भदोही में 17वां सालाना उर्स और जश्न-ए-गौसुलवरा कांफ्रेंस का आयोजन:मौलाना अशरफ जिलानी ने दी इस्लाही तकरीर, शिक्षा और एकता का संदेश
भदोही के गोरियाना मोहल्ले में स्थित आरिफ-ए-हक हजरत शाह वलीउल्लाह रहमतुल्लाह अलैहे के 17वें सालाना उर्स के मौके पर आज जश्न-ए-गौसुलवरा कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आगाज कुरान-ए-मुकद्दस की तिलावत से हाफिज अब्दुल माबूद और हाफिज अनस ने किया। कौम के युवाओं को शिक्षा की अहमियत समझाई मौलाना मुफ्ती अशरफ जिलानी अजहरी ने इस्लाही तकरीर करते हुए कहा, "ऐ मेरे कौम के जवानों, यदि तुम चाहते हो कि मस्जिदें सलामत रहें तो अपने बच्चों को पढ़ाओ। मदरसों को सुरक्षित रखना है तो कौम के बच्चों को तालीम के रौशनी से आरास्ता करो। आने वाली नस्लों में तुम्हारी कौम जिंदा रहे और मुस्तफा जाने रहमत की नामूस की पहरेदारी करे, तो अपने बच्चों को चाय की दुकान पर नहीं, बल्कि कॉलेज भेजो।" उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ लंगर के लिए नहीं बनाया गया है। तालीम कमेटी बनाकर कॉलेज-यूनिवर्सिटी कौन बनाएगा। एकता का संदेश मौलाना ने आगे कहा, "बुग्ज-किना को अपने दिलों से निकालकर मुत्तहिद हो। आपस में मोहब्बत पैदा करो। इत्तेहाद जिंदगी है और इत्तेहाद की कमी मौत है। जबसे हमने अपनी अना के मसले ऊपर उठा लिए हैं, तबसे हमारे घरों के माहौल बद से बदतर हो गए हैं।" गुमराहियों की दलदल में हमारा समाज मौलाना मआज अशर्फी ने कहा कि "आज हमारा समाज गुमराहियों की दलदल में डूबता हुआ नजर आ रहा है। इसके जिम्मेदार हमारे मां-बाप हैं। उन्होंने कभी कुरान की तिलावत के लिए नहीं कहा और मजहब-ए-इस्लाम के कानूनों को नहीं समझाया। अपनी बच्चियों को पर्दे की अहमियत नहीं बताई। जब उनकी बच्चियां कॉलेज के प्रोग्राम के लिए कहती हैं, तो उन्हें तैयार किया जाता है। यहूदियों और नसराओं के रास्ते पर हमारी बेटियां चल रही हैं।" कांग्रेस में उपस्थित प्रमुख लोग इस कार्यक्रम में मौलाना अब्दुस्समद जियाई, हाफीज परवेज अच्छे मियां, हाफिज अशफाक रब्बानी, हाफिज तबरेज, हाफिज फहद अत्तारी, हाफिज शहजाद, हाफिज दानिश, हाफिज तौफीक, शोएब रजा वारसी, अहमदुल फत्ताह, हाफिज-कारी गुलाम मुस्तफा हबीबी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम की सदारत मौलाना फैसल हुसैन अशर्फी ने की और निजामत का कार्य कैफ इलाहाबादी ने किया।
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