महाराजगंज पराली जलाने वाले 102 किसानों पर जुर्माना:डीएम के निर्देश पर कार्रवाई, नहीं मानने वाले किसानों को सम्मान निधि से वंचित करने की तैयारी​​​​​​​

महाराजगंज जनपद में धान की कटाई शुरू होते ही पराली जलाने को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है। अब तक 102 किसानों पर पराली जलाने के मामले में जुर्माना लगाया जा चुका है। डीएम के निर्देश पर कृषि विभाग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी गांवों में जाकर किसानों को पराली जलाने से बचने की चेतावनी दे रहे हैं और उन्हें जागरूक कर रहे हैं। जनपद में करीब 65,000 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती की जाती है। फसल की कटाई शुरू हो गई है, और इस दौरान पराली जलाने की घटनाओं में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। प्रशासन ने पराली जलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का क्रम तेज कर दिया है। जुर्माने के अलावा, पराली जलाने वाले किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि से वंचित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। सेटेलाइट निगरानी से कार्रवाई पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखने के लिए सैटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। सैटेलाइट से यह पता चल जाता है कि किस गांव में पराली जलाने की घटना हुई है। रिपोर्ट मिलने के बाद राजस्व टीम मौके पर पहुंचकर परीक्षण करती है और फिर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करती है। ग्राम प्रधान को जिम्मेदार ठहराया गया नए आदेश के तहत, यदि किसी गांव में पराली जलाने की घटना होती है, तो ग्राम प्रधान को इसकी सूचना लेखपाल को देनी होगी। इसके बाद संबंधित किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस व्यवस्था से ग्राम प्रधान भी इस मुद्दे पर जवाबदेह होंगे। कड़ी निगरानी और कार्रवाई डीएम के निर्देश पर तहसीलदार, एसडीएम, कृषि विभाग, पुलिस और अन्य विभागों के कर्मचारियों की टीमें तैनात की गई हैं। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए कड़ी निगरानी की जा रही है और पराली जलाने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा 24 के तहत क्षतिपूर्ति की वसूली की जाएगी। इसके साथ ही धारा 26 के तहत उल्लंघन करने पर अर्थ दंड से कार्रवाई की जाएगी।

Nov 12, 2024 - 09:45
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महाराजगंज पराली जलाने वाले 102 किसानों पर जुर्माना:डीएम के निर्देश पर कार्रवाई, नहीं मानने वाले किसानों को सम्मान निधि से वंचित करने की तैयारी​​​​​​​
महाराजगंज जनपद में धान की कटाई शुरू होते ही पराली जलाने को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है। अब तक 102 किसानों पर पराली जलाने के मामले में जुर्माना लगाया जा चुका है। डीएम के निर्देश पर कृषि विभाग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी गांवों में जाकर किसानों को पराली जलाने से बचने की चेतावनी दे रहे हैं और उन्हें जागरूक कर रहे हैं। जनपद में करीब 65,000 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती की जाती है। फसल की कटाई शुरू हो गई है, और इस दौरान पराली जलाने की घटनाओं में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। प्रशासन ने पराली जलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का क्रम तेज कर दिया है। जुर्माने के अलावा, पराली जलाने वाले किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि से वंचित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। सेटेलाइट निगरानी से कार्रवाई पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखने के लिए सैटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। सैटेलाइट से यह पता चल जाता है कि किस गांव में पराली जलाने की घटना हुई है। रिपोर्ट मिलने के बाद राजस्व टीम मौके पर पहुंचकर परीक्षण करती है और फिर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करती है। ग्राम प्रधान को जिम्मेदार ठहराया गया नए आदेश के तहत, यदि किसी गांव में पराली जलाने की घटना होती है, तो ग्राम प्रधान को इसकी सूचना लेखपाल को देनी होगी। इसके बाद संबंधित किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस व्यवस्था से ग्राम प्रधान भी इस मुद्दे पर जवाबदेह होंगे। कड़ी निगरानी और कार्रवाई डीएम के निर्देश पर तहसीलदार, एसडीएम, कृषि विभाग, पुलिस और अन्य विभागों के कर्मचारियों की टीमें तैनात की गई हैं। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए कड़ी निगरानी की जा रही है और पराली जलाने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा 24 के तहत क्षतिपूर्ति की वसूली की जाएगी। इसके साथ ही धारा 26 के तहत उल्लंघन करने पर अर्थ दंड से कार्रवाई की जाएगी।

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