माफिया अतीक के साले जकी की गिरफ्तारी पर रोक:हाईकोर्ट ने कहा--जांच में सहयोग करेगा, रंगदारी मांगने का दर्ज़ है मुकदमा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया (मरहूम) अतीक के साले ज़की अहमद की रंगदारी मांगने के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। कोर्ट ने जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार और शिकायकर्ता को जवाब दा​खिल करने के लिए नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता व न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश जकी अहमद की याचिका पर दिया। प्रयागराज के करैली निवासी मो. आमिर ने जकी अहमद व अन्य लोगों पर 10 लाख रुपये रंगदारी मांगने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। याची ने एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याची की वकील अ​धिवक्ता मो. इरफान व शादाब अली ने कहा कि याची ने कोई अपराध नहीं किया है। उसे फर्जी फंसाया गया है। आरोप से स्पष्ट है कि मामला जमीन की चौहद्दी से जुड़ा हुआ है। पूरा मामला सिविल प्रकृति का है। जानबूझकर मामले को आपरा​धिक प्रकृति का रंग दिया गया है। शासकीय अधिवक्ता ने याचिका का विरोध किया। कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।

Oct 22, 2024 - 11:50
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माफिया अतीक के साले जकी की गिरफ्तारी पर रोक:हाईकोर्ट ने कहा--जांच में सहयोग करेगा, रंगदारी मांगने का दर्ज़ है मुकदमा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया (मरहूम) अतीक के साले ज़की अहमद की रंगदारी मांगने के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। कोर्ट ने जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार और शिकायकर्ता को जवाब दा​खिल करने के लिए नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता व न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश जकी अहमद की याचिका पर दिया। प्रयागराज के करैली निवासी मो. आमिर ने जकी अहमद व अन्य लोगों पर 10 लाख रुपये रंगदारी मांगने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। याची ने एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याची की वकील अ​धिवक्ता मो. इरफान व शादाब अली ने कहा कि याची ने कोई अपराध नहीं किया है। उसे फर्जी फंसाया गया है। आरोप से स्पष्ट है कि मामला जमीन की चौहद्दी से जुड़ा हुआ है। पूरा मामला सिविल प्रकृति का है। जानबूझकर मामले को आपरा​धिक प्रकृति का रंग दिया गया है। शासकीय अधिवक्ता ने याचिका का विरोध किया। कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।

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