मिर्जापुर में महिलाओं ने अस्तगामी सूर्य को दिया अर्घ्य:6 तस्वीरों में देखें मिर्जापुर की छठ पूजा, व्रती महिलाओं ने विधि-विधान से की पूजा

मिर्जापुर में छठ का पर्व धूमधाम से मनाया गया। विभिन्न घाटों पर डूबते सूर्य को वर्ती महिलाओं ने अर्घ्य अर्पित कर नमन किया। नगर के गंगा तट पर बने घाटों पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा था। तीन दिवसीय महापर्व को बहुत ही कठिन व्रत माना जाता है। नगर के फतहा, कचहरी, बरियाघाट, बदली घाट, बबाबा घाट, बरियाघाट, बाबा घाट, दाऊ जी घाट, पक्का घाट, संकठा घाट, नारघाट, विंध्याचल घाटों पर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान किया गया। तमाम भक्त शहनाई और बैंड बाजा के साथ पूजन अर्चन करने पहुंचे थे। छठ पूजा की 6 तस्वीरें... श्रद्धालुओं का भारी जन सैलाब परिवार की कुशलता और पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए तमाम भक्तों ने पूजा आराधना किया। मान्यता है कि पुत्र की कामना करने वालों को व्रत का पालन करने पर पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। नगर के विभिन्न घाटों पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं का भारी जन सैलाब उमड़ पड़ा। छठ पर्व का आरंभ नहाय खाय के साथ होता है। नहाय खाय के दिन कद्दू की सब्जी, लौकी चने की दाल और चावल खाया जाता है। नहाय खाय का भोजन बिना लहसुन और प्याज के सात्विक तरीके से तैयार किया जाता है। शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसी के साथ व्रत पूर्ण होगा।

Nov 7, 2024 - 20:20
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मिर्जापुर में महिलाओं ने अस्तगामी सूर्य को दिया अर्घ्य:6 तस्वीरों में देखें मिर्जापुर की छठ पूजा, व्रती महिलाओं ने विधि-विधान से की पूजा
मिर्जापुर में छठ का पर्व धूमधाम से मनाया गया। विभिन्न घाटों पर डूबते सूर्य को वर्ती महिलाओं ने अर्घ्य अर्पित कर नमन किया। नगर के गंगा तट पर बने घाटों पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा था। तीन दिवसीय महापर्व को बहुत ही कठिन व्रत माना जाता है। नगर के फतहा, कचहरी, बरियाघाट, बदली घाट, बबाबा घाट, बरियाघाट, बाबा घाट, दाऊ जी घाट, पक्का घाट, संकठा घाट, नारघाट, विंध्याचल घाटों पर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान किया गया। तमाम भक्त शहनाई और बैंड बाजा के साथ पूजन अर्चन करने पहुंचे थे। छठ पूजा की 6 तस्वीरें... श्रद्धालुओं का भारी जन सैलाब परिवार की कुशलता और पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए तमाम भक्तों ने पूजा आराधना किया। मान्यता है कि पुत्र की कामना करने वालों को व्रत का पालन करने पर पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। नगर के विभिन्न घाटों पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं का भारी जन सैलाब उमड़ पड़ा। छठ पर्व का आरंभ नहाय खाय के साथ होता है। नहाय खाय के दिन कद्दू की सब्जी, लौकी चने की दाल और चावल खाया जाता है। नहाय खाय का भोजन बिना लहसुन और प्याज के सात्विक तरीके से तैयार किया जाता है। शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसी के साथ व्रत पूर्ण होगा।

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