मुजफ्फरनगर में खरीदी जाने वाली एलईडी लाइटों के सैंपल फेल:नगर पालिका ने पथ-प्रकाश के लिए 3000 लाइटों का दिया था ऑर्डर
मुजफ्फरनगर पालिका के भाजपा सभासद की शिकायत पर कराई जा रही जांच के दौरान लोक निर्माण विभाग लखनऊ की लैब में पालिका की ओर से खरीदी जा रही एलईडी लाइटों का सैंपल फेल हो गया। पालिका ने दीवाली पर शहर के 55 वार्डों में एलईडी लाइट लगाने के लिए 1.74 करोड़ रुपये का बजट बनाकर 45-50 वॉट की तीन हजार एलईडी लाइट खरीदने को टेंडर आमंत्रित किए थे। इसमें पालिका ने शर्त लगाई थी कि 130 ल्यूमिनर प्रति वॉट की विशेषता वाली एलईडी लाइट की ही आपूर्ति स्वीकार्य होगी। जिसके बाद आरके एंटरप्राइजेज थानाभवन शामली ने हेलोनिक्स मेक और उर्वशी एंटरप्राइजेज आगरा, निर्मल एसोसिएशन गाजियाबाद और एसएस एंटरप्राइजेज नई मंडी मुजफ्फरनगर ने सूर्या मेक के सैंपल दिए थे। चारों सैम्पल में से सूर्या मेक और हेलोनिक्स मेक के एक-एक सैम्पल लाइट की ल्यूमिनर क्षमता की परख कराने के लिए प्राइवेट स्तर पर अल्फा टेस्ट हाउस पीरागढ़ी, नई दिल्ली से जांच कराई गई। पालिका को जांच रिपोर्ट मिली, जिसमें जांचकर्ता कंपनी ने दावा किया था कि सूर्या मेक की 45 वॉट एलईडी लाइट का ल्यूमिनर 132.50 प्रति वॉट और हेलोनिक्स मेक लाइट का ल्यूमिनर 127.8 प्रति वॉट पाया गया। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर सूर्या मेक लाइट की वित्तीय निविदा को खोला गया। इसमें विभागीय एसएस एंटरप्राइजेज नई मंडी की ओर से एस्टीमेट से 41.87 प्रतिशत बिलो पर निविदा दिए जाने के कारण उसको स्वीकृत किया गया। ठेकेदार फर्म की ओर से प्रति लाइट 3400 रुपये की दर से 1.2 करोड़ रुपये में 45 वॉट की तीन हजार एलईडी सूर्या मेक लाइट आपूर्ति करने की तैयारी भी शुरू कर दी। भाजपा नेता और सभासद देवेश कौशिक ने सूर्या मेक लाइट की ल्यूमिनर क्षमता कम बताने के साथ ही, इसमें अन्य अनियमितता का आरोप लगाते हुए शिकायत कर जांच की मांग की। लोक निर्माण विभाग विद्युत यांत्रिक खंड लखनऊ से जांच कराई गई तो उसमें सैंपल फेल आया। ईओ डा. प्रज्ञा सिंह का कहना है कि उन्होंने जांच रिपोर्ट पर पथ प्रकाश विभाग की आख्या मांगी है। उसके बाद आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
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