मोबाइल हाथ से छिटक गया...मैंने फेंका नहीं:धीरेंद्र शास्त्री के सिर पर सौरभ का मोबाइल लगा, वह बोले- गुरुजी महान है, मुझे ढूंढकर मोबाइल लौटाया
'मैं गुरुजी को देखने गया था। जब वह पास आए, तब मैंने अपने मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू किया। मैं गुरुजी पर फूल भी फेंक रहा था। तभी पीछे से किसी का हाथ मेरे मोबाइल पर जोर से लगा। मोबाइल मेरे हाथ से छूटकर सीधे गुरुजी के सिर पर लगा। मुझसे बहुत बड़ी गलती हुई।' यह कहना है झांसी के सौरभ का। जिनका मोबाइल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री के सिर पर लगने के बाद लोग साजिश रचने की बात कहने लगे थे। वह आगे कहते हैं- मैं उस वक्त बहुत डर गया था। चुपके से वहां से चला गया। मुझे लग रहा था कि लोग मुझे मारेंगे। मगर गुरुजी बहुत महान है, मुझे ढूंढा, मेरा मोबाइल मुझे लौटा दिया। पहले पढ़िए कि हिंदू एकता यात्रा में हुआ क्या था... साजिश की अफवाह के बाद धीरेंद्र शास्त्री ने अनाउंस किया झांसी में पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर यात्रा के दौरान फूलों के साथ किसी ने मोबाइल फेंक दिया। मोबाइल सीधे उनकी कनपटी पर आकर लगा। अचानक मोबाइल लगने से वह चौंक गए। हालांकि, उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा- जिसने भी फूलों के साथ मोबाइल फेंककर मारा है। वह मोबाइल मुझे मिल गया है। थोड़ी देर बाद यात्रा में यह अफवाह फैलने लगी कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पर हमला हुआ है। मामला पुलिस तक पहुंच गया। इसके तुंरत बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बीच यात्रा लाउडस्पीकर से अनाउंस किया। उन्होंने कहा- पुलिस ने सूचना दी कि आप पर हमले की सूचनाएं चल रही हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं मेरे ऊपर किसी तरह का हमला नहीं हुआ। फूल फेंकते समय किसी श्रद्धालु का मोबाइल गलती से आकर लगा था। किसी तरह की साजिशें नहीं चल रही हैं। दोनों ही प्रदेश का शासन-प्रशासन सख्त है। दैनिक भास्कर ने इसके बाद मोबाइल के मालिक सौरभ को ढूंढा। उनसे बात की, सामने आया कि वह झांसी के मऊरानीपुर इलाके के रानीपुर के रहने वाले हैं। सौरभ ने बताया कि मैं मंगलवार दोपहर को मऊरानीपुर के रामवन होटल के पास यात्रा देखने के लिए पहुंचा था। हाईवे पर भीड़ बहुत ज्यादा थी। सभी गुरुजी को देखना चाहते थे। मैं भी डिवाइडर पर खड़ा होकर उनका इंतजार करने लगा। जब वे पास में आए तो मोबाइल निकाल कर उनका वीडियो बनाने लगा। इसी दौरान पीछे से किसी श्रद्धालु ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर फूल फेंके। उस वक्त उसका हाथ जोर से मेरे मोबाइल पर लगा। मेरा मोबाइल हाथ से छिटक गया और पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गाल पर जा लगा। इसके तुरंत बाद पंडित शास्त्री ने माइक से कहा कि किसी का मोबाइल आकर मुझे लगा है। वह अपना गाल हाथ से घिसने लगी, इससे मैं डर गया और वहां से निकल गया। गुरुजी ने मोबाइल लौटाया...वह बहुत महान है सौरभ ने आगे बताया- यात्रा दोपहर को बंगरा पहुंची। यहां पर लंच हुआ तो मैं भी वहां पहुंच गया। लंच के बाद शाम करीब 4:45 बजे गुरुजी अपने भक्तों को संबोधित कर रहे थे। तभी उन्होंने कहा कि एक भक्त ने गलती से फूलों के साथ मोबाइल फेंका, जो मेरे गाल पर लगा। तभी मैंने हाथ जोड़कर कहा मोबाइल मेरा था। गुरुजी ने मुझे देख लिया और पूछा क्या तुम्हारा मोबाइल था? तब हाथ हिलाकर मैंने उनको बताया कि हां मेरा मोबाइल था, गलती हो गई। इसके बाद गुरुजी ने अपनी टीम को आदेश दिया इस भक्त को तत्काल प्रभाव से मोबाइल लौटा दो। उनकी टीम ने मुझे मोबाइल लौटा दिया। गुरुजी बहुत महान है, उन्होंने मेरी गलती को माफ कर दिया।
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