महाराष्ट्र चुनाव- नॉमिनेशन पूरा, भाजपा 148, कांग्रेस के 102 प्रत्याशी:लेकिन दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारा साफ नहीं, कई सीटों पर सहयोगी पार्टियां आमने-सामने
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन की समयसीमा खत्म होने के बाद भी महायुति और महाविकास अघाड़ी (MVA) ने सीट बंटवारे का फॉर्मूला नहीं बताया। हालांकि, महायुति में 148 उम्मीदवारों के साथ भाजपा और MVA में 102 के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों पार्टियां 2019 के विधानसभा चुनाव से कम सीटों पर लड़ रही हैं। भाजपा ने पिछली बार 164 तो कांग्रेस ने 147 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। वहीं, शिवसेना-शिंदे ने 83, NCP-अजित ने 51, शिवसेना- उद्धव ने 88, NCP- शरद ने 87 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं। पिछले चुनाव में शिवसेना (अविभाजित) और NCP (अविभाजित) 124-124 सीटों पर लड़ी थी। इन सबके अलावा इस बार महायुति में भाजपा ने 4 और शिवसेना-शिंदे ने 2 सीटें सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी हैं। दूसरी तरफ MVA के छोटे सहयोगी दल 9 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। 6 पार्टियां चुनाव मैदान में, लगभग हर सीट पर बागी शिवसेना और NCP में बगावत के चलते इस बार छह बड़े दल मैदान में हैं। इसी वजह से बागी भी ज्यादा हैं। प्रदेश की लगभग हर सीट पर बागी हैं। सबकी निगाह अब नाम वापसी की आखिरी तारीख, 4 नवंबर पर है। उसके बाद ही पता चलेगा कि लड़ाई कैसी होगी। महायुति के बड़े बागी, जो निर्दलीय मैदान में... बोरिवली- गोपाल शेट्टी दो बार भाजपा से सांसद रह चुके हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला था इसलिए विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन भाजपा ने संजय उपाध्याय को टिकट दे दिया। उमरेड- राजू पारवे शिंदे गुट की शिवसेना के नेता हैं। पार्टी ने रामटेक से लोकसभा चुनाव लड़ाया था लेकिन हार गए। विधानसभा चुनाव में यह सीट भाजपा के पास चली गई। भाजपा ने सुधीर पारवे को मैदान में उतारा है। अंधेरी पूर्व- स्वीकृति शर्मा पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी हैं। कुछ दिन पहले ही शिंदे गुट की शिवसेना ज्वाइन की थी। पार्टी ने इस सीट से मुरजी पटेल को उम्मीदवार बनाया तो निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। चिंचवड- नाना काटे अजित गुट की NCP के नेता हैं। सीट भाजपा के पाले में चली गई। भाजपा ने शंकर जगताप को उतारा है। मानखुर्द-शिवाजीनगर- नवाब मलिक इस सीट पर मामला बड़ा दिलचस्प है। नॉमिनेशन भरने की समय सीमा खत्म होने से कुछ मिनट पहले ही अजित गुट की NCP ने नवाब मलिक को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। मलिक पहले से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, मगर भाजपा विरोध कर रही थी। भाजपा ने मलिक को दाऊद इब्राहिम का करीबी बताते हुए देशद्रोह सहित कई आरोप लगाए थे। इसी वजह से मलिक नहीं मिल पा रहा था। हालांकि, 29 अक्टूबर को नवाब मलिक ने दो पर्चे दाखिल किए। पर्चा भरने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने NCP उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी पर्चा दाखिल किया था। लेकिन पार्टी ने एबी फॉर्म भेजा और हमने दोपहर 2.55 बजे एबी फॉर्म जमा किया। अब मैं NCP का आधिकारिक उम्मीदवार हूं। भाजपा अब भी नवाब मलिक की उम्मीदवारी का विरोध कर रही है। समझौते के तहत यह सीट शिंदे गुट को मिली थी। पार्टी ने यहां से सुरेश पाटिल को टिकट दिया है। भाजपा ने भी पाटिल का समर्थन किया है और लगातार मलिक के खिलाफ बयान दे रही है। काटोल सीट पर भाजपा और अजित की NCP आमने-सामने NCP में टूट से पहले पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख इस सीट से विधायक बने थे। हालांकि, जब पार्टी में टूट हुई तो देशमुख ने शरद पवार का साथ दिया। इस वजह से भाजपा इस सीट पर दावा कर रही थी। वहीं, अजित अब भी इसे NCP की जीती हुई सीट मान रहे थे। नतीजा दोनों ने उम्मीदवार उतार दिए। भाजपा ने चरण सिंह ठाकुर तो NCP ने नरेश अरसडे को टिकट दिया है। MVA में उलझन थोड़ी ज्यादा पंढरपुर शरद पवार की NCP ने अनिल सावंत को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने भगीरथ भालके को उतारा है। भगीरथ दिवंगत कांग्रेस विधायक भारत भालके के बेटे हैं। भारत भालके के निधन के बाद उपचुनाव में भगीरथ ने NCP से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। अबकी बार टिकट नहीं मिला तो कांग्रेस में आ गए और पार्टी ने अपनी सहयोगी शरद गुट की NCP के खिलाफ ही टिकट दे दिया। परंडा उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने रणजीत पाटिल को टिकट दिया है। दूसरी तरफ शरद पवार की NCP ने पूर्व विधायक राहुल मोटे को मैदान में उतारा है। सोलापूर दक्षिण कांग्रेस के दिलीप माने यहां से टिकट चाहते थे लेकिन MVA में समझौते के तहत यह सीट उद्धव ठाकरे की शिवसेना को मिली। पार्टी ने अमर पाटिल को टिकट दिया है। अब दिलीप माने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। ................................................................. महाराष्ट्र चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... फडणवीस बोले- भाजपा महाराष्ट्र में अकेले नहीं जीत सकती, लोकसभा चुनाव के समय राज्य में वोट जिहाद हुआ था महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 27 अक्टूबर को कहा कि जमीनी हकीकत को लेकर व्यावहारिक होना पड़ेगा। भाजपा अकेले महाराष्ट्र चुनाव नहीं जीत सकती, लेकिन यह भी सच है कि हमारे पास सबसे ज्यादा सीटें और सबसे ज्यादा वोटिंग प्रतिशत है। चुनाव के बाद भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनेगी। पूरी खबर पढ़ें...
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