बेटे का एक्सीडेंट हो गया कहकर 1 लाख ठगे:मेरठ में साइबर ठगों ने दंपती को बनाया शिकार, अस्पताल में इलाज कराने की बात कहकर मंगाए पैसे, 3 महीने में 7 करोड़ की ठगी
साइबर ठगों ने लोगों की नींद उड़ा रखी है। मेरठ में बेटे का एक्सीडेंट होने की जानकारी देकर ठगी करने का आया है। साइबर ठगों ने बुजुर्ग दंपती से बेटे का एक्सीडेंट होने की बात कहकर इलाज के लिए एक लाख रुपये मांग लिए। बेटे की नाजुक हालत की बात सुनकर दंपती ने साइबर ठग के अकाउंट में एक लाख रुपये ट्रांसफर करा दिए। ठगे जाने के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। मेरठ में 3 महीने के भीतर 7 करोड़ रुपये साइबर अपराधी ठग चुके हैं। पल्लवपुरम थाना क्षेत्र के रुड़की रोड निवासी मोहित कौशिक ने एफआईआर में बताया है कि उनके सास-ससुर पंजाब जालंधर में रहते हैं। वे बीमार रहते हैं। ससुर के पास फोन आया कि उनके बेटे का रोड पर एक्सीडेंट हो गया है। वह बहुत गंभीर हालत हैं। उन लोगों को वह सड़क पर लहूलुहान पड़ा मिला है, वे उसे अस्पताल लेकर आए हैं। फोन करने वाले ने कहा कि डॉक्टरों ने इलाज के लिए 1 लाख 5 हजार रुपये जमा करने को कहा। फोन करने वाले ने बुजुर्ग से कहा कि अगर इलाज में देरी हुई ताे हालत बिगड़ सकती है। बुजुर्ग ने अपने दामाद को मेरठ में फोन मिलाकर पैसे बताए गए अकाउंट में तुरंत ट्रांसफर करने को कहा। दामाद को भी लगा कि मामला गंभीर है। उन्होंने खुद और अपने दोस्त के अकाउंट से दिए गए अकाउंट पर 1 लाख 5 हजार रुपये ट्रांसफर करा दिए। शाम के समय बेटे ने पिता को फोन किया तो उन्हें ठगे जाने की जानकारी हुई। इसके बाद जिस नंबर से फोन आया था वह बंद हो गया। पूरे मामले में पल्लवपुरम पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर साइबर ठगों की तलाश शुरू कर दी है। सावधान रहें कहीं उम्र भर की कमाई न लूट लें साइबर ठग, 3 महीने में मेरठ में 7 करोड़ ठगे गए साइबर ठग लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इससे बचने का एकमात्र तरीका है कि सावधान रहें। साइबर ठगों की बातों में न आएं। मेरठ में तीन महीने की बात करें तो 1 अगस्त से अब तक साइबर ठगी के 37 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें 22 एफआईआर साइबर थाने में और बाकी अन्य थानों में दर्ज हुए हैं। तीन महीने में सात करोड़ से ज्यादा की लोगों की कमाई साइबर लुटेरे ठग चुके हैं। सबसे बड़ी ठगी दंपती काे डिजिटल अरेस्ट करके हुई मेरठ में अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी पांडव नगर निवासी रिटायर्ड बैंक कर्मी और उनकी पत्नी के साथ हुई है। साइबर लुटेरों ने दोनोें को घर में डिजिटल अरेस्ट करके 1.73 करोड़ रुपये ठग लिए। साइबर अपराधियों से सर्तकता ही बचाव - एसपी क्राइम मेरठ के एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है कि साइबर ठगी के मामलों यदि 24 घंटे के भीतर सूचना मिले तो पुलिस ठगी गई धनराशि का अधिकतर हिस्सा बैंकों में फ्रीज करा देती है। देरी होने पर आरोपी यह रकम खातों से निकाल लेते हैं। ऐसे में साइबर ठगी होने पर तत्काल पुलिस को सूचना दें या फिर राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराएं। साइबर ठगों से बचने का एकमात्र उपाय सर्तकता ही है।
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