महराजगंज में पराली जलाने पर कड़ी कार्रवाई का आदेश:खेतों में पराली जलाने वाले किसानों पर लगेगा अर्थदंड, होगी वसूली
जनपद में धान की फसल कटने के बाद खेतों में पराली जलाने के मामलों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि पराली जलाने वाले आरोपित किसानों से अर्थदंड की वसूली की जाएगी। विभाग ने किसानों को इस संबंध में जागरूक करने के लिए पहले से ही सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है। हार्वेस्टिंग मशीनों पर कार्रवाई विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि बिना स्ट्रा रीपर या सुपर मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) के धान की कटाई करने वाले कंबाइन हार्वेस्टर संचालकों को राष्ट्रीय हरित अभिकरण के नियमों के दायरे में रखा जाएगा। यदि किसी भी संचालक की लापरवाही सामने आती है, तो उनकी मशीनों को सीज किया जाएगा। इसके साथ ही, कंबाइन स्वामी को अपने खर्च पर हार्वेस्टिंग मशीन में सुपर मैनेजमेंट सिस्टम लगवाने के बाद ही उन्हें छोड़ा जाएगा। अर्थदंड का प्रावधान धान की पराली जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है, और इसके लिए अर्थदंड का प्रावधान किया गया है। उप कृषि निदेशक ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अभिकरण के द्वारा निर्धारित अर्थदंड के अनुसार: किसानों को दी जा रही जानकारी उप कृषि निदेशक वीरेंद्र कुमार ने कहा कि सभी हार्वेस्टिंग मशीन संचालकों को राष्ट्रीय हरित अभिकरण के प्रविधानों की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि फिर भी कोई संचालक नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संदर्भ में ब्लॉक स्तर पर कृषि विभाग के कर्मचारी किसानों को जागरूक कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण का प्रयास कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे बिना एसएमएस के धान की कटाई न करें। कंबाइन हार्वेस्टर को एसएमएस के साथ प्रयोग करने से फसल अवशेष छोटे-छोटे टुकड़ों में कटकर जमीन में बिखर जाते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता और कार्बन अंश बढ़ाने में सहायक होते हैं। इससे पराली जलाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी, जिससे पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगेगी।
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