बरेली के नवाबगंज की पूर्व पालिकाध्यक्ष शहला ताहिर पर FIR:10 करोड़ के गबन में दोषी पाए जाने पर लखनऊ में ED ने दर्ज कराया केस
बरेली के नवाबगंज की पूर्व पालिकाध्यक्ष शहला ताहिर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED)) ने लखनऊ में एफआईआर दर्ज की है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत यह केस दर्ज किया गया है। पूर्व पालिका अध्यक्ष के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी है। उनकी 2021 में FIR होने के बाद कुर्सी चली गई थी। पालिकाध्यक्ष रहने के दौरान 10 करोड़ 14 लाख रुपये के सरकारी धन के गबन का आरोप लगा था। सपा सरकार में बोलती थी तूती सपा सरकार में शहला ताहिर की तूति बोलती थी। वह एक कैबिनेट मंत्री की करीबी रहीं हैं। बरेली के नवाबगंज की पालिकाध्यक्ष रहते 10.14 करोड़ रुपये के गबन की प्राथमिक जांच में वह दोषी पाई जा चुकी हैं। लखनऊ में ED ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इनके खिलाफ बरेली व पीलीभीत जिले में पूर्व में भी एफआईआर दर्ज हो चुकी है। अखिलेश सरकार में कराये थे ताबड़तोड़ मुकदमे 2015 में नगर पालिका अध्यक्ष रहीं शहला ताहिर ने पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष रविंद्र सिंह राठौर पर 24 घंटे में 32 मुकदमे दर्ज कराकर चर्चा में आई थीं। लेकिन यूपी में भाजपा सरकार आते ही इन मुकदमों में FR भी लगी। लेकिन शहला ताहिर को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। प्राइवेट अस्पताल में तोड़फोड़ कर स्टाफ को पीटने के मामले में वर्ष 2011 में शहला पर जो रिपोर्ट दर्ज हुई थी, उसमें उन्हें जेल जाना पड़ा था। बवाल में भी रह चुकी हैं आरोपी बरेली के नवाबगंज के विजय राठौर ने 2017 में नगर पालिका के चुनाव के दौरान बवाल और मारपीट के मामले में शहला पर रिपोर्ट कराई थी। पालिकाध्यक्ष चुने जाने पर कस्बे में जुलूस निकाल रहीं शहला ताहिर और उनके 50 समर्थकों पर बलवे का मुकदमा दर्ज हुआ। 2023 में शहला पर फर्जी तरह से जाति प्रमाणपत्र बनवाने का मुकदमा दर्ज हुआ, पीलीभीत जिले के थाना सुनगढ़ी में फर्जी अधिशासी अधिकारी बनाने का भी मुकदमा दर्ज हुआ था। शहला शहला ताहिर पर वित्तीय घोटाले की शिकायत 2021 में शासन से की गई थी। लखनऊ के ईओडब्ल्यू थाने की टीम ने इस मामले में जांच की तो शहला के पालिकाध्यक्ष रहते 10.14 करोड़ रुपये गबन की पुष्टि हुई। इस मामले में ईडी ने शहला ताहिर को आरोपी बनाया है। 3 पूर्व ईओ व पालिका के सात कर्मचारी भी ईओडब्ल्यू थाने में आरोपी बनाए गए हैं।
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