यूपी बार कौंसिल ने वकीलों पर लाठीचार्ज पर विरोध जताया:विशेष जांच समिति गठित, गाजियाबाद से रिपोर्ट आने पर बैठक में फैसला होगा

यूपी बार कौंसिल ने गाजियाबाद कचहरी में वकीलों पर पुलिस के बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज पर विरोध जताया है। साथ ही प्रकरण की निष्पक्ष व पारदर्शी जांच के लिए विशेष जांच समिति गठित की है। कौंसिल के अध्यक्ष शिवकिशोर गौड़ ने बताया कि विशेष जांच समिति में रोहिताश्व कुमार अग्रवाल, मधुसूदन त्रिपाठी, अरुण कुमार त्रिपाठी, अजय यादव एवं प्रशांत सिंह अटल को शामिल किया गया है। साथ ही समिति से अपेक्षा की है कि वह अविलम्ब गाजियाबाद जाकर प्रकरण की जांच कर अपनी आख्या बार कौंसिल में प्रस्तुत करें। शिव किशोर गौड़ ने कहा कि जिला जज ने उच्च न्यायालय को सूचित किए बगैर या यूपी बार कौंसिल को संज्ञान में लिए बिना पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स बुलाकर अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज कराया है। बार कौंसिल इस कृत्य पर अपना विरोध दर्ज कराती है। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारी चाहे वह पुलिस/प्रशासनिक अधिकारी हो या न्यायिक अधिकारी हो, बक्शे नहीं जाएंगे। बार कौंसिल इनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग करती है। कौंसिल ने उच्च न्यायालय से ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध जांच कर सख्त कार्यवाही करने और न्यायालय परिसर से पुलिस को तत्काल हटाए जाने की मांग की है। साथ ही प्रकरण पर 30 अक्टूबर को शाम चार बजे आपात बैठक आहूत की है, जिसमें अग्रिम कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा।

Oct 30, 2024 - 01:35
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यूपी बार कौंसिल ने वकीलों पर लाठीचार्ज पर विरोध जताया:विशेष जांच समिति गठित, गाजियाबाद से रिपोर्ट आने पर बैठक में फैसला होगा
यूपी बार कौंसिल ने गाजियाबाद कचहरी में वकीलों पर पुलिस के बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज पर विरोध जताया है। साथ ही प्रकरण की निष्पक्ष व पारदर्शी जांच के लिए विशेष जांच समिति गठित की है। कौंसिल के अध्यक्ष शिवकिशोर गौड़ ने बताया कि विशेष जांच समिति में रोहिताश्व कुमार अग्रवाल, मधुसूदन त्रिपाठी, अरुण कुमार त्रिपाठी, अजय यादव एवं प्रशांत सिंह अटल को शामिल किया गया है। साथ ही समिति से अपेक्षा की है कि वह अविलम्ब गाजियाबाद जाकर प्रकरण की जांच कर अपनी आख्या बार कौंसिल में प्रस्तुत करें। शिव किशोर गौड़ ने कहा कि जिला जज ने उच्च न्यायालय को सूचित किए बगैर या यूपी बार कौंसिल को संज्ञान में लिए बिना पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स बुलाकर अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज कराया है। बार कौंसिल इस कृत्य पर अपना विरोध दर्ज कराती है। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारी चाहे वह पुलिस/प्रशासनिक अधिकारी हो या न्यायिक अधिकारी हो, बक्शे नहीं जाएंगे। बार कौंसिल इनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग करती है। कौंसिल ने उच्च न्यायालय से ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध जांच कर सख्त कार्यवाही करने और न्यायालय परिसर से पुलिस को तत्काल हटाए जाने की मांग की है। साथ ही प्रकरण पर 30 अक्टूबर को शाम चार बजे आपात बैठक आहूत की है, जिसमें अग्रिम कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा।

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