पंजाब में सिद्धू दंपती से 2 करोड़ की ठगी:करीबियों पर लगे गंभीर आरोप, प्रॉपर्टी खरीदने के लिए दिए थे पैसे

नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी व पूर्व विधायक डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने अपने पूर्व निजी सहायक और अमेरिका में रहने वाले एनआरआई पर दो करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला रंजीत एवेन्यू स्थित SCO (शॉप-कम-ऑफिस) नंबर 10 की रजिस्ट्रेशन से संबंधित है। जिसकी जांच इकोनॉमिक ऑफेंस (ईओ) विंग की तरफ से की जा रही है। डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने आरोप लगाया है कि अमेरिका में रहने वाले एनआरआई अंगद पाल सिंह, उनके मामा मंगल सिंह और सुखविंदर सिंह के साथ मिलकर उन्हें धोखा दिया। इसके अलावा, उनके पूर्व निजी सहायक गौरव और उनके सहयोगी जगजीत सिंह ने भी इस धोखाधड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंगद पाल सिंह ने रंजीत एवेन्यू में स्थित SCO नंबर 10 बेचने का प्रस्ताव रखा था। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ। डॉ. सिद्धू की ओर से उनके प्रतिनिधि सुषिल रावत और अंगद पाल सिंह की ओर से विशाल कौर ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। आश्वासन के बाद भी ट्रांसफर नहीं की रजिस्ट्रेशन डॉ. सिद्धू ने इस संपत्ति की बुकिंग के लिए अंगद पाल सिंह के खाते में 1.2 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इसके अलावा, उन्होंने कई बार भुगतान के लिए चेक भी दिए, जिन्हें उनके निजी सहायक गौरव ने कैश कराया और राशि अंगद के एजेंट को सौंपी। अंगद पाल सिंह ने बार-बार आश्वासन दिया कि जल्द ही संपत्ति उनके नाम पर रजिस्टर कर दी जाएगी। लेकिन जब डॉ. सिद्धू ने दस्तावेज रजिस्ट्रेशन के लिए दबाव डाला, तो आरोपियों ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। आरोपियों ने अस्थायी रूप से फरवरी 2023 में उनकी बेटी के नाम पर संपत्ति का पावर ऑफ अटॉर्नी दिया। पुलिस जांच में जुटी डॉ. सिद्धू का आरोप है कि उनके द्वारा दिए गए चेक की राशि को कैश कर आरोपियों ने आपस में बांट लिया है। इस धोखाधड़ी की शिकायत के आधार पर मामला अब ईओ विंग को सौंप दिया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। डॉ. सिद्धू ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और उनके दो करोड़ रुपये की धनराशि की वापसी की मांग की है। यह मामला फिलहाल पुलिस जांच के दायरे में है, और आने वाले दिनों में इसमें नई जानकारियां सामने आ सकती हैं। कैंसर के इलाज को लेकर सुर्खियों में हैं दंपति पंजाब कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिद्धू के पत्नी को कैंसर से ठीक करने वाले इलाज के दावे पर सुर्खियों में हैं। नवजोत सिद्धू ने कहा था कि उन्होंने आयुर्वेदिक तरीके से पत्नी का इलाज किया। कैंसर सेल्स को बढ़ाने वाली मीठी चीजों को बंद किया। जिसके बाद पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू कैंसर फ्री हो गईं। सिद्धू ने इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद अब टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की अगुआई में 262 ऑन्कोलॉजिस्ट ने इस दावे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि सिद्धू की बताई कुछ चीजों पर रिसर्च जरूर चल रही है, लेकिन इनसे ठीक हो जाने का दावा सही नहीं है। मिल चुका 850 करोड़ रुपए का नोटिस कैंसर ठीक करने के दावे पर छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने पत्र लिखकर डॉ. नवजोत कौर को 850 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा है। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के संयोजक डॉक्टर कुलदीप सोलंकी ने कहा कि आपकी डाइट की बातें सुनकर देश-विदेश के कैंसर मरीजों में भ्रम और एलोपैथी मेडिसिन के विरोध की स्थिति पैदा हो रही है। 7 दिनों में इलाज के डॉक्यूमेंट पेश करें। उन्होंने कहा कि अगर 7 दिन के अंदर माफी या सबूत नहीं मिले तो वे अपने वकील के माध्यम से कोर्ट जाएंगे।

Nov 29, 2024 - 10:30
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पंजाब में सिद्धू दंपती से 2 करोड़ की ठगी:करीबियों पर लगे गंभीर आरोप, प्रॉपर्टी खरीदने के लिए दिए थे पैसे
नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी व पूर्व विधायक डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने अपने पूर्व निजी सहायक और अमेरिका में रहने वाले एनआरआई पर दो करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला रंजीत एवेन्यू स्थित SCO (शॉप-कम-ऑफिस) नंबर 10 की रजिस्ट्रेशन से संबंधित है। जिसकी जांच इकोनॉमिक ऑफेंस (ईओ) विंग की तरफ से की जा रही है। डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने आरोप लगाया है कि अमेरिका में रहने वाले एनआरआई अंगद पाल सिंह, उनके मामा मंगल सिंह और सुखविंदर सिंह के साथ मिलकर उन्हें धोखा दिया। इसके अलावा, उनके पूर्व निजी सहायक गौरव और उनके सहयोगी जगजीत सिंह ने भी इस धोखाधड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंगद पाल सिंह ने रंजीत एवेन्यू में स्थित SCO नंबर 10 बेचने का प्रस्ताव रखा था। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ। डॉ. सिद्धू की ओर से उनके प्रतिनिधि सुषिल रावत और अंगद पाल सिंह की ओर से विशाल कौर ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। आश्वासन के बाद भी ट्रांसफर नहीं की रजिस्ट्रेशन डॉ. सिद्धू ने इस संपत्ति की बुकिंग के लिए अंगद पाल सिंह के खाते में 1.2 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। इसके अलावा, उन्होंने कई बार भुगतान के लिए चेक भी दिए, जिन्हें उनके निजी सहायक गौरव ने कैश कराया और राशि अंगद के एजेंट को सौंपी। अंगद पाल सिंह ने बार-बार आश्वासन दिया कि जल्द ही संपत्ति उनके नाम पर रजिस्टर कर दी जाएगी। लेकिन जब डॉ. सिद्धू ने दस्तावेज रजिस्ट्रेशन के लिए दबाव डाला, तो आरोपियों ने बहाने बनाने शुरू कर दिए। आरोपियों ने अस्थायी रूप से फरवरी 2023 में उनकी बेटी के नाम पर संपत्ति का पावर ऑफ अटॉर्नी दिया। पुलिस जांच में जुटी डॉ. सिद्धू का आरोप है कि उनके द्वारा दिए गए चेक की राशि को कैश कर आरोपियों ने आपस में बांट लिया है। इस धोखाधड़ी की शिकायत के आधार पर मामला अब ईओ विंग को सौंप दिया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। डॉ. सिद्धू ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और उनके दो करोड़ रुपये की धनराशि की वापसी की मांग की है। यह मामला फिलहाल पुलिस जांच के दायरे में है, और आने वाले दिनों में इसमें नई जानकारियां सामने आ सकती हैं। कैंसर के इलाज को लेकर सुर्खियों में हैं दंपति पंजाब कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिद्धू के पत्नी को कैंसर से ठीक करने वाले इलाज के दावे पर सुर्खियों में हैं। नवजोत सिद्धू ने कहा था कि उन्होंने आयुर्वेदिक तरीके से पत्नी का इलाज किया। कैंसर सेल्स को बढ़ाने वाली मीठी चीजों को बंद किया। जिसके बाद पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू कैंसर फ्री हो गईं। सिद्धू ने इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद अब टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की अगुआई में 262 ऑन्कोलॉजिस्ट ने इस दावे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि सिद्धू की बताई कुछ चीजों पर रिसर्च जरूर चल रही है, लेकिन इनसे ठीक हो जाने का दावा सही नहीं है। मिल चुका 850 करोड़ रुपए का नोटिस कैंसर ठीक करने के दावे पर छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने पत्र लिखकर डॉ. नवजोत कौर को 850 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा है। छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी के संयोजक डॉक्टर कुलदीप सोलंकी ने कहा कि आपकी डाइट की बातें सुनकर देश-विदेश के कैंसर मरीजों में भ्रम और एलोपैथी मेडिसिन के विरोध की स्थिति पैदा हो रही है। 7 दिनों में इलाज के डॉक्यूमेंट पेश करें। उन्होंने कहा कि अगर 7 दिन के अंदर माफी या सबूत नहीं मिले तो वे अपने वकील के माध्यम से कोर्ट जाएंगे।

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