लखनऊ के फर्नीचर गोदाम में भीषण आग, निकलीं चीखें:खाना बनाते वक्त गद्दे से निकला धुआं; देखते ही देखते हुए धमाके, कारखाना राख

लखनऊ में शक्ति नगर स्थित रिहायशी इलाके में अवैध रूप से चल रहे फर्नीचर गोदाम में शुक्रवार शाम को आग लग गई। वहां काम करने वाले 40 लोगों की जान खतरे में पड़ गई। गोदाम में खाना बना रही महिला का कहना है, कि शाम को खाना बना रहे थे, तभी गद्दा कारखाना में एक गद्दे से धुआं निकला और फिर लपटें उठने लगीं। देखते ही देखते आग ऐसी फैली कि पूरे कारखाने को चपेट में ले लिया। केमिकल, रंग, खाने और काम में प्रयोग होने वाले छोटे सिलेंडरों के धमाके होने लगे। मजदूर से लेकर मालिक तक जान बचाने के लिए बाहर भागे। कोई दीवार चढ़कर भागा तो कोई खिड़की से कूदकर भागा। हम गेट के पास थे तो बच्चों के लेकर बाहर आ गए। यह कहना है बहराइच की रहने वाली नूरबानो बानो का। वो करीब 13 साल से यहां पर पति और बच्चों के साथ दिहाड़ी पर काम करती हैं। बच्चों का हाथ पकड़कर बाहर भागे सामान के चक्कर में फंसे, बच गई जान मूल रूप से बहराइच के वजीरगंज निवासी अली हुसैन की पत्नी नूरबानो घटना के बाद कारखाने के बाहर बच्चों के साथ बैठी रोती रहीं। उनका कहना है कि आग से पूरी गृहस्थी जल गई है। आग लगते ही बेटे महताब, बेटी साफिया और सदान को गोद में लेकर बाहर भागीं। पति कुछ सामान उठाने के चक्कर में आग में ही फंस गए थे। एक गद्दा जलता हुआ उनके पास गिरा, लेकिन ऊपर वाले ने उन्हें बचा लिया। किसी तरह से उनकी जान बच गई। आग बुझाने वाला सिलेंडर लेकर आए, लेकिन आग भड़क चुकी थी गद्दा कारखाने में काम करने वाले अनिल कुमार ने आंखों देखी बताई। उन्होंने ही सबसे पहले आग लगते देखा और आग बुझाने में झुलस भी गए। अनिल ने बताया कि बिजली के बोर्ड के पास गद्दा रखा था। तभी अचानक आग लग गई। मैं दूसरी मंजिल पर रखा सिलेंडर लेने के लिए शोर मचाते हुए भागा। नीचे आकर बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक आग भड़क चुकी थी। जलता गद्दा गिरने से पैर और गर्दन झुलस गया। घटना के वक्त तीनों कारखाना के मालिकों के साथ करीब 40 लेबर मौजूद थे। नीचे वाले सामने, पीछे के गेट और खिड़की से कूदकर भागे। वहीं, दूसरी दूसरी मंजिल पर काम करने वाले लेबर जालीदार बनी दीवार के सहारे कूद कर भागे। यदि निकास के रास्ते न होते तो बड़ा हादसा हो जाता। किसी तरह से बचाई जान, अब नौकरी भी गई यहां काम करने वाले रोशन ने बताया कि आग ने तो हमारा सब कुछ तबाह कर दिया है। नौकरी भी चली गई और सारा सामान जल गया। रोशन ने कहा कि आग फैलते ही जिसको जिधर भागने का मौका मिला उधर भागने लगा था। ​​सब को लग रहा था कि किसी तरह जान बचाई जाए, वरना सारे सामान की तरह उसी में जलकर राख हो जाएंगे। घटना के वक्त कारखाने के पास भीड़ जमा हो गई थी। कारखानों में बन रहा था सहालग का सामान फर्नीचर गोदाम के मालिक रफी उल्लाह ने बताया कि दोनों फर्नीचर के गोदाम में सहालग के चलते सोफा, अलमारी और बेड बनाए जा रहे थे। आग से पूरा सामान जलकर राख हो गया। उनका कहना है कि आग लगते ही सब लोग पहले गेट की तरफ भागे, लेकिन वहां फैले गद्दों ने आग पकड़ ली थी, इसलिए दूसरे गेट और खिड़की दरवाजों से लोग बाहर भागे। उनका कहना है कि गद्दा कारखाना संचालक के इस तरह सामान बीच में डालने और गेट तक कवर करने को लेकर दोनों मालिकों ने गोदाम संचालक से शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। रात 11 बजे पूरी तरह बुझी आग दमकल की 10 गाड़ियों ने करीब पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। करीब शाम 6 बजे लगी आग 11 बजे के बाद बुझ सकी। शक्ति नगर ढाल के पास स्थित प्रद्युम्न रस्तोगी के इस दो मंजिला बिल्डिंग में दो फर्नीचर और एक गद्दे और फोम का कारखाना किराए पर चलता था। आग की सूचना पर हजरतगंज एफएसओ राम कुमार रावत दो दमकल की गाड़ी के साथ मौके पर पहुंचे। आग विकराल होने की सूचना पर एफएसओ मंगेश कुमार भी हजरतगंज, गोमती नगर, इंदिरा नगर और चौक की दमकल की गाडियों के साथ पहुंच गए। सीएफओ के मुताबिक शार्ट सर्किट से आग गद्दा कारखाना की तरफ से लगी और अंदर की तरफ बढ़ी। जिससे फर्नीचर गोदाम में रखे सामान ने भी आग पकड़ ली। दमकल की करीब 10 गाड़ियों ने तीन तरफ से पानी डालकर आग पर काबू पाया। बिल्डिंग में धुआं भरा होने के चलते अग्निशमन कर्मियों ने बीए (बीदिंग ऑपरेटस सेट) पहनकर राहत कार्य चलाया। आग बुझाने में करीब हर गाड़ी ने 5 से 6 चक्कर लगाए होंगे। आग बुझाने में करीब 50 हजार लीटर पानी लगा होगा। नोटिस जारी कर की जाएगी कार्रवाई सीएफओ ने बताया कि कारखाना रिहायशी इलाके में अवैध रूप से चल रहा था। बिल्डिंग की फायर एनओसी नहीं है। बिल्डिंग मालिक और संबंधित लोगों को नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी। यह भी पढ़ें लखनऊ में फर्नीचर गोदाम में भीषण आग:केमिकल से भरे ड्रम फटे, तेज धमाका; फायर ब्रिगेड ने 3 घंटे में पाया काबू लखनऊ के एक फर्नीचर गोदाम में शुक्रवार शाम को भीषण आग लग गई। जिससे अफरा-तफरी मच गई। गोदाम में भारी मात्रा में फर्नीचर और अन्य ज्वलनशील सामग्री मौजूद थी, जिससे आग तेजी से फैल गई। केमिकल और रंग के ड्रम फटने से चार-पांच बार तेज धमाके हुए। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने में जुट गईं। आस-पास के घरों को खाली करा दिया गया है। बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट होने से लगी है। पढ़ें पूरी खबर...

Nov 30, 2024 - 08:40
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लखनऊ के फर्नीचर गोदाम में भीषण आग, निकलीं चीखें:खाना बनाते वक्त गद्दे से निकला धुआं; देखते ही देखते हुए धमाके, कारखाना राख
लखनऊ में शक्ति नगर स्थित रिहायशी इलाके में अवैध रूप से चल रहे फर्नीचर गोदाम में शुक्रवार शाम को आग लग गई। वहां काम करने वाले 40 लोगों की जान खतरे में पड़ गई। गोदाम में खाना बना रही महिला का कहना है, कि शाम को खाना बना रहे थे, तभी गद्दा कारखाना में एक गद्दे से धुआं निकला और फिर लपटें उठने लगीं। देखते ही देखते आग ऐसी फैली कि पूरे कारखाने को चपेट में ले लिया। केमिकल, रंग, खाने और काम में प्रयोग होने वाले छोटे सिलेंडरों के धमाके होने लगे। मजदूर से लेकर मालिक तक जान बचाने के लिए बाहर भागे। कोई दीवार चढ़कर भागा तो कोई खिड़की से कूदकर भागा। हम गेट के पास थे तो बच्चों के लेकर बाहर आ गए। यह कहना है बहराइच की रहने वाली नूरबानो बानो का। वो करीब 13 साल से यहां पर पति और बच्चों के साथ दिहाड़ी पर काम करती हैं। बच्चों का हाथ पकड़कर बाहर भागे सामान के चक्कर में फंसे, बच गई जान मूल रूप से बहराइच के वजीरगंज निवासी अली हुसैन की पत्नी नूरबानो घटना के बाद कारखाने के बाहर बच्चों के साथ बैठी रोती रहीं। उनका कहना है कि आग से पूरी गृहस्थी जल गई है। आग लगते ही बेटे महताब, बेटी साफिया और सदान को गोद में लेकर बाहर भागीं। पति कुछ सामान उठाने के चक्कर में आग में ही फंस गए थे। एक गद्दा जलता हुआ उनके पास गिरा, लेकिन ऊपर वाले ने उन्हें बचा लिया। किसी तरह से उनकी जान बच गई। आग बुझाने वाला सिलेंडर लेकर आए, लेकिन आग भड़क चुकी थी गद्दा कारखाने में काम करने वाले अनिल कुमार ने आंखों देखी बताई। उन्होंने ही सबसे पहले आग लगते देखा और आग बुझाने में झुलस भी गए। अनिल ने बताया कि बिजली के बोर्ड के पास गद्दा रखा था। तभी अचानक आग लग गई। मैं दूसरी मंजिल पर रखा सिलेंडर लेने के लिए शोर मचाते हुए भागा। नीचे आकर बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक आग भड़क चुकी थी। जलता गद्दा गिरने से पैर और गर्दन झुलस गया। घटना के वक्त तीनों कारखाना के मालिकों के साथ करीब 40 लेबर मौजूद थे। नीचे वाले सामने, पीछे के गेट और खिड़की से कूदकर भागे। वहीं, दूसरी दूसरी मंजिल पर काम करने वाले लेबर जालीदार बनी दीवार के सहारे कूद कर भागे। यदि निकास के रास्ते न होते तो बड़ा हादसा हो जाता। किसी तरह से बचाई जान, अब नौकरी भी गई यहां काम करने वाले रोशन ने बताया कि आग ने तो हमारा सब कुछ तबाह कर दिया है। नौकरी भी चली गई और सारा सामान जल गया। रोशन ने कहा कि आग फैलते ही जिसको जिधर भागने का मौका मिला उधर भागने लगा था। ​​सब को लग रहा था कि किसी तरह जान बचाई जाए, वरना सारे सामान की तरह उसी में जलकर राख हो जाएंगे। घटना के वक्त कारखाने के पास भीड़ जमा हो गई थी। कारखानों में बन रहा था सहालग का सामान फर्नीचर गोदाम के मालिक रफी उल्लाह ने बताया कि दोनों फर्नीचर के गोदाम में सहालग के चलते सोफा, अलमारी और बेड बनाए जा रहे थे। आग से पूरा सामान जलकर राख हो गया। उनका कहना है कि आग लगते ही सब लोग पहले गेट की तरफ भागे, लेकिन वहां फैले गद्दों ने आग पकड़ ली थी, इसलिए दूसरे गेट और खिड़की दरवाजों से लोग बाहर भागे। उनका कहना है कि गद्दा कारखाना संचालक के इस तरह सामान बीच में डालने और गेट तक कवर करने को लेकर दोनों मालिकों ने गोदाम संचालक से शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। रात 11 बजे पूरी तरह बुझी आग दमकल की 10 गाड़ियों ने करीब पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। करीब शाम 6 बजे लगी आग 11 बजे के बाद बुझ सकी। शक्ति नगर ढाल के पास स्थित प्रद्युम्न रस्तोगी के इस दो मंजिला बिल्डिंग में दो फर्नीचर और एक गद्दे और फोम का कारखाना किराए पर चलता था। आग की सूचना पर हजरतगंज एफएसओ राम कुमार रावत दो दमकल की गाड़ी के साथ मौके पर पहुंचे। आग विकराल होने की सूचना पर एफएसओ मंगेश कुमार भी हजरतगंज, गोमती नगर, इंदिरा नगर और चौक की दमकल की गाडियों के साथ पहुंच गए। सीएफओ के मुताबिक शार्ट सर्किट से आग गद्दा कारखाना की तरफ से लगी और अंदर की तरफ बढ़ी। जिससे फर्नीचर गोदाम में रखे सामान ने भी आग पकड़ ली। दमकल की करीब 10 गाड़ियों ने तीन तरफ से पानी डालकर आग पर काबू पाया। बिल्डिंग में धुआं भरा होने के चलते अग्निशमन कर्मियों ने बीए (बीदिंग ऑपरेटस सेट) पहनकर राहत कार्य चलाया। आग बुझाने में करीब हर गाड़ी ने 5 से 6 चक्कर लगाए होंगे। आग बुझाने में करीब 50 हजार लीटर पानी लगा होगा। नोटिस जारी कर की जाएगी कार्रवाई सीएफओ ने बताया कि कारखाना रिहायशी इलाके में अवैध रूप से चल रहा था। बिल्डिंग की फायर एनओसी नहीं है। बिल्डिंग मालिक और संबंधित लोगों को नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी। यह भी पढ़ें लखनऊ में फर्नीचर गोदाम में भीषण आग:केमिकल से भरे ड्रम फटे, तेज धमाका; फायर ब्रिगेड ने 3 घंटे में पाया काबू लखनऊ के एक फर्नीचर गोदाम में शुक्रवार शाम को भीषण आग लग गई। जिससे अफरा-तफरी मच गई। गोदाम में भारी मात्रा में फर्नीचर और अन्य ज्वलनशील सामग्री मौजूद थी, जिससे आग तेजी से फैल गई। केमिकल और रंग के ड्रम फटने से चार-पांच बार तेज धमाके हुए। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने में जुट गईं। आस-पास के घरों को खाली करा दिया गया है। बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट होने से लगी है। पढ़ें पूरी खबर...

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