पूर्व मंत्री सिद्धार्थ सिंह बोले- बंटोगे तो कटोगे नारा सार्थक:कहा- अखिलेश को आस्ट्रेलिया भेजकर मुलायम सिंह ने पैसा व्यर्थ किया

मिर्जापुर में मझवां उपचुनाव के तहत भाजपा विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने जन संपर्क अभियान के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को ऑस्ट्रेलिया भेज कर पैसा व्यर्थ किया, क्योंकि वह पढ़ाई में असफल रहे। साथ ही, उन्होंने अखिलेश के ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ नारे को भी नकारा। मिर्जापुर जिले के मझवां उपचुनाव में भाजपा विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को बाजार में जन संपर्क किया और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, "मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को ऑस्ट्रेलिया भेजा, लेकिन वह कभी पढ़ाई में सफल नहीं हो पाए। उनका दिमाग उस काम में नहीं लगा, जिसके लिए उन्हें भेजा गया था।" सिंह ने अखिलेश की बुद्धि पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि यह स्पष्ट है कि मुलायम सिंह यादव ने अपना पैसा व्यर्थ किया। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने "जुड़ेंगे तो जीतेंगे" नारे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह नारा सिर्फ अखिलेश और उनके परिवार तक ही सीमित है। उन्होंने कहा, "अखिलेश और सपा केवल अपने परिवार को जोड़ने की बात करते हैं, जबकि बाकी लोगों से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जो व्यक्ति अपने सहयोगी दल कांग्रेस को नहीं जोड़ पाया, वह कैसे दूसरों को जोड़ने की बात कर सकता है?" उन्होंने आरोप लगाया कि यह नारा पहले ही फेल हो चुका है। सिंह ने यह भी कहा कि जो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के लोग हिंदू समाज को विभाजित करने का काम कर रहे हैं, वे वही काम कर रहे हैं जो मुगलों और अंग्रेजों ने किया था। उन्होंने कहा, "मुगलों ने हिंदू समाज को जाति और धर्म के आधार पर बांटा, वही काम अब अखिलेश और समाजवादी पार्टी कर रहे हैं। इसलिए, यह नारा 'बंटोगे तो कटोगे' बिल्कुल सही है।" इस दौरान, पूर्व मंत्री और भाजपा नेता राजकीय डिग्री कॉलेज जखनी के रिटायर्ड प्राचार्य डॉ. मार्कण्डेय सिंह के घर भी पहुंचे, जहां उन्होंने मझवां विधानसभा की चुनावी स्थिति पर चर्चा की। डॉ. सिंह ने भी अखिलेश के "जुड़ेंगे तो जीतेंगे" नारे की आलोचना करते हुए कहा कि यह नारा पूरी तरह से विफल हो चुका है। उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश अपने सहयोगी दलों को नहीं जोड़ पाए, तो यह सिद्ध हो गया कि उनका नारा फेल है। वहीं, मिर्जापुर में मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव के स्थगित होने पर भी सिंह ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कभी-कभी अखिलेश की बातें सुनकर दुख होता है। "मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को ऑस्ट्रेलिया भेजकर पढ़ाई करवाई, लेकिन वह तो कागज तक नहीं पढ़ पाए। अब वह कुछ भी बड़बड़ाते रहते हैं।" इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने हिंदू धर्म और संस्कृति को समझने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा, "अखिलेश को हिंदू पर्वों का सम्मान करना चाहिए था, जैसे गुरु नानक जी का जन्मदिवस आता है, परंतु तुष्टिकरण की राजनीति के चलते उन्हें इस सबका कोई फर्क नहीं पड़ता।" सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अंत में कहा कि अगर अखिलेश यादव मतदान की तिथि को लेकर सही तरीके से सोचें तो उन्हें लोगों का और सम्मान मिलेगा, क्योंकि वह जनता के हित में फैसले नहीं ले पा रहे हैं।

Nov 8, 2024 - 08:20
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पूर्व मंत्री सिद्धार्थ सिंह बोले- बंटोगे तो कटोगे नारा सार्थक:कहा- अखिलेश को आस्ट्रेलिया भेजकर मुलायम सिंह ने पैसा व्यर्थ किया
मिर्जापुर में मझवां उपचुनाव के तहत भाजपा विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने जन संपर्क अभियान के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को ऑस्ट्रेलिया भेज कर पैसा व्यर्थ किया, क्योंकि वह पढ़ाई में असफल रहे। साथ ही, उन्होंने अखिलेश के ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ नारे को भी नकारा। मिर्जापुर जिले के मझवां उपचुनाव में भाजपा विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को बाजार में जन संपर्क किया और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, "मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को ऑस्ट्रेलिया भेजा, लेकिन वह कभी पढ़ाई में सफल नहीं हो पाए। उनका दिमाग उस काम में नहीं लगा, जिसके लिए उन्हें भेजा गया था।" सिंह ने अखिलेश की बुद्धि पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि यह स्पष्ट है कि मुलायम सिंह यादव ने अपना पैसा व्यर्थ किया। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने "जुड़ेंगे तो जीतेंगे" नारे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह नारा सिर्फ अखिलेश और उनके परिवार तक ही सीमित है। उन्होंने कहा, "अखिलेश और सपा केवल अपने परिवार को जोड़ने की बात करते हैं, जबकि बाकी लोगों से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जो व्यक्ति अपने सहयोगी दल कांग्रेस को नहीं जोड़ पाया, वह कैसे दूसरों को जोड़ने की बात कर सकता है?" उन्होंने आरोप लगाया कि यह नारा पहले ही फेल हो चुका है। सिंह ने यह भी कहा कि जो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के लोग हिंदू समाज को विभाजित करने का काम कर रहे हैं, वे वही काम कर रहे हैं जो मुगलों और अंग्रेजों ने किया था। उन्होंने कहा, "मुगलों ने हिंदू समाज को जाति और धर्म के आधार पर बांटा, वही काम अब अखिलेश और समाजवादी पार्टी कर रहे हैं। इसलिए, यह नारा 'बंटोगे तो कटोगे' बिल्कुल सही है।" इस दौरान, पूर्व मंत्री और भाजपा नेता राजकीय डिग्री कॉलेज जखनी के रिटायर्ड प्राचार्य डॉ. मार्कण्डेय सिंह के घर भी पहुंचे, जहां उन्होंने मझवां विधानसभा की चुनावी स्थिति पर चर्चा की। डॉ. सिंह ने भी अखिलेश के "जुड़ेंगे तो जीतेंगे" नारे की आलोचना करते हुए कहा कि यह नारा पूरी तरह से विफल हो चुका है। उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश अपने सहयोगी दलों को नहीं जोड़ पाए, तो यह सिद्ध हो गया कि उनका नारा फेल है। वहीं, मिर्जापुर में मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव के स्थगित होने पर भी सिंह ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कभी-कभी अखिलेश की बातें सुनकर दुख होता है। "मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को ऑस्ट्रेलिया भेजकर पढ़ाई करवाई, लेकिन वह तो कागज तक नहीं पढ़ पाए। अब वह कुछ भी बड़बड़ाते रहते हैं।" इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने हिंदू धर्म और संस्कृति को समझने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा, "अखिलेश को हिंदू पर्वों का सम्मान करना चाहिए था, जैसे गुरु नानक जी का जन्मदिवस आता है, परंतु तुष्टिकरण की राजनीति के चलते उन्हें इस सबका कोई फर्क नहीं पड़ता।" सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अंत में कहा कि अगर अखिलेश यादव मतदान की तिथि को लेकर सही तरीके से सोचें तो उन्हें लोगों का और सम्मान मिलेगा, क्योंकि वह जनता के हित में फैसले नहीं ले पा रहे हैं।

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