धीरेंद्र शास्त्री है स्वतंत्र, अखाड़ों की बैठक में होगा निर्णय:महाकुंभ का अच्छे से कराना अखाड़ों का प्रमुख उद्देश्य, गो मांस बिक्री पर भी बोले अखाड़ा परिषद सचिव
प्रयागराज में लगने जा रहे महाकुंभ में गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा हो रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ पहुंचे पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बयान के बाद मामला तूल पकड़ने लगा है। हालांकि अखाड़ा परिषद की तरफ से इस मामले में अभी कुछ भी कहने से मना कर दिया गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तरफ कहा गया है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री स्वतंत्र हैं, लेकिन परिषद अकेले नहीं है। ऐसे में कोई भी निर्णय होगा, तो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में तय होगा। अखाड़ों का प्रमुख दायित्व महाकुंभ को सकुशल आयोजित कराना है। किसी एक व्यक्ति का नहीं है महाकुंभ धीरेंद्र शास्त्री के बयान के वायरल होने के बाद दैनिक भास्कर ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सचिव महंत हरि गिरी जी महाराज से मामले में विशेष बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि महाकुंभ किसी एक व्यक्ति का नहीं है। यहां पर अलग-अलग परंपराओं के लोग आते है। ऐसे में सबका सम्मान होना चाहिए। जहां तक बात गैर सनातनियों के प्रवेश को मेले में रोकने का है, तो वह अकेले नहीं है। यह सब अखाड़ा परिषद की बैठक में तय होगा। जहां सभी अखाड़ों के लोग शामिल होंगे। आखाड़ों की आगामी बैठक में इस बात पर भी चर्चा होगी। मेले में धर्म के खिलाफ खाने पीने की चीजों की ना हो बिक्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सचिव महंत हरि गिरी जी महाराज ने कहा कि महाकुंभ मेले में या उसके आस-पास के क्षेत्र में ऐसी किसी भी प्रकार के खाने पीने की वस्तुओं की बिक्री नहीं होनी चाहिए, जो सनातन धर्म के विरुद्ध है। मेले में आने वाले श्रद्धालु दो माह तक साधना करते हैं। ऐसे में अगर इस प्रकार की वस्तुएं मेले के आस-पास भी बिकती है, तो उनकी भावना आहत होती है। कहा कि अगर कोई ऐसा करता है, तो आने वाले श्रद्धालुओं को मानसिक दुख होगा। प्रयागराज जंक्शन पर कई नॉनवेज की दुकानें है। उनको बंद कराने के लिए नगर निगम से निवेदन किया गया है। जिससे महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को प्रयागराज जंक्शन पर उतरने के बाद मानसिक कष्ट ना हो सके। पूरे प्रदेश में महाकुंभ के दौरान ना खाए कोई गो-मांस महंत हरि गिरी जी महाराज ने कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि वह यह सुनिश्चित कराएं की महाकुंभ के दौरान पूरे प्रदेश में कोई भी गो मांस का सेवन ना करें। इसके लिए वह अपने अल्लाह की कसम खाएं। इसके अलावा मेला क्षेत्र के आस-पास भी कई ऐसे स्थान है, जहां पर मांस से बनी हुई चीजें बिकती हैं। उस पर भी रोक लगना चाहिए। इसके लिए प्रशासन से भी अनुरोध किया गया है। अखाड़ा परिषद की बैठक में भी हुई है चर्चा पिछले कुछ महीनों से खाने- पीने की वस्तुओं पर थूकने आदि के वीडियो वायरल होने के बाद महाकुंभ में ऐसे लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने को लेकर अखाड़ा परिषद की बीती बैठक में भी चर्चा हुई थी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने इस मुद्दे को उठाया था, हालांकि इस पर बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका था। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भी इस मामले को देखते हुए ऐसा करने का आवाह्न किया है। छत्तीसगढ़ पहुंचने के बाद उनका दिया बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि जिन्हें सनातन संस्कृति का ज्ञान हो, हिंदू धर्म के देवी देवताओं के बारे में पता हो, उनको ही यह कार्य मेला क्षेत्र में देना चाहिए। नहीं तो लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां लोग खाने पीने की वस्तुओं में थूक रहे हैं, फलों में गंदगी चिपकाते हैं। ऐसे में गैर हिंदूओं को महाकुंभ में प्रवेश वर्जित होना चाहिए। गुरु का आदेश सर्वोपरी वहीं पूरे मामले में जूना अखाड़े का ही हिस्सा रहे किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का कहना है कि वह अपने गुरु के आदेश का ही पालन करेंगी। महाकुंभ में गैर सनातनियों के प्रवेश को रोकने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि पिछले दिनों में जिस प्रकार कुछ लोगों की तरफ से जो कृत्य किए गए है, उसको देखते हुए यह जरूरी है कि ऐसे लोगों का प्रवेश रोका जाए। जो धर्म और लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं। जहां तक इस मामले में उनके विचार की बात है, जो अखाड़ा परिषद का निर्णय होगा। वहीं उनका भी निर्णय होगा। वह जूना अखाड़ा का हिस्सा है।
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