मिग-29 हादसा: मलबे को पलटकर ढूंढे साक्ष्य:एयरक्राफ्ट क्रैश की जांच को पहुंची सेना की एक और टीम, बुल्डोजर की मदद से क्रैश एयरक्राफ्ट को पलटा
मिग-29 के मलबे से साक्ष्य तलाशने का काम अभी जारी है। शनिवार को भी सेना की एक टीम क्रैश एयरक्राफ्ट की जांच को पहुंची। 6 सदस्यीय टीम ने एयरक्राफ्ट के मलबे को पलटकर इसके नीचे दबे साक्ष्य ढूंढे। क्रैश एयरक्राफ्ट को पलटने के लिए बुल्डोजर की मदद ली गई। कागारौल में क्रैश था एयरक्राफ्ट 4 नवंबर को आगरा, कागारौल के बघा सोनिगा में मिग-29 क्रैश हो गया था। तेज धमाके के साथ बहादुर सिंह के खेत में जा गिरा। यहां धूं-धूं कर जला गया। हादसे से कुछ सेकेंड पहले ही इस एयरक्राफ्ट काे उड़ा रहे विंग कमांडर मनीष मिश्रा इजेक्ट हो गए थे। पैराशूट की मदद से वह झाड़ियों में उतर गए। मगर, इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए। कई बिंदुओं पर चल रही जांच इस हादसे की कई स्तर पर जांच चल रही है। इसमें उड़ान सुरक्षा निदेशालय फ्लाइट सेफ्टी से जुड़े बिंदुओं की जांच कर रहा है। तकनीकी टीम टीम ब्लैक बॉक्स की जांच कर रही है। ATC और पायलट के बीच हुए संवाद की भी जांच करेगी। इसमें यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि घटना के बाद पायलट जो बयान दे रहे हैं, उसका मिलान ATC के साथ हुए संवाद से मिलान करता है या नहीं। जांच का मुख्य बिंदु ये होगा कि एयरक्राफ्ट तकनीकी खराबी की वजह से क्रैश हुआ या फिर पायलट की गलती की वजह से। 1.30 घंटे तक रही टीम हादसे के बाद अब तक क्रैश एयरक्राफ्ट के नीचे के मलबे की जांच नहीं हुई थी। शनिवार को तकनीकी टीम इसी को जांच को पहुंची। क्रैश एयरक्राफ्ट को पलटने के लिए बुल्डोजर मंगाया गया था। लगभग 1.30 घंटे तक टीम ने विभिन्न पहलुओं की जांच की। कुछ साक्ष्य एकत्रित करके सुरक्षित रखे हैं। ब्लैक बॉक्स को घटना के कुछ देर बाद ही सेना के जवानों ने अपने कब्जे में ले लिया था। सेना ने घटनास्थल पर ही अपना कैंप स्थापित कर दिया है। यहीं से पूरे ऑपरेशन को संचालित कर रहे हैं।
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