नोएडा के सेक्टर-62 में बनेगी पहली पज़ल पार्किंग:80 वाहनों की होगी क्षमता, इसके बाद दो अन्य स्थानों पर बनेगी पार्किंग

नोएडा प्राधिकरण ने तीन स्थानों पर पज़ल पार्किंग बनाने की तैयारी तेज कर दी है। तीनों जगह जमीन से संबंधित कोई दिक्कत तो नहीं है, यह जानकारी लेने के लिए नियोजन विभाग को फाइल भेजी है। इस महीने नियोजन विभाग से अनुमति मिलते ही अगले महीने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सबसे पहले सेक्टर-62 में पज़ल पार्किंग बनाई जाएगी। इसके बाद सेक्टर-18 और अंत में प्राधिकरण के सामने। दरअसल प्राधिकरण ऑफिस सेक्टर-96 में बनाया जा रहा है। ऐसे जरूरत के हिसाब से ही यहां निर्माण किया जा सकता है। नोएडा प्राधिकरण जाम में कमी लाने के लिए अब छोटी-छोटी पार्किंग तैयार करेगा। ये पार्किंग स्टील के ढांचे पर बनाई जाएंगी। पहले चरण में शहर में तीन जगह ऐसी पार्किंग बनाने का निर्णय प्राधिकरण ने लिया है। सेक्टर-6 नोएडा प्राधिकरण दफ्तर के सामने, सेक्टर-18 सावित्री बाजार के पास और सेक्टर-62 में रामलीला मैदान के पास जगह चिह्नित की गई है। अभी इन तीनों जगह पार्किंग नहीं होने के कारण सड़क पर वाहन खड़े होने से लंबा जाम लगता है। प्राधिकरण यहां अलग-अलग जगह खाली पड़ी थोड़ी जगह पर पार्किंग की सुविधा देगा। अधिकारियों ने बताया कि ये पार्किंग स्टील के स्ट्रक्चर पर छह मंजिल तक बनाई जाएंगी। इनमें करीब 80 गाड़ियों के खड़े किए जाने का अनुमान है। सेक्टर-18 में सावित्री बाजार में मोबाइल मार्केट मुख्य सड़क के पास ही है। ऐसे में इसका फायदा अट्टा बाजार में आने वाले लोगों को भी होगा। यह होती है पजल पार्किंग यह ऑटोमैटिक पार्किंग सिस्टम होता है। इसमें कई स्तर पर स्लाइडिंग प्लैटफॉर्म होते हैं, जिनकी मदद से वाहनों को किसी भी तरफ घुमाया जा सकता है। इस सिस्टम की मदद से उपलब्ध जगह में ज्यादा से ज्यादा वाहनों को खड़ा किया जा सकता है। इसमें किसी भी कार को अन्य कार को हटाए या छुए बिना पार्क किया जा सकता है। इसमें, स्टैंड ऊपर, नीचे, दाएं, और बाएं घूम सकते हैं। 15 लाख रुपए खर्च आने का अनुमान स्टील के ढांचे पर एक गाड़ी की पार्किंग बनाने के लिए 16-17 लाख रुपए के आसपास खर्च आने की उम्मीद है। अधिकारियों का कहना है कि जिस एजेंसी को टेंडर दिया जाएगा, उससे लेबर एग्रीमेंट के आधार पर काम का जिम्मा दिया जाएगा। यानी पार्किंग से जो शुल्क आएगा, उसके अनुपात में लेबर का शुल्क एजेंसी को दिया जाएगा। इससे उसका खर्चा निकलेगा। इसके अलावा विज्ञापन का जिम्मा भी दिया जा सकता है।

Nov 29, 2024 - 17:35
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नोएडा के सेक्टर-62 में बनेगी पहली पज़ल पार्किंग:80 वाहनों की होगी क्षमता, इसके बाद दो अन्य स्थानों पर बनेगी पार्किंग
नोएडा प्राधिकरण ने तीन स्थानों पर पज़ल पार्किंग बनाने की तैयारी तेज कर दी है। तीनों जगह जमीन से संबंधित कोई दिक्कत तो नहीं है, यह जानकारी लेने के लिए नियोजन विभाग को फाइल भेजी है। इस महीने नियोजन विभाग से अनुमति मिलते ही अगले महीने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सबसे पहले सेक्टर-62 में पज़ल पार्किंग बनाई जाएगी। इसके बाद सेक्टर-18 और अंत में प्राधिकरण के सामने। दरअसल प्राधिकरण ऑफिस सेक्टर-96 में बनाया जा रहा है। ऐसे जरूरत के हिसाब से ही यहां निर्माण किया जा सकता है। नोएडा प्राधिकरण जाम में कमी लाने के लिए अब छोटी-छोटी पार्किंग तैयार करेगा। ये पार्किंग स्टील के ढांचे पर बनाई जाएंगी। पहले चरण में शहर में तीन जगह ऐसी पार्किंग बनाने का निर्णय प्राधिकरण ने लिया है। सेक्टर-6 नोएडा प्राधिकरण दफ्तर के सामने, सेक्टर-18 सावित्री बाजार के पास और सेक्टर-62 में रामलीला मैदान के पास जगह चिह्नित की गई है। अभी इन तीनों जगह पार्किंग नहीं होने के कारण सड़क पर वाहन खड़े होने से लंबा जाम लगता है। प्राधिकरण यहां अलग-अलग जगह खाली पड़ी थोड़ी जगह पर पार्किंग की सुविधा देगा। अधिकारियों ने बताया कि ये पार्किंग स्टील के स्ट्रक्चर पर छह मंजिल तक बनाई जाएंगी। इनमें करीब 80 गाड़ियों के खड़े किए जाने का अनुमान है। सेक्टर-18 में सावित्री बाजार में मोबाइल मार्केट मुख्य सड़क के पास ही है। ऐसे में इसका फायदा अट्टा बाजार में आने वाले लोगों को भी होगा। यह होती है पजल पार्किंग यह ऑटोमैटिक पार्किंग सिस्टम होता है। इसमें कई स्तर पर स्लाइडिंग प्लैटफॉर्म होते हैं, जिनकी मदद से वाहनों को किसी भी तरफ घुमाया जा सकता है। इस सिस्टम की मदद से उपलब्ध जगह में ज्यादा से ज्यादा वाहनों को खड़ा किया जा सकता है। इसमें किसी भी कार को अन्य कार को हटाए या छुए बिना पार्क किया जा सकता है। इसमें, स्टैंड ऊपर, नीचे, दाएं, और बाएं घूम सकते हैं। 15 लाख रुपए खर्च आने का अनुमान स्टील के ढांचे पर एक गाड़ी की पार्किंग बनाने के लिए 16-17 लाख रुपए के आसपास खर्च आने की उम्मीद है। अधिकारियों का कहना है कि जिस एजेंसी को टेंडर दिया जाएगा, उससे लेबर एग्रीमेंट के आधार पर काम का जिम्मा दिया जाएगा। यानी पार्किंग से जो शुल्क आएगा, उसके अनुपात में लेबर का शुल्क एजेंसी को दिया जाएगा। इससे उसका खर्चा निकलेगा। इसके अलावा विज्ञापन का जिम्मा भी दिया जा सकता है।

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