता है। समाज को सही मायने में आइना दिखाने का काम कर रहा है। किसान जमीन देने को तैयार नहीं सौर ऊर्जा सेक्टर से जुड़े ताहिर हसन नकवी ने कहा- सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। यह काफी अच्छी हैं। एक योजना में किसान की जमीन को 25 साल के लिए लेंगे और वहां प्लांट स्थापित करेंगे। सब्सिडी समय पर नहीं मिलती फूड इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारी अमित अग्रवाल ने कहा- सब्सिडी के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। ऑन लाइन सिस्टम होने के बाद भी दो से तीन साल बाद सब्सिडी मिल रही है। कई लोग तो ऐसे हैं, जिनकी सब्सिडी 6 साल से नहीं मिली है। समाजवादी पार्टी की सरकार के समय की सब्सिडी बकाया है। माइक्रो सेल का गठन करना होगा औद्योगिक संगठन सीमा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा- हम काफी समय से माइक्रो सेल गठन करने की मांग कर रहे हैं। इसमें छोटे उद्योग करने वालों को फायदा होगा। सबसे ज्यादा रोजगार और रेवेन्यू देने का काम हम करते हैं, लेकिन मौजूदा समय सहूलियत तक नहीं मिलती है। NOC लेने के लिए जूझना पड़ा कुर्सी रोड पर पानी का प्लांट शुरू करने वाले शिवांग कालरा ने कहा- नया काम शुरू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। यहां तक की उनके पास कोर्ट का आदेश था। बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पा रहा था। प्रदेश में NOC लेने की व्यवस्था को सरल और पारदर्शी करना होगा। उद्यमियों के लिए अलग कॉलम देना चाहिए उद्यमी धीरज छाबड़ा ने कहा- दैनिक भास्कर में उद्यमियों के लिए अलग से कॉलम देना चाहिए। भास्कर समस्याओं को अच्छे से उठाता है। मौजूदा समय बहुत सी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन उसके प्रचार– प्रसार का अभाव है। दो साल में 10 फीसदी सड़क बनी उद्यमी रितेश श्रीवास्तव ने कहा- दो साल से उद्योग बंधु की बैठक में जा रहे हैं। वहां लगातार समस्याएं उठाने के बाद सरोजनी नगर इंडस्ट्रियल इलाके में महज 10 फीसदी सड़क बन पाई है। आजादी के बाद पहली बार शुरू हुई नील की खेती उद्यमी हमजा ने कहा- स्थिति पहले से बेहतर हुई है। हालांकि यह बात सही है कि उद्योग के विकास के लिए नीतियों को ठीक से लागू कराने में अभी समय लगता है।

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