रामविवाह का उल्लास, सीता के हाथों में सजने लगी मेंहदी:भगवान श्रीराम और सीता का हो रहा भव्य श्रृंगार,उत्सव के लिए गढ़े जा रहे जेवर
अगहन मास के शुक्ल पक्ष पंचमी अर्थात विवाह पंचमी इस साल छह दिसंबर को पड़ रही है।भगवान श्रीराम और श्रीसीता के विवाह की इस तिथि को इस बार बेहद खास बनाए जाने की तैयारियां हैं।महापर्व को लेकर श्रीराम का दूल्हा के रूप में पूजा करने वाले श्रीराम भक्ति की रसिक भाव से उपासना करने वाले मंदिरों में उल्लास गहराने लगा है।जानकी महल ट्रस्ट में सीता जी के हाथ में मेंहदी सजाई जाने लगी है।उनके हाथों में सुर्ख लाल रंग की सजी मेंहदी को लेकर सखियां खुश होकर मंगल गीत का गायन भी कर रही हैं। यहां विवाह समारोह के लिए जयपुर में सोने के आभूषण खास तौर पर गढ़े जा रहे हैं। बारातियों की सेवा के लिए काशी की चाट और कोलकोता की चाय के स्टाल के साथ बारात में हाथी.घोडा और विशेष बैंड की व्यवस्था की गई है।बारात का साक्षी बनने के लिए देश के कई कोनों से 500 राम भक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं।इस मंदिर में रामार्चा पूजन के साथ 3 दिसंबर से श्रीराम विवाह का उत्सव आरंभ हो जाएगा। जानकी महल में पूरे साल भगवान श्रीराम की दूल्हा के रूप में उपासना जानकी महल के हनुमान मंदिर के पुजारी पंकज मिश्र ने कहा कि श्रीराम और सीता अभिन्न हैं। लोक कल्याण के लिए दोनों ने अलग-अलग शरीर धारण कर इस धरा पर लीलाएं की।बिना सीता के हम श्रीराम की कल्पना ही नहीं करते।जानकी महल में पूरे साल भगवान श्रीराम की दूल्हा के रूप में उपासना की जाती है। यह श्री सीता जी का महल है जहां श्रीराम दूल्हा के रूप में नित विराजमान रहते हैं।इस युगल सरकार का दर्शन भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर आनंद प्रदान करने वाला होता है। बड़ा भक्तमाल में 3 दिवसीय होगा महोत्सव बड़ा भक्तमाल मंदिर में महंत अवधेश कुमार दास की देखरेख में महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं।यहां तिलक उत्सव, हल्दी चढ़ावन और मटकोर 5 दिसंबर को होगा। 6 दिसंबर को श्रीसीताराम विवाह और 7 दिसंबर को रामकलेवा का आयोजन किया गया है। इस महोत्सव का भव्य आमंत्रण पत्र संतों और राम भक्तों को भेजा जा रहा है।इसके डिजिटल कार्ड के साथ आज जनकपुर में मड़वा बड़ सुहावन लागे। सीता के चढ़े ला हरदिया बड़ सुहावन लागे। भक्तों को भाव विभोर कर रहा है।
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