पुलिस नहीं देगी वाहन तो कंधे पर ले जाऊंगा लाश:बदायूं में सटोरियों ने की थी युवक की पीटकर हत्या, हाइवे जामकर हंगामा

बदायूं में सटोरियों के गैंग द्वारा युवक की पीटकर हत्या के बाद तकरीबन दो घंटे पुलिस की आफत के नाम रहे। वजह थी कि जहां एक ओर युवक परिजनों ने मेरठ हाइवे पर जाम लगा दिया। वहीं पोस्टमॉर्टम हाउस पर भी भीड़ ने पुलिस से शव छीनने की कोशिश की। भीड़ में शामिल लोगों का कहना था कि शव को कंधे पर ले जाएंगे। दरअसल, सदर कोतवाली पुलिस के मौजूदा वक्त में बुरे दिन चल रहे हैं। जहां एक ओर जिला अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट के अपहरणकांड का खुलासा नहीं हो पा रहा है। वहीं दूसरी ओर युवक को लिफ्ट देकर हुई लूट का पर्दाफाश करना भी पुलिस को चुनौती से कम नहीं है। उस पर भी सट्टे की खाईबाड़ी करने वाले परिवार समेत उसके गैंग द्वारा युवक को पीटकर मार डालने की सनसनीखेज वारदात ने पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया है। पहला सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार सट्टा चल किसकी शह पर रहा था, जबकि दूसरा सवाल यह है कि भला सटोरियों में इतनी हिम्मत कहां से आ गई कि किसी को पीटकर मार डालें। जाहिर है कि कहीं न कहीं उन्हें पुलिस की सरपरस्ती मिली हुई थी। चूंकि यह मामला पुलिस के लिए गले की फांस इसलिए बन गया, क्योंकि परिवार की महिलाओं ने युवक की मौत के बाद हाइवे पर जाम लगा दिया। पुलिस समेत प्रशासनिक अफसर इस जाम को खुलवाने की जद्दोजहद में थे और इसी बीच पोस्टमार्टम हाउस पर लाश ले जाने को लेकर माहौल गर्मा गया। कुछ देर के लिए हालात ऐसे बन गए कि पुलिस मूकदर्शक बन गई। क्योंकि सख्ती बरतने पर माहौल और बिगड़ जाता, जबकि भीड़ किसी की सुनने को राजी नहीं थी। शव मांगने पर अड़े परिजन अफसरों का कहना था कि जाम खुलवाया जाए, तभी पोस्टमार्टम हो चुका युवक का शव परिवार वालों को सौंपना है। जबकि जाम लगा रहे परिवार वालों समेत इलाकाई लोगों की मांग थी कि शव लाओ तो जाम खोलेंगे। नासमझी ने बिगाड़ा माहौल शव का पोस्टमार्टम हो चुका था और उसे शव वाहन में रखवाया जा चुका था। इसी बीच वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने शव वाहन के ड्राइवर से यह कहलवाया कि उसके पेट में दर्द है। वाहन चालक इतना कहते हुए कुछ देर में आने का आश्वासन दे गया, जबकि इसके बाद वह दूसरी जगह आराम से बैठ गया। परिजनों ने शव वाहन चालक को देखा तो उसे चलने को कहा लेकिन वो फिर पुलिस के इशारे पर बहानेबाजी करने लगा। यहीं पर बात बिगड़ गई और कुछ युवकों ने वाहन से शव उतारकर खुद ले जाने की कोशिश की। पुलिस समझाती, इससे पहले ही भीड़ बढ़ गई। गनीमत रही कि ऐन वक्त पर सिविल लाइंस के इंस्पेक्टर क्राइम पहुंचे और लोगों को किसी तरह समझा लिया। सिर पर चोटों से हुई मौत पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवक की मौत की वजह सिर पर भारी चीज के प्रहार से होना पाई गई है। तकरीबन आठ से 10 चोटें सिर में मिली हैं। राजनैतिक आकाओं की मिल रही सरपरस्ती इधर, सट्टेबाज परिवार को अब राजनैतिक आकाओं की सरपरस्ती भी मिलने लगी है। मामले में नामजद महिला के पति को पुलिस ने उठाया तो सत्ताधारियों ने अफसरों पर उसे छोड़ने का दबाव भी बनाना शुरू कर दिया। हालांकि अफसरों ने किसी तरह मामले को मैनेज कर लिया। ये था मामला सदर कोतवाली इलाके के लालपुल इलाके मे रहने वाला साहिल साहू समेत उसका परिवार सट्टे की खाईबाड़ी में लिप्त है। पड़ोस में रहने वाले दिवाकर ने इसका विरोध किया तो उसे गुरुवार को पूरे परिवार समेत साहिल के गुर्गों ने पीटा। जबकि शुक्रवार को दिवाकर की बरेली के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

Nov 10, 2024 - 08:00
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पुलिस नहीं देगी वाहन तो कंधे पर ले जाऊंगा लाश:बदायूं में सटोरियों ने की थी युवक की पीटकर हत्या, हाइवे जामकर हंगामा
बदायूं में सटोरियों के गैंग द्वारा युवक की पीटकर हत्या के बाद तकरीबन दो घंटे पुलिस की आफत के नाम रहे। वजह थी कि जहां एक ओर युवक परिजनों ने मेरठ हाइवे पर जाम लगा दिया। वहीं पोस्टमॉर्टम हाउस पर भी भीड़ ने पुलिस से शव छीनने की कोशिश की। भीड़ में शामिल लोगों का कहना था कि शव को कंधे पर ले जाएंगे। दरअसल, सदर कोतवाली पुलिस के मौजूदा वक्त में बुरे दिन चल रहे हैं। जहां एक ओर जिला अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट के अपहरणकांड का खुलासा नहीं हो पा रहा है। वहीं दूसरी ओर युवक को लिफ्ट देकर हुई लूट का पर्दाफाश करना भी पुलिस को चुनौती से कम नहीं है। उस पर भी सट्टे की खाईबाड़ी करने वाले परिवार समेत उसके गैंग द्वारा युवक को पीटकर मार डालने की सनसनीखेज वारदात ने पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया है। पहला सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार सट्टा चल किसकी शह पर रहा था, जबकि दूसरा सवाल यह है कि भला सटोरियों में इतनी हिम्मत कहां से आ गई कि किसी को पीटकर मार डालें। जाहिर है कि कहीं न कहीं उन्हें पुलिस की सरपरस्ती मिली हुई थी। चूंकि यह मामला पुलिस के लिए गले की फांस इसलिए बन गया, क्योंकि परिवार की महिलाओं ने युवक की मौत के बाद हाइवे पर जाम लगा दिया। पुलिस समेत प्रशासनिक अफसर इस जाम को खुलवाने की जद्दोजहद में थे और इसी बीच पोस्टमार्टम हाउस पर लाश ले जाने को लेकर माहौल गर्मा गया। कुछ देर के लिए हालात ऐसे बन गए कि पुलिस मूकदर्शक बन गई। क्योंकि सख्ती बरतने पर माहौल और बिगड़ जाता, जबकि भीड़ किसी की सुनने को राजी नहीं थी। शव मांगने पर अड़े परिजन अफसरों का कहना था कि जाम खुलवाया जाए, तभी पोस्टमार्टम हो चुका युवक का शव परिवार वालों को सौंपना है। जबकि जाम लगा रहे परिवार वालों समेत इलाकाई लोगों की मांग थी कि शव लाओ तो जाम खोलेंगे। नासमझी ने बिगाड़ा माहौल शव का पोस्टमार्टम हो चुका था और उसे शव वाहन में रखवाया जा चुका था। इसी बीच वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने शव वाहन के ड्राइवर से यह कहलवाया कि उसके पेट में दर्द है। वाहन चालक इतना कहते हुए कुछ देर में आने का आश्वासन दे गया, जबकि इसके बाद वह दूसरी जगह आराम से बैठ गया। परिजनों ने शव वाहन चालक को देखा तो उसे चलने को कहा लेकिन वो फिर पुलिस के इशारे पर बहानेबाजी करने लगा। यहीं पर बात बिगड़ गई और कुछ युवकों ने वाहन से शव उतारकर खुद ले जाने की कोशिश की। पुलिस समझाती, इससे पहले ही भीड़ बढ़ गई। गनीमत रही कि ऐन वक्त पर सिविल लाइंस के इंस्पेक्टर क्राइम पहुंचे और लोगों को किसी तरह समझा लिया। सिर पर चोटों से हुई मौत पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवक की मौत की वजह सिर पर भारी चीज के प्रहार से होना पाई गई है। तकरीबन आठ से 10 चोटें सिर में मिली हैं। राजनैतिक आकाओं की मिल रही सरपरस्ती इधर, सट्टेबाज परिवार को अब राजनैतिक आकाओं की सरपरस्ती भी मिलने लगी है। मामले में नामजद महिला के पति को पुलिस ने उठाया तो सत्ताधारियों ने अफसरों पर उसे छोड़ने का दबाव भी बनाना शुरू कर दिया। हालांकि अफसरों ने किसी तरह मामले को मैनेज कर लिया। ये था मामला सदर कोतवाली इलाके के लालपुल इलाके मे रहने वाला साहिल साहू समेत उसका परिवार सट्टे की खाईबाड़ी में लिप्त है। पड़ोस में रहने वाले दिवाकर ने इसका विरोध किया तो उसे गुरुवार को पूरे परिवार समेत साहिल के गुर्गों ने पीटा। जबकि शुक्रवार को दिवाकर की बरेली के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

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