मुस्लिम उलेमा बोर्ड का MVA नेताओं को लेटर:17 शर्तें रखीं; वक्फ बिल का विरोध और RSS पर बैन की मांग की

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड (AIUB) ने महाविकास अघाड़ी (MVA) को समर्थन देने के लिए 17 शर्तें रखी हैं। बोर्ड ने 7 नवंबर को NCP (SP) चीफ शरद पवार, शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को चिट्‌ठी लिखी है। चिट्‌ठी में उलेमा बोर्ड ने कहा है कि, अगर महाराष्ट्र में MVA की सरकार बनती है तो वे वक्फ बिल का विरोध करें। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बैन लगाएं। बोर्ड ने महाराष्ट्र में मुस्लिमों के लिए 10% आरक्षण और मुस्लिमों के खिलाफ बयान देने वाले भाजपा विधायक नीतिश राणे जैसे नेताओं पर कार्रवाई की मांग की है। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटों पर सिंगल फेज में 20 नवंबर को चुनाव होंगे। रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा। भाजपा महायुति गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने 148, शिंदे गुट ने 80, अजित गुट ने 53 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। बाकी सीटें छोटे दलों को दी हैं। 1. वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध: उलेमा बोर्ड ने मांग की है कि MVA वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करे और इसे रद्द करने की दिशा में काम करे। 2. वक्फ बोर्ड के लिए वित्तीय सहायता: महाराष्ट्र सरकार को महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को ₹1,000 करोड़ आवंटित करने चाहिए। 3. अतिक्रमण हटाने के लिए कानून: उलेमा बोर्ड चाहता है कि वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में एक कानून पारित किया जाए। 4. मुसलमानों के लिए 10% आरक्षण: बोर्ड ने महाराष्ट्र में मुसलमानों के लिए 10% आरक्षण की मांग की है। 5. पुलिस भर्ती में वरीयता: उलेमा बोर्ड ने मांग की है कि राज्य में पुलिस भर्ती में शिक्षित मुसलमानों को वरीयता दी जाए। 6. RSS पर प्रतिबंध: उलेमा बोर्ड एमवीए सरकार बनते ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने पर भी जोर दे रहा है। 7. विवादित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई: बोर्ड ने भाजपा विधायक नितेश राणे को तत्काल जेल भेजने की मांग की है। साथ ही सलमान अजहरी को रिहा करने की मांग की है। अजहरी को भड़काऊ बयानों के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। महाराष्ट्र में मुस्लिम वोटर्स अहम क्यों हैं इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में मुस्लिम आबादी करीब 1.3 करोड़ है। जोकि प्रदेश की कुल 11.24 करोड़ आबादी का 11.56 फीसदी हिस्सा हैं। राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 38 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुसलमान करीब 20 फीसदी हैं। इनमें 9 सीटें तो ऐसी हैं जहां मुस्लिम आबादी 40 परसेंट से ज्यादा है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की बात करें तो यहां 10 सीटें पर 25 प्रतिशत से ज्यादा आबादी मुस्लिमों की है। पिछले लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक वोट महाविकास अघाड़ी को मिले थे। अब जानिए महाराष्ट्र चुनाव में कितने मुस्लिम उम्मीदवार महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए कुल 4,140 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें से मुस्लिम उम्मीवारों की संख्या मामूली है। महायुति की बात करें तो इसमें शामिल बीजेपी ने किसी भी मुस्लिम नेता को टिकट नहीं दिया। शिंदे गुट की शिवसेना से एक मुस्लिम प्रत्याशी उतारा गया है जबकि अजित पवार की NCP ने चार मुस्लिम नेताओं को टिकट दिया है( महाविकास अघाड़ी में शिवसेना उद्धव गुट ने भी एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा है जबकि कांग्रेस ने आठ, एनसीपी-शरद गुट और सपा ने एक-एक मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया है। वहीं, ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 14 प्रत्याशी चुनाव में खड़े किए हैं जिसमें 10 मुस्लिम हैं। महाराष्ट्र चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... मोदी बोले- एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे, पहले वे धर्म के नाम पर लड़ाते थे, अब वे जातियों को लड़ा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार की शुरुआत की। धुले में 50 मिनट में भाषण में पीएम ने कहा कि एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। पहले वे धर्म के नाम पर लड़ाते थे। इसी के चलते देश का बंटवारा हुआ। अब वे जातियों को लड़ाने का काम कर रहे हैं। ये भारत के खिलाफ साजिश है। पढ़ें पूरी खबर...

Nov 9, 2024 - 12:35
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मुस्लिम उलेमा बोर्ड का MVA नेताओं को लेटर:17 शर्तें रखीं; वक्फ बिल का विरोध और RSS पर बैन की मांग की
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड (AIUB) ने महाविकास अघाड़ी (MVA) को समर्थन देने के लिए 17 शर्तें रखी हैं। बोर्ड ने 7 नवंबर को NCP (SP) चीफ शरद पवार, शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को चिट्‌ठी लिखी है। चिट्‌ठी में उलेमा बोर्ड ने कहा है कि, अगर महाराष्ट्र में MVA की सरकार बनती है तो वे वक्फ बिल का विरोध करें। साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बैन लगाएं। बोर्ड ने महाराष्ट्र में मुस्लिमों के लिए 10% आरक्षण और मुस्लिमों के खिलाफ बयान देने वाले भाजपा विधायक नीतिश राणे जैसे नेताओं पर कार्रवाई की मांग की है। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटों पर सिंगल फेज में 20 नवंबर को चुनाव होंगे। रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा। भाजपा महायुति गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने 148, शिंदे गुट ने 80, अजित गुट ने 53 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। बाकी सीटें छोटे दलों को दी हैं। 1. वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध: उलेमा बोर्ड ने मांग की है कि MVA वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करे और इसे रद्द करने की दिशा में काम करे। 2. वक्फ बोर्ड के लिए वित्तीय सहायता: महाराष्ट्र सरकार को महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को ₹1,000 करोड़ आवंटित करने चाहिए। 3. अतिक्रमण हटाने के लिए कानून: उलेमा बोर्ड चाहता है कि वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में एक कानून पारित किया जाए। 4. मुसलमानों के लिए 10% आरक्षण: बोर्ड ने महाराष्ट्र में मुसलमानों के लिए 10% आरक्षण की मांग की है। 5. पुलिस भर्ती में वरीयता: उलेमा बोर्ड ने मांग की है कि राज्य में पुलिस भर्ती में शिक्षित मुसलमानों को वरीयता दी जाए। 6. RSS पर प्रतिबंध: उलेमा बोर्ड एमवीए सरकार बनते ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने पर भी जोर दे रहा है। 7. विवादित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई: बोर्ड ने भाजपा विधायक नितेश राणे को तत्काल जेल भेजने की मांग की है। साथ ही सलमान अजहरी को रिहा करने की मांग की है। अजहरी को भड़काऊ बयानों के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। महाराष्ट्र में मुस्लिम वोटर्स अहम क्यों हैं इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में मुस्लिम आबादी करीब 1.3 करोड़ है। जोकि प्रदेश की कुल 11.24 करोड़ आबादी का 11.56 फीसदी हिस्सा हैं। राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 38 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुसलमान करीब 20 फीसदी हैं। इनमें 9 सीटें तो ऐसी हैं जहां मुस्लिम आबादी 40 परसेंट से ज्यादा है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की बात करें तो यहां 10 सीटें पर 25 प्रतिशत से ज्यादा आबादी मुस्लिमों की है। पिछले लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक वोट महाविकास अघाड़ी को मिले थे। अब जानिए महाराष्ट्र चुनाव में कितने मुस्लिम उम्मीदवार महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए कुल 4,140 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें से मुस्लिम उम्मीवारों की संख्या मामूली है। महायुति की बात करें तो इसमें शामिल बीजेपी ने किसी भी मुस्लिम नेता को टिकट नहीं दिया। शिंदे गुट की शिवसेना से एक मुस्लिम प्रत्याशी उतारा गया है जबकि अजित पवार की NCP ने चार मुस्लिम नेताओं को टिकट दिया है( महाविकास अघाड़ी में शिवसेना उद्धव गुट ने भी एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा है जबकि कांग्रेस ने आठ, एनसीपी-शरद गुट और सपा ने एक-एक मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया है। वहीं, ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 14 प्रत्याशी चुनाव में खड़े किए हैं जिसमें 10 मुस्लिम हैं। महाराष्ट्र चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... मोदी बोले- एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे, पहले वे धर्म के नाम पर लड़ाते थे, अब वे जातियों को लड़ा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार की शुरुआत की। धुले में 50 मिनट में भाषण में पीएम ने कहा कि एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। पहले वे धर्म के नाम पर लड़ाते थे। इसी के चलते देश का बंटवारा हुआ। अब वे जातियों को लड़ाने का काम कर रहे हैं। ये भारत के खिलाफ साजिश है। पढ़ें पूरी खबर...

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