पराली जलाने वाले 60 किसानों पर कार्रवाई:कुशीनगर जिला प्रशासन का अभियान, 56 मामले में वसूला 1 लाख 35 हजार का जुर्माना

कुशीनगर में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन ने 60 किसानों पर कार्रवाई की है। उप कृषि निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि अब तक पराली जलाने के 56 मामले सामने आए हैं, जिनमें 60 किसानों पर ₹1.35 लाख का जुर्माना लगाया गया है। हाटा तहसील में 39, कसया तहसील में 19, और कप्तानगंज तहसील में 2 किसानों के खिलाफ यह कार्यवाही की गई है। डीएम का निर्देश: लापरवाही पर होगी कार्रवाई जिलाधिकारी ने साफ निर्देश दिए हैं कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए राजस्व और कृषि विभाग सख्ती से काम करें। उन्होंने बिना स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम के धान की कटाई करने वाले कंबाइन हार्वेस्टरों को तुरंत सीज़ करने के आदेश भी दिए हैं। अपील: पराली जलाने से बचें कृषि विभाग किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मल्चर, रोटरी स्लैशर, और पैडी स्ट्रा चॉपर जैसे उन्नत कृषि यंत्र अपनाने की सलाह दे रहा है। बायो डीकंपोजर का वितरण राजकीय बीज भंडारों के जरिए मुफ्त किया जा रहा है। साथ ही, गांव-गांव में डुग्गी-मुनादी और प्रचार वाहन के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पराली गौशाला में दान करें उप कृषि निदेशक ने किसानों से कहा है कि पराली को जलाने के बजाय नजदीकी गौशालाओं में दान करें। उन्होंने गेहूं की बुवाई के लिए सुपरसीडर तकनीक का उपयोग करने की भी सलाह दी। जिन गांवों में बार-बार पराली जलाने की घटनाएं हो रही हैं, वहां के प्रधानों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाएं। प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। किसान उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर कृषि में सुधार लाएं और किसी कानूनी कार्रवाई से बचें।

Nov 21, 2024 - 16:40
 0  87.1k
पराली जलाने वाले 60 किसानों पर कार्रवाई:कुशीनगर जिला प्रशासन का अभियान, 56 मामले में वसूला 1 लाख 35 हजार का जुर्माना
कुशीनगर में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन ने 60 किसानों पर कार्रवाई की है। उप कृषि निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि अब तक पराली जलाने के 56 मामले सामने आए हैं, जिनमें 60 किसानों पर ₹1.35 लाख का जुर्माना लगाया गया है। हाटा तहसील में 39, कसया तहसील में 19, और कप्तानगंज तहसील में 2 किसानों के खिलाफ यह कार्यवाही की गई है। डीएम का निर्देश: लापरवाही पर होगी कार्रवाई जिलाधिकारी ने साफ निर्देश दिए हैं कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए राजस्व और कृषि विभाग सख्ती से काम करें। उन्होंने बिना स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम के धान की कटाई करने वाले कंबाइन हार्वेस्टरों को तुरंत सीज़ करने के आदेश भी दिए हैं। अपील: पराली जलाने से बचें कृषि विभाग किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मल्चर, रोटरी स्लैशर, और पैडी स्ट्रा चॉपर जैसे उन्नत कृषि यंत्र अपनाने की सलाह दे रहा है। बायो डीकंपोजर का वितरण राजकीय बीज भंडारों के जरिए मुफ्त किया जा रहा है। साथ ही, गांव-गांव में डुग्गी-मुनादी और प्रचार वाहन के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पराली गौशाला में दान करें उप कृषि निदेशक ने किसानों से कहा है कि पराली को जलाने के बजाय नजदीकी गौशालाओं में दान करें। उन्होंने गेहूं की बुवाई के लिए सुपरसीडर तकनीक का उपयोग करने की भी सलाह दी। जिन गांवों में बार-बार पराली जलाने की घटनाएं हो रही हैं, वहां के प्रधानों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाएं। प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। किसान उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर कृषि में सुधार लाएं और किसी कानूनी कार्रवाई से बचें।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow