दो लेन की सड़क पर एक लेन तक फैली झाड़ी:जौनपुर में 2020 मे स्टेट हाईवे घोषित होने के बाद हुआ था चौड़ीकरण, हादसे का खतरा

जौनपुर के सुजानगंज क्षेत्र में कुंदहां से मछलीशहर जाने वाली दो-लेन सड़क का हाल बेहाल है। सड़क के बड़े हिस्से पर बबूल और अन्य झाड़ियों का कब्जा है, जिससे स्थानीय लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी हो रही है। खासकर बाइक और साइकिल सवारों को इन झाड़ियों के कारण जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है। बरसात में बढ़ती समस्या बरसात के मौसम में समस्या और गंभीर हो जाती है। झाड़ियों के साथ-साथ सड़क के किनारे पेड़ गिरने की घटनाएं आम हो गई हैं। हाल ही में मतरी पाल चौराहे के पास एक बबूल का पेड़ गिरा, जो कई दिनों तक सड़क पर पड़ा रहा। स्थानीय लोगों की शिकायत पर वन विभाग ने उसे हटवाया। दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी झाड़ियों और पेड़ों की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। बेलवार से सुजानगंज के बीच कई मोड़ ऐसे हैं, जहां सड़क का आधा हिस्सा झाड़ियों ने घेर लिया है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। हाल ही में, एक पिता-पुत्र बाइक पर मछलीशहर जा रहे थे, जब झाड़ियों की वजह से सामने से आ रही चार पहिया गाड़ी से टकरा गए। इस हादसे में पिता की मौके पर मौत हो गई, जबकि पुत्र घायल हो गया। स्थानीय लोगों की नाराजगी गौहानी निवासी समाजसेवी पंकज दुबे ने बताया कि बरसात में झाड़ियां और घनी हो जाती हैं, जिससे वाहन पलटने और दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार पेड़ गिरने से घंटों तक जाम की स्थिति बन जाती है। अचकारी निवासी मनोज द्विवेदी का कहना है कि मछलीशहर जाने के दौरान हर बार डर बना रहता है। झाड़ियों ने सड़क को इतना संकरा कर दिया है कि चार पहिया वाहन और बाइक सवारों के बीच टकराव की घटनाएं आम हो गई हैं। PWD ने दिया एक महीने का आश्वासन यह सड़क 2020 में स्टेट हाईवे घोषित हुई थी। यह प्रतापगढ़, आजमगढ़, मड़ियाहूं और जंघई को जोड़ती है। लेकिन मौजूदा हालात में झाड़ियों और गिरते पेड़ों ने इसे हादसों का गढ़ बना दिया है। जब पीडब्ल्यूडी के जेई अमित सिंह से बात की गई, तो उन्होंने कहा, हमारी जिम्मेदारी है कि गिरते पेड़ों को हटवाएं, लेकिन झाड़ियों की सफाई का काम प्राथमिकता से एक महीने में पूरा कर दिया जाएगा। स्थानीय लोग पीडब्ल्यूडी की सुस्ती से नाराज हैं। झाड़ियों और गिरते पेड़ों की समस्या का समाधान कब होगा, यह सवाल अब भी जवाब मांग रहा है। लोगों ने प्रशासन से जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग की है।

Nov 17, 2024 - 16:15
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दो लेन की सड़क पर एक लेन तक फैली झाड़ी:जौनपुर में 2020 मे स्टेट हाईवे घोषित होने के बाद हुआ था चौड़ीकरण, हादसे का खतरा
जौनपुर के सुजानगंज क्षेत्र में कुंदहां से मछलीशहर जाने वाली दो-लेन सड़क का हाल बेहाल है। सड़क के बड़े हिस्से पर बबूल और अन्य झाड़ियों का कब्जा है, जिससे स्थानीय लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी हो रही है। खासकर बाइक और साइकिल सवारों को इन झाड़ियों के कारण जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ता है। बरसात में बढ़ती समस्या बरसात के मौसम में समस्या और गंभीर हो जाती है। झाड़ियों के साथ-साथ सड़क के किनारे पेड़ गिरने की घटनाएं आम हो गई हैं। हाल ही में मतरी पाल चौराहे के पास एक बबूल का पेड़ गिरा, जो कई दिनों तक सड़क पर पड़ा रहा। स्थानीय लोगों की शिकायत पर वन विभाग ने उसे हटवाया। दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी झाड़ियों और पेड़ों की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। बेलवार से सुजानगंज के बीच कई मोड़ ऐसे हैं, जहां सड़क का आधा हिस्सा झाड़ियों ने घेर लिया है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। हाल ही में, एक पिता-पुत्र बाइक पर मछलीशहर जा रहे थे, जब झाड़ियों की वजह से सामने से आ रही चार पहिया गाड़ी से टकरा गए। इस हादसे में पिता की मौके पर मौत हो गई, जबकि पुत्र घायल हो गया। स्थानीय लोगों की नाराजगी गौहानी निवासी समाजसेवी पंकज दुबे ने बताया कि बरसात में झाड़ियां और घनी हो जाती हैं, जिससे वाहन पलटने और दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार पेड़ गिरने से घंटों तक जाम की स्थिति बन जाती है। अचकारी निवासी मनोज द्विवेदी का कहना है कि मछलीशहर जाने के दौरान हर बार डर बना रहता है। झाड़ियों ने सड़क को इतना संकरा कर दिया है कि चार पहिया वाहन और बाइक सवारों के बीच टकराव की घटनाएं आम हो गई हैं। PWD ने दिया एक महीने का आश्वासन यह सड़क 2020 में स्टेट हाईवे घोषित हुई थी। यह प्रतापगढ़, आजमगढ़, मड़ियाहूं और जंघई को जोड़ती है। लेकिन मौजूदा हालात में झाड़ियों और गिरते पेड़ों ने इसे हादसों का गढ़ बना दिया है। जब पीडब्ल्यूडी के जेई अमित सिंह से बात की गई, तो उन्होंने कहा, हमारी जिम्मेदारी है कि गिरते पेड़ों को हटवाएं, लेकिन झाड़ियों की सफाई का काम प्राथमिकता से एक महीने में पूरा कर दिया जाएगा। स्थानीय लोग पीडब्ल्यूडी की सुस्ती से नाराज हैं। झाड़ियों और गिरते पेड़ों की समस्या का समाधान कब होगा, यह सवाल अब भी जवाब मांग रहा है। लोगों ने प्रशासन से जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग की है।

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