लखनऊ में कमला बहुगुणा जन्म शताब्दी पर वाद-विवाद प्रतियोगिता:40 विश्वविद्यालयों के छात्रों की भागीदारी; फाइनल मुकाबला नवंबर में होगा

लखनऊ में स्व. कमला बहुगुणा के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति द्वारा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 40 विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस आयोजन का मुख्य विषय था, "क्या भारत में महिलाओं को आरक्षण देने से वास्तविक समानता हासिल की जा सकती है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी उपस्थित रहीं। प्रतिभागियों की भागीदारी बीबीडी विश्वविद्यालय, इंटीग्रल विश्वविद्यालय, श्री जय नारायण पीजी कॉलेज और श्री गुरु नानक गर्ल्स महाविद्यालय के छात्रों ने इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बीबीडी विश्वविद्यालय से 30, इंटीग्रल से 40, जय नारायण पीजी कॉलेज से 35 और श्री गुरु नानक गर्ल्स पीजी कॉलेज से 20 छात्रों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। विषय के पक्ष में वक्ताओं ने कहा कि आरक्षण महिलाओं के विकास के लिए आवश्यक है और इससे उनकी भागीदारी बढ़ेगी। वहीं, विपक्ष ने तर्क दिया कि भारत में सक्षम महिलाओं की कभी कमी नहीं रही और वास्तविक सशक्तिकरण के लिए मानसिकता में बदलाव जरूरी है। मुख्य अतिथि ने मां कमला बहुगुणा के संघर्ष को बताया मुख्य अतिथि ने अपनी मां कमला बहुगुणा के संघर्ष और समाज सेवा के बारे में बताया कि कमला बहुगुणा ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उत्तर प्रदेश जिला परिषद की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गईं। प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रतियोगिता में बीबीडी विश्वविद्यालय की दीक्षा सिंह ने प्रथम स्थान, इंटीग्रल विश्वविद्यालय के रोशन हुसैन ने प्रथम स्थान और श्री गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज की नंदिनी सिंह ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। फाइनल मुकाबला नवंबर के दूसरे सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रथम पुरस्कार रुपये 51000, द्वितीय पुरस्कार ₹ 31000 और तृतीय पुरस्कार के रूप में ₹21000 प्रदान किए जाएंगे और ₹ 2100 फाइनल के सभी प्रतिभागियों को दिए जाएंगे।

Oct 24, 2024 - 10:30
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लखनऊ में कमला बहुगुणा जन्म शताब्दी पर वाद-विवाद प्रतियोगिता:40 विश्वविद्यालयों के छात्रों की भागीदारी; फाइनल मुकाबला नवंबर में होगा
लखनऊ में स्व. कमला बहुगुणा के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति द्वारा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 40 विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस आयोजन का मुख्य विषय था, "क्या भारत में महिलाओं को आरक्षण देने से वास्तविक समानता हासिल की जा सकती है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी उपस्थित रहीं। प्रतिभागियों की भागीदारी बीबीडी विश्वविद्यालय, इंटीग्रल विश्वविद्यालय, श्री जय नारायण पीजी कॉलेज और श्री गुरु नानक गर्ल्स महाविद्यालय के छात्रों ने इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बीबीडी विश्वविद्यालय से 30, इंटीग्रल से 40, जय नारायण पीजी कॉलेज से 35 और श्री गुरु नानक गर्ल्स पीजी कॉलेज से 20 छात्रों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। विषय के पक्ष में वक्ताओं ने कहा कि आरक्षण महिलाओं के विकास के लिए आवश्यक है और इससे उनकी भागीदारी बढ़ेगी। वहीं, विपक्ष ने तर्क दिया कि भारत में सक्षम महिलाओं की कभी कमी नहीं रही और वास्तविक सशक्तिकरण के लिए मानसिकता में बदलाव जरूरी है। मुख्य अतिथि ने मां कमला बहुगुणा के संघर्ष को बताया मुख्य अतिथि ने अपनी मां कमला बहुगुणा के संघर्ष और समाज सेवा के बारे में बताया कि कमला बहुगुणा ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उत्तर प्रदेश जिला परिषद की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गईं। प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रतियोगिता में बीबीडी विश्वविद्यालय की दीक्षा सिंह ने प्रथम स्थान, इंटीग्रल विश्वविद्यालय के रोशन हुसैन ने प्रथम स्थान और श्री गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज की नंदिनी सिंह ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। फाइनल मुकाबला नवंबर के दूसरे सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रथम पुरस्कार रुपये 51000, द्वितीय पुरस्कार ₹ 31000 और तृतीय पुरस्कार के रूप में ₹21000 प्रदान किए जाएंगे और ₹ 2100 फाइनल के सभी प्रतिभागियों को दिए जाएंगे।

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