दो पुराने मामलों में दोषियों को दंड:बंसल सुपर स्टोर से खाद्य नमूने के सैम्पल भरे गए; खाद्य सुरक्षा प्रशासन कार्रवाई, दोषियों को दंड, बंसल स्टोर निरीक्षण
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ की पैरवी पर आनंद मिश्र, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) लखनऊ, ने दो पुराने मामलों में अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए दंडित किया है। पहले मामले में, अभियुक्त सुरेश चंद्र गुप्ता, निवासी 61, चैपटिया कॉलोनी लखनऊ और मालिक मेसर्स चंद्रा आइसक्रीम फैक्ट्री, को अधोमानक आइसकैंडी विक्रय करने के आरोप में 4000 रुपये का जुर्माना और न्यायालय उठने तक की सजा सुनाई गई। यह मामला खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954 (PFA Act 1954) के तहत वर्ष 1986 में दर्ज किया गया था।दूसरे मामले में, अभियुक्त श्रवण कुमार यादव, निवासी ग्राम मरूई सिसैड़ी, थाना मोहनलालगंज, लखनऊ को अधोमानक दूध विक्रय के आरोप में 3000 रुपये का जुर्माना और न्यायालय उठने तक की सजा सुनाई गई। यह मामला 1996 में दर्ज किया गया था। इसके साथ ही, भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा छोटे फेरीवाले खाद्य विक्रेताओं के लिए पंजीकरण शुल्क माफ कर दिया गया है। 18 सितंबर 2024 से लागू इस निर्णय के तहत, अब फेरीवाले बिना शुल्क दिए 5 साल के लिए खाद्य पंजीकरण प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, 22 अक्टूबर 2024 को मीडिया और सोशल मीडिया पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर, सहायक आयुक्त खाद्य (||) लखनऊ के आदेशानुसार एक टीम ने जानकीपुरम स्थित बंसल सुपर स्टोर का औचक निरीक्षण किया। शिकायत सीलबंद अम्मा ब्रांड के आटे में कीड़े होने की थी, जिसे जांचा गया और नमूने संगृहीत किए गए। साथ ही, मिक्स फ्लोर आटा और पापड़ के भी नमूने जांच किया गया। प्रयोगशाला से रिपोर्ट आने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। स्टोर मैनेजर को भविष्य में सख्त खाद्य जांच के बाद ही उत्पाद बिक्री हेतु प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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