महोबा जिला अस्पताल की फायर सेफ्टी व्यवस्था बेकार:फायर सेफ्टी पाइप लाइन का काम अधूरा, वार्डों में आपातकालीन दरवाजे नहीं

झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वॉर्ड में हुआ दर्दनाक हादसा, जिसमें 10 नवजात शिशुओं की मौत हुई। इस घटना ने फायर सेफ्टी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके बाद महोबा जिला अस्पताल में फायर सेफ्टी का निरीक्षण किया गया। जहां कई खामियां उजागर हुईं। अस्पताल में कमजोर फायर सेफ्टी व्यवस्था: डॉक्टर सवालों का नहीं दे रहे साफ जवाब डॉक्टर राजेश भट्ट ने बताया कि अस्पताल में रोजाना 700-1000 मरीज आते हैं। 140 फायर सिलेंडर लगाए गए हैं। उन्होंने फायर सेफ्टी के मानकों के पालन का दावा किया, लेकिन आपातकालीन निकासी और मॉकड्रिल के सवालों पर स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। तीमारदार बोले- अस्पतालों में सुधार की सख्त जरूरत झांसी की घटना और महोबा अस्पताल की खामियां यह बताती हैं कि सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। इसे तुरंत सुधारने की जरूरत है ताकि भविष्य में किसी हादसे से मरीजों की जान बचाई जा सके।

Nov 16, 2024 - 17:15
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महोबा जिला अस्पताल की फायर सेफ्टी व्यवस्था बेकार:फायर सेफ्टी पाइप लाइन का काम अधूरा, वार्डों में आपातकालीन दरवाजे नहीं
झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वॉर्ड में हुआ दर्दनाक हादसा, जिसमें 10 नवजात शिशुओं की मौत हुई। इस घटना ने फायर सेफ्टी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके बाद महोबा जिला अस्पताल में फायर सेफ्टी का निरीक्षण किया गया। जहां कई खामियां उजागर हुईं। अस्पताल में कमजोर फायर सेफ्टी व्यवस्था: डॉक्टर सवालों का नहीं दे रहे साफ जवाब डॉक्टर राजेश भट्ट ने बताया कि अस्पताल में रोजाना 700-1000 मरीज आते हैं। 140 फायर सिलेंडर लगाए गए हैं। उन्होंने फायर सेफ्टी के मानकों के पालन का दावा किया, लेकिन आपातकालीन निकासी और मॉकड्रिल के सवालों पर स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। तीमारदार बोले- अस्पतालों में सुधार की सख्त जरूरत झांसी की घटना और महोबा अस्पताल की खामियां यह बताती हैं कि सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। इसे तुरंत सुधारने की जरूरत है ताकि भविष्य में किसी हादसे से मरीजों की जान बचाई जा सके।

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