बदायूं में अपहृत फार्मासिस्ट की तलाश तेज:पुलिस ने खाली कराया तालाब, अहम लीड मिली, जल्द हो सकती है बरामदगी
बदायूं जिला अस्पताल के अपहृत फार्मासिस्ट शाकिर अली की पुलिस ने अब तलाश तेज कर दी है। बताया जाता है कि इस केस से जुड़ी लीड पुलिस को मिली है। इसी आधार पर पुलिस ने जहां शाकिर के मोबाइल की तलाश के लिए एक तालाब खाली कराने की जद्दोजहद की। वहीं अन्य पहलुओं पर भी जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। हालांकि अभी अफसर कुछ खुलकर नहीं बता पा रहे हैं। दरअसल, शाकिर अली को अगवा हुए महीनेभर से ज्यादा बीत चुका है। आखिरी बार शाकिर की उनकी पत्नी से मोबाइल पर बात हुई थी और बताया था कि वो दावत में शामिल होने सहसवान आए हैं। इसके बाद न तो शाकिर लौटे और न ही उनके बारे में परिजनों को जानकारी मिल सकी। इधर, परिजनों ने शक के आधार पर चार लोगों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया तो पुलिस ने महिला समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन शाकिर के बारे में सटीक जानकारी नहीं मिल सकी। नतीजतन पुलिस चौथे फरार नामजद की तलाश समेत कई अन्य पहलुओं पर तफ्तीश को आगे बढ़ाने लगी। शासन तक पहुंचा मामला यह प्रकरण शुरुआत में तो सामान्य रहा लेकिन कुछ दिनों बाद हाइप्रोफाइल हो गया। वजह थी कि उत्तर प्रदेश डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने जहां दो घंटे का कार्य बाहिष्कार आंदोलन शुरू किया। वहीं अन्य कर्मचारी संगठनों को एकत्र कर बड़े स्तर पर प्रोटेस्ट की तैयारी कर ली। नतीजतन मामला शासनस्तर तक पहुंच गया। लगाई गईं कई टीमें इधर, एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह ने भी इस मामले में शुरुआत से ही सदर कोतवाली पुलिस के अलावा एसओजी और सर्विलांस सेल को लगाया है। सहसवान कोतवाली पुलिस अलग से इस मामले में सुरागरसी कर रही है। अफसर लगातार सभी टीमों से इस केस की प्रगति रिपोर्ट मांग रहे थे। अब मिला अहम सुराग शुक्रवार रात पुलिस ने बिनावर थाना क्षेत्र के गांव इकरामनगर पौगोटिया में स्थित एक तालाब को पंपिंग सेट के जरिये खाली कराना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि यहां अपहर्ताओं ने शाकिर का मोबाइल गिराया था। हालांकि यह मोबाइल है या कुछ और यह स्पष्ट नहीं है। इतना जरूर है कि तालाब खाली कराने के पीछे का मकसद शाकिर से जुड़ी कोई अहम चीज तलाशना था। फिलहाल तालाब पूरा खाली नहीं हो सका। वहीं मौके पर एक सिपाही को तैनात कर दिया गया है। बाकी की पुलिस टीम अपने स्तर से जांच को आगे बढ़ा रही है। एसएसपी ने बताया कि शुरुआत से ही शाकिर की तलाश कराई जा रही थी, जो अब भी चल रही है।
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