बरेली रायफल क्लब की ओपन रेंज दलदल में हुई तब्दील:ठेकेदारों ने बढ़ाई परेशानियां, नगर निगम के अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

बरेली रायफल क्लब की ओपन रेंज दलदल में हुई तब्दील बरेली रायफल क्लब एक बार फिर विवादों में घिर चुका है। क्लब की ओपन रेंज की हालत बदहाल हो चुकी है। रेंज में दलदल, बड़े-बड़े गड्ढों में पानी, और घास बड़ी-बड़ी घास ने निशानेबाजों के लिए शूटिंग करना बेहद मुश्किल बना दिया है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। ठेकेदारों की लापरवाही रायफल क्लब में ट्रैप और स्कीट बनाने का काम जिस ठेकेदार को सौंपा गया था, उसने रेंज की स्थिति को और भी खराब कर दिया। ठेकेदार ने खुदाई करके रेंज में पानी भर दिया, जिससे पूरी रेंज में दलदल बन गई। अरोड़ा आरसीसी फर्म को नाला बनाने का काम सौंपा गया था, लेकिन उन्होंने निर्माण कार्य बीच में छोड़ दिया, जिससे गड्ढे और भी गहरे हो गए हैं। टेंडर कैंसिल और निर्माण कार्य का हाल राजीव टेंडर्स को ट्रैप और स्कीट बनाने का काम दिया गया था, लेकिन उनका टेंडर कैंसिल कर दिया गया। इस परियोजना की कुल लागत 2 करोड़ 10 लाख रुपए थी। हालांकि, इस कार्य को बीच में ही रोक दिया गया, जिससे क्लब की रेंज का बुरा हाल हो गया। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया। स्मार्ट सिटी और अधिकारियों की अनदेखी रायफल क्लब स्मार्ट सिटी का हिस्सा है, लेकिन स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की तरफ से इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। नगर निगम के चीफ इंजीनियर मनीष अवस्थी ने कहा है कि वे सोमवार को रायफल क्लब में जाकर स्थिति का निरीक्षण करेंगे और संबंधित ठेकेदार को नोटिस दिया जाएगा। नेशनल शूटर की चिंताएं नेशनल शूटर नेहा का कहना है कि अगले महीने दिल्ली में एक महत्वपूर्ण मैच होना है, लेकिन बरेली की ओपन रेंज की हालत इतनी खराब है कि यहां किसी भी समय कोई हादसा हो सकता है। इसके अलावा, स्मार्ट सिटी के तहत बनी इनडोर रेंज अब तक शुरू नहीं की गई है। कई बरेली के शूटर दिल्ली में जाकर प्रैक्टिस करने पर मजबूर हैं। रायफल क्लब के वालेंटियर आदेश दीक्षित की प्रतिक्रिया रायफल क्लब के वालेंटियर आदेश दीक्षित, जो निशानेबाजी में 100 से अधिक मेडल जीत चुके हैं, ने भी रेंज की हालत पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ओपन रेंज की हालत इतनी खराब है कि यहां प्रशिक्षण देना और शूटरों के लिए अभ्यास करना मुश्किल हो गया है। आदेश दीक्षित ने कहा कि जिस ठेकेदार को रेंज के निर्माण का काम सौंपा गया था, उसने इसे और भी बिगाड़ दिया। ट्रैप और स्कीट: ओलंपिक खेलों में प्रमुख प्रतियोगिताएं रायफल क्लब में ट्रैप और स्कीट दो अलग-अलग प्रकार की शॉटगन शूटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। ये दोनों ओलंपिक खेलों में शामिल हैं। ट्रैप: ट्रैप शूटिंग में शूटर को एक शॉटगन से कंक्रीट ट्रैप से निकलने वाली धातु की डिस्क (बर्ड) को शूट करना होता है। ये डिस्क एक समय में एक-एक करके विभिन्न दिशाओं में जाती हैं। शूटर को इन दिशा परिवर्तनों के अनुसार तेजी से प्रतिक्रिया करनी होती है। स्कीट: स्कीट शूटिंग में दो ट्रैप से डिस्क को छोड़ा जाता है। एक दाएं से बाएं और दूसरा बाएं से दाएं। शूटर को इन डिस्कों की गति, दिशा और समय की गणना करके सटीक शॉट लगाना होता है। रायफल क्लब की ओपन रेंज की वर्तमान स्थिति नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर शूटरों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। इसके सुधार के लिए ठेकेदारों की जिम्मेदारी और प्रशासनिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है, ताकि बरेली से निकले निशानेबाज अपने प्रशिक्षण में कोई बाधा न महसूस करें।

Nov 23, 2024 - 18:25
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बरेली रायफल क्लब की ओपन रेंज दलदल में हुई तब्दील:ठेकेदारों ने बढ़ाई परेशानियां, नगर निगम के अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
बरेली रायफल क्लब की ओपन रेंज दलदल में हुई तब्दील बरेली रायफल क्लब एक बार फिर विवादों में घिर चुका है। क्लब की ओपन रेंज की हालत बदहाल हो चुकी है। रेंज में दलदल, बड़े-बड़े गड्ढों में पानी, और घास बड़ी-बड़ी घास ने निशानेबाजों के लिए शूटिंग करना बेहद मुश्किल बना दिया है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। ठेकेदारों की लापरवाही रायफल क्लब में ट्रैप और स्कीट बनाने का काम जिस ठेकेदार को सौंपा गया था, उसने रेंज की स्थिति को और भी खराब कर दिया। ठेकेदार ने खुदाई करके रेंज में पानी भर दिया, जिससे पूरी रेंज में दलदल बन गई। अरोड़ा आरसीसी फर्म को नाला बनाने का काम सौंपा गया था, लेकिन उन्होंने निर्माण कार्य बीच में छोड़ दिया, जिससे गड्ढे और भी गहरे हो गए हैं। टेंडर कैंसिल और निर्माण कार्य का हाल राजीव टेंडर्स को ट्रैप और स्कीट बनाने का काम दिया गया था, लेकिन उनका टेंडर कैंसिल कर दिया गया। इस परियोजना की कुल लागत 2 करोड़ 10 लाख रुपए थी। हालांकि, इस कार्य को बीच में ही रोक दिया गया, जिससे क्लब की रेंज का बुरा हाल हो गया। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया। स्मार्ट सिटी और अधिकारियों की अनदेखी रायफल क्लब स्मार्ट सिटी का हिस्सा है, लेकिन स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की तरफ से इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। नगर निगम के चीफ इंजीनियर मनीष अवस्थी ने कहा है कि वे सोमवार को रायफल क्लब में जाकर स्थिति का निरीक्षण करेंगे और संबंधित ठेकेदार को नोटिस दिया जाएगा। नेशनल शूटर की चिंताएं नेशनल शूटर नेहा का कहना है कि अगले महीने दिल्ली में एक महत्वपूर्ण मैच होना है, लेकिन बरेली की ओपन रेंज की हालत इतनी खराब है कि यहां किसी भी समय कोई हादसा हो सकता है। इसके अलावा, स्मार्ट सिटी के तहत बनी इनडोर रेंज अब तक शुरू नहीं की गई है। कई बरेली के शूटर दिल्ली में जाकर प्रैक्टिस करने पर मजबूर हैं। रायफल क्लब के वालेंटियर आदेश दीक्षित की प्रतिक्रिया रायफल क्लब के वालेंटियर आदेश दीक्षित, जो निशानेबाजी में 100 से अधिक मेडल जीत चुके हैं, ने भी रेंज की हालत पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ओपन रेंज की हालत इतनी खराब है कि यहां प्रशिक्षण देना और शूटरों के लिए अभ्यास करना मुश्किल हो गया है। आदेश दीक्षित ने कहा कि जिस ठेकेदार को रेंज के निर्माण का काम सौंपा गया था, उसने इसे और भी बिगाड़ दिया। ट्रैप और स्कीट: ओलंपिक खेलों में प्रमुख प्रतियोगिताएं रायफल क्लब में ट्रैप और स्कीट दो अलग-अलग प्रकार की शॉटगन शूटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। ये दोनों ओलंपिक खेलों में शामिल हैं। ट्रैप: ट्रैप शूटिंग में शूटर को एक शॉटगन से कंक्रीट ट्रैप से निकलने वाली धातु की डिस्क (बर्ड) को शूट करना होता है। ये डिस्क एक समय में एक-एक करके विभिन्न दिशाओं में जाती हैं। शूटर को इन दिशा परिवर्तनों के अनुसार तेजी से प्रतिक्रिया करनी होती है। स्कीट: स्कीट शूटिंग में दो ट्रैप से डिस्क को छोड़ा जाता है। एक दाएं से बाएं और दूसरा बाएं से दाएं। शूटर को इन डिस्कों की गति, दिशा और समय की गणना करके सटीक शॉट लगाना होता है। रायफल क्लब की ओपन रेंज की वर्तमान स्थिति नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर शूटरों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। इसके सुधार के लिए ठेकेदारों की जिम्मेदारी और प्रशासनिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है, ताकि बरेली से निकले निशानेबाज अपने प्रशिक्षण में कोई बाधा न महसूस करें।

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